Lalpur Qadim
- Note - Please click → Lalpur for details of similarly named villages at other places.
Lalpur Qadim or Lalpura (ललपुरा कदीम) is a village in Palwal tehsil in Palwal district of Haryana.
Location
Origin
History
कप्तान सिंह देशवाल लिखते हैं -
गाँव खिजुरका ब्राह्मणों और गुजरों का गाँव था। इन दोनों जातियों में आपस में झगड़ा हो गया। ब्राह्मणों को इस झगड़े में जान और माल का भारी नुकसान हुआ था। इसी गाँव के दो लड़के फौज में थे। इन दोनों ने अपने साथियों की सहायता से इस गाँव को उजाड़ दिया। गुजरों को भारी हानि हुई। फिर भी गाँव में शान्ति नहीं हो पाई। इस गाँव के दो वृद्ध ब्राह्मण पं. बृजा और कनैहिया हर रोज जमना जी पर स्नान के लिए आते थे। एक दिन इन दोनों ने सोचा कि गाँव घोड़ी की पंचायत की मदद ली जाये ताकि गाँव में शान्ति से बसा जा सके।
गाँव घोड़ी की पंचायत ने ब्राह्मणों की बात सुनी और दूसरे पक्ष को समझाने के लिए गाँव खिजुरका में गये। वहाँ के आदमियों ने पंचायत की बात सुनकर कोई भी आई-गई नहीं दी और घमण्ड की बात कहने लगे। अगले दिन गाँव के सात आदमी उन दोनों ब्राह्मणों के साथ गये और गुजरों की अच्छी पिटाई कर दी। यहाँ तक हुआ कि गुजरों को गाँव छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया।
सन् 1300 में ललकार कर गाँव पर दो ब्राह्मणों सहित 7 देशवाल परिवारों ने अपना कब्जा कर लिया और इस गाँव का नाम ललपुरा कदीम रखा गया। यह गाँव पलवल से मोहना रोड पर 4 किलोमीटर से अपरोच रोड, एक किलोमीटर दक्षिण दिशा में आबाद है। इस गाँव का क्षेत्रफल 2500 पक्का बीघा जमीन है।
गाँव में कई पहलवान हुए हैं। चौ. शेरसिंह के परिवार में चौ. खुशीराम पहलवान हुए। इसी परिवार में चौ. लीलेराम देशवाल पहलवान भी हुए। लीलाराम की रुचि बचपन से ही पहलवान बनने की थी। ये शिक्षा में कम दिलचस्पी रखते थे। आप ने ब्रजकेसरी श्री चन्द्रभान की बराबरी की थी। सन् 1970 में बल्लभगढ़ में बलदेव-छठ के अवसर पर होने वाली कुश्तियों में भारत केसरी मा. चन्दगीराम की चुनौती को स्वीकार करके उनसे कुश्ती लड़ी और बराबर टक्कर रही। तब से आपकी ख्याति सारे ब्रज-मण्डल और हरयाणा में फैल गई। दिल्ली के पहलवान भी आपसे डरने लग गये।[1]
Jat Gotras
Population
Notable Persons
- Satpal Deshwal - INLD MLA candidate Palwal 2019
External Links
References
- ↑ कप्तान सिंह देशवाल : देशवाल गोत्र का इतिहास (भाग 2) (पृष्ठ 102-103)
Back to Jat villages