Om Prakash Kadyan
Om Prakash Kadyan is an author, a painter, a photographer, a nature lover and explorer from Beri village in district Jhajjar, Haryana. He is a State awardee & a literary figure. According to a survey by 'Amar Ujala' News Paper he is at 29th rank out of 75 most popular personalities in Haryana.
हरियाणा साहित्य अकादमी का लख्मीचंद सम्मान
डॉ. ओमप्रकाश कादयान को हरियाणा साहित्य अकादमी का लख्मीचंद सम्मान: साहित्यकार डॉ. ओमप्रकाश कादयान को हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा लख्मीचंद सम्मान दिया गया है। मूल रूप से झज्जर जिले के गांव बेरी निवासी डॉ. ओमप्रकाश कादयान को अब तक करीब 40 से अधिक सम्मान मिल चुके हैं। हरियाणा साहित्य अकादमी, पंजाब साहित्य अकादमी, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश सहित कई प्रदेशों में साहित्यिक सम्मान से नवाजा जा चुका है। उनके करीब 20 हजार से अधिक लेख छप चुके हैं। छह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। दो पुस्तक जल्द ही आने वाली हैं। अमर उजाला से बातचीत में डॉ. ओपी कादयान ने कहा कि हर किसी को साहित्य से जुड़ना चाहिए। साहित्य से जीवन को निखार मिलता है। खासतौर पर विद्यार्थियों युवाओं को इसे जानना चाहिए। हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से उन्हें एक लाख रुपये नकद, शॉल, प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
स्रोत: अमर उजाला, 18.12.2016
दैनिक राष्ट्रीय समाचारपत्र अमर उजाला ने पिछले दिनों एक सर्वेक्षण करवाया था, जिसके तहत हरियाणा भर से 75 चर्चित चेहरे चुने गए। इसमें 29 वां नाम डॉ. ओमप्रकाश कादयान का है।
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CJM जसबीर कौर करनाल के बाल भवन में सम्मानित करते हुए। साथ में हैं जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी, कार्यक्रम अधिकारी पूनम अहलावत।
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समदर्शी प्रकाशन, मेरठ द्वारा प्रकाशित डॉ.ओमप्रकाश कादयान की नई पुस्तक 'समीक्षा के क्षितिज' पुस्तक की भूमिका वरिष्ठ साहित्यकार डॉ पूर्णचंद शर्मा ने लिखी है तथा पुस्तक का आवरण चित्र है युवा चित्रकार राजेन्द्र भट्ट द्वारा बनाया हुआ। इसमें समय-समय पर डॉ.ओमप्रकाश कादयान द्वारा लिखित विभिन्न लेखकों की पुस्तकों की समीक्षाएं हैं जो इस प्रकार हैं - एक भारत से दूसरे भारत की ओर ( अमृतलाल मदान ), आदमी जो चौंक उठता है नींद में (डॉ सुभाष रस्तोगी), हरियाणा का लोक नाट्य (डॉ अनीता भारद्वाज, डॉ रामकुमार भारद्वाज ), हरियाणवी गद्य में लोक विनोद (रामफल चहल), हांसी के ऐतिहासिक, धार्मिक स्थल (जगदीश सैनी), एकात्म राष्ट्र के पुरोधा कालिदास (सत्यपाल शर्मा), केरल धाम (मनोज कुमार प्रीत), खिड़की खुली रखना (नवल सिंह), हिंदी पत्रकारिता के मसीहा गुप्त जी..(सत्यवीर नाहड़िया), बखत -बखत की बात (सत्यवीर नाहड़िया), रचा नया इतिहास (सत्यवीर नाहड़िया), अतुल्य जाट कौम (डॉ अनिल दलाल), फिर (अमित कुमार मल्ल), औरत वेद पांचवां (श्याम सखा श्याम), ढह गई दीवार (डॉ बलराम सैनी), धरा के बोल (डॉ अनिल गौड), जैसे (रेणु हुसैन), पानी प्यार (रेणु हुसैन), वे पन्ने (पूरन मुद् गल), चित्रकार बी मोहन नेगी (नरेन्द्र कठैत), पर्यावरण के विविध आयाम (डॉ सांवर सिंह यादव), लहणा सिंह अत्री (डॉ बाबूराम), प्रेरक प्रसंग (डॉ रामभक्त लांगायन), पन्नाधाय (नरेन्द्र अत्री), कागज की पीठ पर (उर्मिल कौशिक सखी), ऐसा था नानी का बचपन (डॉ अलका अग्रवाल), नया सवेरा (त्रिलोक सिंह ठकुरेला), जीवन पथ(रामफल सिंह खटकड), जादू भरे खिलौने (डॉ कृष्णलता यादव), बच्चे मन के सच्चे (डॉ केवल कृष्ण पाठक), प्रकाशक; समदर्शी प्रकाशन, 335,देव नगर, मोदीपुरम,मेरठ उ प्र 250001, मोबाइल 9599323508
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19.11.2021 को गुरू नानक देव जी, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, इंदिरा गांधीजी,दारा सिंह जी का जन्म दिन है। मेरे लिए ये अच्छी बात है कि डॉ.ओमप्रकाश कादयान का जन्म भी 19 नवंबर , कार्तिक पूर्णिमा को हुआ। आज जन्मदिन के मौके पर हरियाणा की प्रसिद्ध सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था राह ग्रुप फाउंडेशन ने हिसार के जिला शिक्षा अधिकारी श्री कुलदीप सिहाग के हाथों मुझे सम्मानित करवाया। इसके लिए राह ग्रुप के चेयरमैन श्री नरेश सेलपाड , हिसार के जिला शिक्षा अधिकारी श्री कुलदीप सिहाग व अन्य पदाधिकारियों का सहृदय आभार।
05.06.2021 विश्व पर्यावरण दिवस पर ये पेंटिंग डॉ.ओमप्रकाश कादयान ने करीब 25 वर्ष पूर्व बनाई थी। इसमें दिखाया गया है कि अगर पेड़ नहीं होंगे तो हर तरफ सूखा, कंकाल व जहरीली गैसें होंगी। धरती निर्जन व वीरान होगी। और अगर हरे भरे जंगल होंगे, हरियाली होगी तो हर ओर खुशहाली , शांति होगी व स्वच्छ वातावरण होगा। आक्सीजन की मात्रा भरपूर होगी, जिसके महत्त्व को हमने कोरोना काल में समझा है , कुछ दिन के लिए ही सही। क्योंकि हमें जल्दी भूलने की आदत है।
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