Purvarama

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Purvarama (पूर्वाराम) meaning Eastern Park, refers to a locality at Śrāvastī, where Viśākhā built the Mṛgāramātuḥ prāsāda: MSV ii.70.11; 82.8. [1][2]

Origin

Variants

History

Visakha was a wealthy aristocratic woman who lived in the ancient Indian kingdoms of Magadha and Kosala in the time of Gautama Buddha. She became known by the nickname Migāramāta, literally "Migāra's mother", after converting her father-in-law, a wealthy treasurer in Savatthi named Migara, to Buddhism. She founded the temple Migāramātupāsāda (meaning "Migaramata's Palace") in Savatthi, considered one of the two most important temples in the time of the historic Buddha along with Jetavana Monastery. Visakha was the chief female lay disciple of the Buddha and his greatest patron along with her male counterpart, Anathapindika.[3] She is known as the female lay disciple of the Buddha who was foremost in generosity.

पूर्वाराम

विजयेन्द्र कुमार माथुर[4] ने लेख किया है .....पूर्वाराम (AS, p.576) अथवा 'पुब्बाराम' बौद्ध साहित्य में वर्णित श्रावस्ती, उत्तर प्रदेश का एक विहार था। इसका निर्माण नगर के एक धनी सेठ मिगार (मृगधर) की स्त्री विशाखा ने करवाया था। पूर्वाराम के निर्माण में अपार धनराशि व्यय हुई थी। इस विहार के खंडहर सहेत-महेत में जेतवन के अवशेषों से एक मील दक्षिण की ओर एक ढूह के रूप में पड़े हुए हैं। (दे. श्रावस्ती)


यह विहार नगर के पूर्वी द्वार के पास स्थित था।[5] पूर्वी द्वार के निकट होने के कारण ही संभवत: इसका नाम पूर्वाराम पड़ा। इसके निर्माण तथा समर्पण में लगभग 27 करोड़ मुद्राओं का व्यय करना पड़ा था। यह लकड़ी (रुक्ख) तथा पत्थर द्वारा निर्मित था, जिसमें दो मंजिलें थीं।[6] पूर्वाराम विहार की आधुनिक स्थिति सहेत-महेत के पास उनके पूर्व का हनुमनवा स्थान है।[7]

External links

References

  1. Source: Cologne Digital Sanskrit Dictionaries: Edgerton Buddhist Hybrid Sanskrit Dictionary
  2. https://www.wisdomlib.org/definition/purvarama
  3. Narada (2006-01-01). The Buddha and His Teachings. Jaico Publishing House. ISBN 9788179926178.
  4. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.576
  5. 'धम्मपदटीका', भाग 1, पृष्ठ 384; 'अंगुत्तरनिकाय', प्रथम भाग (हिन्दी अनुवाद, भदंत आनंद कौसल्यायन, महाबोधि सभा, कलकत्ता 1957, पृष्ठ 212 मेमायर्स आदि 'दि आर्कियोलाजिक सर्वे आफ इंडिया', भाग 50, पृष्ठ 25
  6. राहुल सांकृत्यायन, पुरातत्त्व निबंधावली, पृष्ठ 79
  7. भारतकोश-पूर्वाराम