Dashashvamedhika
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Dashashvamedhika (दशाश्वमेधिक) is a pilgrim mentioned in Mahabharata situated on the bank of river Ganges. It is probably Dashashvamedha of Kashi.
Origin
Variants
- Dashashvamedhika (दशाश्वमेधिक) (AS, p.430)
- Dashashvamedha (दशाश्वमेध)(AS, p.430)
History
दशाश्वमेधिक
विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...दशाश्वमेधिक (AS, p.430) नामक तीर्थ स्थान की स्थिति महाभारत, वनपर्व (तीर्थयात्रा प्रसंग) में गंगा के तट पर बताई गई है- 'दशाश्वमेधिक चैव गंगायां कुरुनन्दन'। महाभारत, वनपर्व 85, 87. संभवत: यह तीर्थ स्थान काशी का प्रसिद्ध दशाश्वमेध है। कुछ इतिहासज्ञों का मत है कि दशाश्वमेध भारशिव नरेशों का स्मृति चिह्न है, क्योंकि इन्होंने काशी में 'दश' अश्वमेध यज्ञ किए थे।
In Mahabharata
Dashaswamedhika (दशाश्वमेधिक) in Mahabharata (III.81.52)
Vana Parva, Mahabharata/Book III Chapter 81 mentions names of Tirthas (Pilgrims). Dashaswamedhika (दशाश्वमेधिक) is mentioned in Mahabharata (III.81.52).[2]....There, O king, in that tirtha is also another called Dashaswamedhika (दशाश्वमेधिक) (3.81.52). Bathing there, O tiger among men, one attains to a high state.
External links
References
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.430
- ↑ पूतात्मानश च राजेन्द्र परयान्ति परमां गतिम, दशाश्वमेधिकं चैव तस्मिंस तीर्थे महीपते, तत्र सनात्वा नरव्याघ्र गच्छेत परमां गतिम (III.81.52)