Jhankri Bhind

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Location of Jhankri near Gohad in Bhind District

Jhankri (झाँकरी) (Jhankari) is a village in Bhind District in Madhya Pradesh. PIN=477116

Location

It is located in east of Chamheri

The Founders

Jat Gotras

History

सिंघनदेव बमरौलिया द्वारा पिण्डारी दस्यु सरदार भामापौर का दमन

ग्वालियर के तोमर राजा मान सिंह (1486-1516) के शासन काल में दक्षिण के पिण्डारियों का एक डाकू दल ग्वालियर तथा उसके निकटवर्ती क्षेत्र टोंक, सिरोंज, कोटा छाबड़ा आदि राज्यों में लूट-पाट किया करता था, उनके सरदार का नाम भामापौर था,जो बहुत बलशाली था. ग्वालियर राजा मानसिंह ने सभी सरदारों को बुलाकर भामापौर के दमन हेतु मंत्रणा की. तब बगथरा के जाट सरदार सिंघनदेव ने भामापौर के दमन का संकल्प लिया. सिंघनदेव अपने नाना झाँझन पूरिया (झाँकरी गाँव), मैथादास गिरवां गाँव के तथा जाजिलजी बिसोटिया (तुरार खेड़ा) को साथ लेकर उस पिण्डारी दस्यु भामापौर की खोज में निकल पड़े. भामापौर को नदी किनारे बीहड़ में शिव मन्दिर में घेर लिया. उस समय वह आँखे खोज में पूजा कर रहा रहा था. सिंघन देव ने युद्ध के लिए ललकारा तो उसने ताम्रपत्र से पूरे जोर से सिंघनदेव के माथे पर वार कर दिया. जिससे सिंघन देव का माथा फुट गया. सिंघनदेव वहीँ गिर पड़े, तब मैथादास तथा जाजील जी बिसौटिया तथा झांझन दास पुरिया एक साथ भामापौर पर टूट पड़े. सिंघन देव ने फूर्ति से उठकर अपनी तलवार से भामापौर का सर धड़ से अलग कर दिया. भामापौर के मारे जाने पर पिण्डारी लुटेरों का दल दक्षिण की ओर भाग गया. ग्वालियर राज्य अराजकता से मुक्त हो गया. सिंघनदेव की बहादुरी से प्रसन्न होकर राजा मान सिंह ने उसे एक रत्न-जड़ित तलवार भेंट कर, गोहद का राजा बनाकर राणा की उपाधि से विभूषित किया.[1] (Ojha, p.37)

Notable persons

Gallery

Population

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References

  1. Kannu Mal, Dholpur Rajya Aur Dhaulpur Naresh,p.11

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