Hari Bhakar

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Shahid Hari Bhakar

Hari Bhakar (born:1.10.1998 - died:24.3.2019) from village Joosri near Makarana in Nagaur district of Rajasthan became martyr on 24.3.2019. The 21-year-old martyr Grenadier Hari Bhakar was killed in a ceasefire violation at Kerni areas in Jammu and Kashmir’s Poonch along the LOC in Jammu and Kashmir by Pakistani troops.

The Martyr

The last rites of the martyr were performed at his native village Joosri on Monday 25.3.2019. Thousands of people reached the village to pay tribute to the braveheart on Monday. His body was taken to the cremation ground. A huge crowd was present. The body of martyr grenadier Hari Bhakar reached Jaipur Airport on Sunday 24.3.2019 and reached his native village around 10 pm.

According to the relatives, Hari Bhakar joined the Indian Army on June 14, 2016. He visited his home to attend his sister’s wedding in February.

As many as 15 members from his family are serving in the army including his twin brother Harendra. Hari’s sister married an IAF soldier last month.

Hari Bhakar’s father Padmaram who is a member of village Panchayat and farmer by profession said that it would be difficult for the family to live with this loss. But he is proud that his son sacrificed his life to protect the borders.

The family members and villagers mourned the death of Hari Bhakar as he lost his life at such a young age.

As per army officials, Hari Bhakar was critically injured in the cross-border firing on Saturday evening and was immediately taken to the nearest hospital. He succumbed to his injuries early morning on Sunday.

Pakistani forces opened fire on the Shahpur and Kerni areas in Jammu and Kashmir’s Poonch district around 6.30 pm on Saturday 23.3.2019 and it continued intermittently through the night. Heavy caliber weapons and rockets were used and fired at Indian army, officials said.

An official statement issued by the Ministry of Defence confirmed heavy casualties and damage on Pakistan side in strong and effective retaliation by the Indian troops in both Poonch and Rajouri sectors on Sunday 24.3.2019.[1]

जीवन परिचय

हरि भाकर का जन्म 1.10.1998 को नागौर जिले की मकराना तहसील के गांव जूसरी में हुआ. इनके साथ ही इनके जुड़वाँ भाई हरेन्द्र का भी जन्म हुआ. इनके पिता का नाम पदमाराम भाकर व दादा का नाम बन्नाराम भाखर है. इनका पालन पौषण संयुक्त परिवार में हुआ. दादा- बन्नाराम, दादी- सिणगारी देवी, बड़े पिता- रामेश्वर भाकर (शिक्षक), पिता- पदमाराम भाकर, माता- कमलादेवी. संयुक्त परिवार में हरी का पालन-पौषण बड़े लाड़-प्यार से हुआ. वह बचपन से ही बहुत होनहार और प्रतिभाशाली था.

प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी विद्यालय में हुई. कक्षा बारहवीं उत्तीर्ण करके कुचामन सिटी कॉलेज में प्रवेश लिया. 14 जून 2016 को नागौर जिले से आर्मी-भर्ती में मात्र साढ़े 17 वर्ष में आर्मी जॉइन की. 4-ग्रेनेडियर में जबलपुर से ट्रेनिंग पूरी की. हरि बचपन से ही देश-भक्ति की बातें करता था और देश सेवा हेतू भारतीय सेना में भर्ती होने की उत्कृष्ट इच्छा रखता था. वीर और देशभक्त बालक हरी भाकर का यह सपना साढ़े सत्रह वर्ष की उम्र में ही पूरा हुआ.

शहादत 23 मार्च 2019 को सायं 6.30 बजे एल.ओ.सी. पर पूंछ के शाहपुरा सेक्टर में अग्रिम चौकी पर तैनात हरि भाखर को पाकिस्तान सीजफायर में वीरता दिखाने का अवसर मिला. इस वीर सिपाही ने लगातार 40 गोले ग्रेनेड दागकर पाक के तीन सैनिकों को ढेर कर दिया और उनकी एक चौकी उड़ा दी. उसी समय दुर्भाग्य से एक ग्रेनेड दीवार तोड़ कर हरि के बाएं पैर से टकराया और पैर को अलग कर दिया.

घायल होते हुए भी इस वीर और बहादुर सिपाही ने साहस का परिचय देते हुए दुश्मनों पर ताबड़तोड़ वार करता रहा. एक घंटे तक लगातार फायरिंग करते हुए अंत में बेहोश होने पर इन्हें पूंछ के आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया. 24 मार्च 2019 को 3.30 बजे भारत मां के सच्चे सपूत ने अंतिम सांस ली.

25 मार्च 2019 को इनके पैतृक गाँव में राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गया. शहीद की अंतिम यात्रा में पूरा जूसरी गाँव और मकराना तहसील के 36 ग्राम पंचायतों के हजारों लोग उपस्थित हुये और श्रद्धा-सुमन अर्पित किए. इस अवसर पर नागौर जिले के सभी विधायकगणों की उपस्थिति में सेना की टुकड़ी द्वारा सलामी दी गई. 'भाकरों की ढाणी' में भारत माता के जयकारों से आसमान गूंज उठा.

शहीद के अंतिम संस्कार में केंद्रीय मंत्री सी. आर. चौधरी, राजस्थान सरकार में सैन्य कल्याण व परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, मकराना विधायक रुपाराम मुरावतिया, लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, डीडवाना विधायक चेतन डूडी, परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया, पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा पूर्व विधायक श्रीराम भींचर, पूर्व विधायक जाकिर हुसैन गैसावत, एसपी नागौर गगनदीप सिंगला, कलेक्टर नागौर दिनेश कुमार यादव, प्रधान हिम्मत सिंह राजपुरोहित सहित जिले भर से जनप्रतिनिधियों ने शहीद को अंतिम सलामी दी.

हरि भाकर शहीद हुये

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ और नौशेरा में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. शनिवार दिनांक 23.3.2019 की रात में हुई भारी गोलाबारी में प्रदेश के नागौर जिले का जाबांज सपूत हरि भाकर शहीद हो गये. भाकर नागौर जिले की मकराना तहसील के जूसरी गांव के रहने वाले थे. शहीद भाकर की पार्थिव देह रविवार 24.3.2019 शाम को जयपुर लाई गई. सोमवार 25.3.2019 को भाकर के पैतृक गांव जूसरी में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. लाडले के शहादत की सूचना के बाद जूसरी गांव में माहौल गमगीन हो गया. हरि भाकर 2016 में सेना में भर्ती हुए थे. शहीद भाकर 4 ग्रेनेडियर में तैनात थे. बताया जा रहा है कि पाक ने शनिवार को सीज फायर का उल्लघंन किया. इसी दौरान नागौर का यह सपूत शहीद हो गया. जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की एक चौकी उड़ा दी थी.[2]


गत माह बहिन की शादी में आए थे भाकर: शहीद हरि भाकर का छोटा जुड़वा भाई हरेंद्र भाकर भी भारतीय सेना में है. गत 8 फरवरी 2019 को ही दोनों भाई बड़ी बहिन की शादी में छुट्टी घर आए थे. आगामी 28 मार्च 2019 को शहीद भाकर के परिवार में शादी भी है.

पिक्चर गैलरी

संदर्भ

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