Hira Singh Purvanshi
Hira Singh Purvanshi (Sepoy) - From Mukandpura, Jat Nagala, Karauli, Rajasthan, Martyr on 21 June 1999, Unit-04 Jat Regiment.
सिपाही हीरा सिंह पूर्वांशी का परिचय
वीरांगना - श्रीमती उर्मिला देवी
यूनिट - 4 जाट रेजिमेंट
ऑपरेशन विजय
कारगिल युद्ध 1999
सिपाही हीरा सिंह पूर्वांशी राजस्थान के करौली जिले के मुकुंदपुरा गांव के निवासी थे।
कारगिल युद्ध के समय 4 जाट बटालियन नियंत्रण रेखा से सटे हुए काकसर सेक्टर में तैनात थी। काकसर भूभाग 15000 फीट से ऊंचा व प्रायः बर्फ से ढका रहता है। इस क्षेत्र में विशेष चोटियों में पॉइंट 5608, पॉइंट 5605 और पॉइंट 5280 थे व इनके टॉप तक पहुंचना अत्यंत कठिन व दुर्गम था। 4 जाट बटालियन व जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स दोनों 121 इंफैट्री ब्रिगेड के नियंत्रण में काम कर रही थी। ब्रिगेड की योजना प्वाइंट 5608, पॉइंट 5605 और पॉइंट 5280 से शत्रु सेना को निष्कासित करके वापस कब्जा करने की थी।
औसत 17,500 फीट की ऊंचाई पर काकसर सेक्टर में ऐसा ऑपरेशन चलाना व सैन्यतंत्र स्थापित करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण था। प्रारंभिक अभियान 28 जून 1999 को चलाने का निर्णय लिया गया। आगामी मिशन की तैयारी के लिए स्थिति का आकलन करने टोही गश्ती दल भेजने की योजना बनाई गई।
21 जून 1999 को सिपाही हीरा सिंह ऐसे ही एक गश्ती दल का भाग थे। इस गश्ती दल को मौसम की प्रतिकूल स्थिति व छिपे हुए शत्रु सैनिकों के खतरनाक क्षेत्र से होकर निकलना पड़ा। शत्रु ने इस गश्ती दल की गतिविधि को देख लिया व यह गश्ती दल शत्रु की प्रचंड गोलीबारी में घिर गया। इस हमले में सिपाही हीरा सिंह गंभीर रूप से घायल होने से वीरगति को प्राप्त हुए पर वे साथी सैनिकों के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त कर गए।
सिपाही हीरा सिंह एक वीर और प्रतिबद्ध सैनिक थे जिन्होंने देश की सेवा में जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया।
राज्य सरकार ने हीरा सिंह के बलिदान को सम्मान देते हुए मुकंदुपुरा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय का नामकरण उनके नाम से कर दिया। यह विद्यालय अब माध्यमिक स्तर में क्रमोन्नत हो चुका है।
सिपाही हीरा सिंह पूर्वांशी के बलिदान को देश युगों युगों तक याद रखेगा।
शहीद का सम्मान
चित्र गैलरी
स्रोत
संदर्भ
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