Glimpse of Rural Life of Haryanavi Jats
ग्राम्य जीवन सभी को लुभाता है. वर्तमान में चाहए जाट आज रास्ट्रीय और अंतर्रास्त्रीय स्तर पर विकास की नयी गाथाये लिख रहे हैं किन्तु हम सबका उदभव ग्रामो से ही है. प्रस्तुत पेज पर ग्रामीण जीवन से सम्बंधित कुछ चित्र है. सौजन्य - राकेश सहरावत एवं दयानन्द देसवाल.
Gallery
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जाट पंचायत का एक दृश्य
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बैलगाड़ी
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देसी चारपाई
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परम्परागत वेशभूषा
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देसी अलाव (हारा)
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चरखा कातना
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पनिहारिन
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बिजली से चलने वाला चाक
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भड़भूजे
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सावन के झूले
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अनाज बरसाना
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जाट का दोस्त - मोर
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पनिहारिन
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बैलों को चारा डालना
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दही बिलोना और चटनी कूटना
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टेसू के फूल
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टींट तोड़ना
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हाथ की चक्की
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स्वांग (सांग)
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अळगोजा (देसी बांसुरी)
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बीन
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डोरू (बजाने वाला देसी ड्रम)
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हल चलाता किसान
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गाय या भैंस के साथ जोहड़ में मस्ती
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खेतों से शाम को घर लौटना
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सुबह-सुबह खेतों के लिए निकलना
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बैलगाड़ी की दौड़
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वृद्ध का दम - घड़ौंची उठाये हुए
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Desi Dumble
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एक वृद्ध व्यक्ति द्वारा भारोत्तोलन
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उंचे पेड़ से पानी में कूदना
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नहर में छलांग लगाते बालक
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कोल्हू द्वारा गन्ने का रस निकालना
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गन्ने के रस की चासनी (गुड़ बनाने के लिए)
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गन्ने के रस को उबालना (गुड़ आदि बनाने के लिए)
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एकदम ताजा गुड़
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एक पुरानी हवेली का नमूना
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कुश्ती से पहले हाथ मिलाना
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कुश्ती का दंगल
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खलिहान में किसान
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हल्दी की रस्म
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झूमर नृत्य
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महिला की वेशभूषा
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खुले मंच पर सांग का प्रदर्शन
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पच्चीस किलो दूध देने वाली भैंस-सुन्दरी रैंप पर - जींद, फरवरी 2012
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पच्चीस किलो दूध देने वाली भैंस-सुन्दरी रैंप पर - जींद, फरवरी 2012
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बैलगाड़ी की दौड़
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बैलों द्वारा खीची जाने वाली हैरो
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ऊंट रेहड़ा
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ऊँट से चारा ढुलाई
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चिलम का कश लगाता हुआ किसान
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गाय का दूध दुहती एक युवती
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बाजरा कूटती महिलायें
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हरयाणे के एक गांव में नाचता हुआ मोर
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एक देसी, सुन्दर, खात्तीचिड़ा (कठफोड़ा)
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गितवाड़े का एक नजारा
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गोबर के गोस्से - सस्ता ईंधन चूल्हे के लिए
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पशु-मेले में एक देसी हरयाणवी गाय
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एक देसी हरयाणवी सांड
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कैर के पेड़ - जिन्हें हम भूलते जा रहे हैं ।
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कीकर पर लटकते बय्यां के आल्हणे
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हाथ से चलाई जाने वाली देसी खांड बनाने की मशीन
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एक ऊंट के साथ हल जोतता किसान
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खेतों में पुआल से धान झाड़ना
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सांझी
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कुरुक्षेत्र में सूर्य-ग्रहण के समय स्नान का एक दृश्य
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हथिनी कुंड बराज
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गांव की पाठशाला खुले आसमान के नीचे
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गांव का परम्परागत चूल्हा
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हाथ की चक्की
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ईंख की बुवाई (गंडीरी दाबना)
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खेतों में कपास चुगती हुई महिलायें
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हरयाणा में राजस्थान के अतिथि