Chandpur Palampur

From Jatland Wiki
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Kangra District Map

Chandpur (चांदपुर) is a town in tahsil Palampur of district Kangra in the state of Himachal Pradesh. Village is site of an ancient temple dedicated to Mata Jakhni.

Variants

Location

According to Census 2011 information the location code or village code of Chandpur village is 011840. Chandpur village is located in Palampur Tehsil of Kangra district in Himachal Pradesh, India. It is situated 44km away from district headquarter Palampur. Palampur is the sub-district headquarter of Chandpur village. As per 2009 stats, Chandpur village is also a gram panchayat. [1]

Jat clans

History

बैजनाथ शिव मंदिर के शिलालेख में शिव के साथ वीरभद्र की स्तुति की गई है और ये दोनों ही जाटों के पूर्वज माने गए हैं। दलीपसिंह अहलावत[2] ने लिखा है...पुरुवंशी राजा वीरभद्र हरद्वार के निकट तलखापुर का राजा था। राजा वीरभद्र शिवजी का अनुयायी था। वीरभद्र की वंशावली राणा धौलपुर जाट नरेश के राजवंश इतिहास से ली गई है जो निम्नलिखित हैं। राजा वीरभद्र के 5 पुत्र और 2 पौत्रों से जो जाटवंश चले (जाट इतिहास पृ० 83 लेखक लेफ्टिनेंट रामसरूप जून) - नहुषसंयातिवीरभद्र → (1) पौनभद्र (पौनिया या पूनिया गोत्र) (2) कल्हनभद्र (कल्हन गोत्र) (3) अतिसुरभद्र (अंजना गोत्र) (4) जखभद्र (जाखड़ गोत्र) (5) ब्रह्मभद्र (भिमरौलिया गोत्र) (6) दहीभद्र (दहिया गोत्र)

  1. पौनभद्र के नाम से पौनिया (पूनिया) गोत्र चला। यह जाट गोत्र हरयाणा, राजस्थान, बृज, उत्तरप्रदेश, पंजाब तथा पाकिस्तान में फैला हुआ है।
  2. कल्हनभद्र के नाम से कल्हन जाट गोत्र प्रचलित हुआ। इस गोत्र के जाट काठियावाड़ एवं गुजरात में हैं।
  3. अतिसुरभद्र के नाम से अंजना जाट गोत्र प्रचलित हुआ। ये लोग मालवा, मेवाड़ और पाकिस्तान में हैं।
  4. जखभद्र के नाम से जाखड़ जाट गोत्र चला। ये लोग हरयाणा, राजस्थान, पंजाब, कश्मीर और पाकिस्तान में फैले हुए हैं।
  5. ब्रह्मभद्र के नाम से भिमरौलिया जाट गोत्र चला। जाट राणा धौलपुर इसी गोत्र के थे। धौलपुर की राजवंशावली में वीरभद्र से लेकर धौलपुर के नरेशों तक सब राजाओं के नाम लिखे हुए हैं। इस जाट गोत्र के लोग हरयाणा, हरद्वार क्षेत्र, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान में हैं।
  6. दहीभद्र से दहिया जाट गोत्र प्रचलित हुआ। दहिया जाट हरयाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पंजाब तथा मध्य एशिया में फैले हुए हैं।

पालमपुर के समीप 5 किलोमीटर की दूरी पर चांदपुर गांव में प्राचीन जखणी माता मंदिर होने से जखभद्र के राज्य का अस्तित्व इस भू-भाग पर कभी होने का प्रमाण मिलता है। जखणी माता मंदिर के बारे में ऐतिहासिक जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई परंतु स्थानीय रूप से कुछ जानकारी उपलब्ध हो पाई है जो आगे दी गई है।

Jakhni Mata Mandir

Jakhni Mata Mandir: The Jakhni Mata Temple is a Hindu Temple in the town of Palampur, Himachal Pradesh, India. Dedicated to Mata Jakhni, it is located 5 kms from Palampur near Birni Devi Temple at Chandpur Village in Palampur. As per local folklore, it is said to have been in existence since ancient period around 450 years old when Mata Jakhni Image was brought by a family of Gaddi Group from Bharmour, where her image is worshiped. This place is also explored by trekkers and tourists. The temple is located at a vantage point, from where the view of the Dhauladhar range, the valley and the rural human settlements is simply spectacular.

जखणी माता मंदिर

जखणी माता मंदिर, पालमपुर

जखणी माता मंदिर: पालमपुर के समीप 5 किलोमीटर की दूरी पर चांदपुर गांव के सबसे ऊपर पहाड़ी पर प्राचीन जखनी माता मंदिर स्थित है। यहां से धौलाधार पर्वत श्रंखला, दूर दूर तक फैली हरी-भरी घाटियां और गांव का शानदार दृश्य दिखाई देता है। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि माता जखणी की प्रतिमा लगभग 450 वर्ष पूर्व स्थापित की गई थी। उस समय यहां केवल एक छोटा सा मंदिर ही होता था। लेकिन अब इसे विस्तृत कर दिया गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण भरमौर से गद्दी जाति के एक परिवार ने किया है। यह परिवार भरमौर से यहां आकर रहने लगा और जखनी माता इस परिवार की कुलदेवी थी। इस परिवार ने ही भरमौर से इस देवी को लाकर बसाया। गद्दी बोली में जख शब्द का प्रयोग देवता के लिए किया जाता है। देवी के लिए श्रद्धालुओं में इस शब्द से जखणी का रूप लिया जिसका अर्थ है- देवी।

भारमौर

भारमौर (AS, p.665), चंबा जिला, हि.प्र. में स्थित है. इस स्थान पर प्राय: 1200 वर्ष प्राचीन कई मंदिर हैं. ये शिखर सहित हैं तथा प्राचीन वास्तु के अच्छे उदाहरण है. [3]

Notable persons

External links

References