Nageshvara
Nageshvara (नागेश्वर) (also Nagesha: नागेश, Nageshvar: नागेश्वर) is ancient historical and religious place situated in Jamnagar district of Gujarat. It is at a distance of 25 km from Dwarka in the North- East direction. The place is situated at 3 km from Gopi Talab.[1] It is one of 12 Jyotirlingas called - Nagesam Darukavane.
Variants
- Nagesha नागेश = Nageshvara नागेश्वर (AS, p.491)
- Nageshvara/Nageshwara नागेश्वर (AS, p.491)
History
In Rajatarangini
Rajatarangini[2] tells that After having besieged Vijayakshetra, Bhikshāchara got possession of the person of the wicked Nageshvara whom he killed with tortures. (VIII,p.85)
नागेश = नागेश्वर
विजयेन्द्र कुमार माथुर[3] ने लेख किया है ...नागेश = नागेश्वर (AS, p.491): द्वारका के निकट दारुकवन में स्थित है. द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक नागेश में पाया जाता है. शिव पुराण में इसे पुण्यस्थान माना गया है--'एतद् यः श्रृणुयान्नित्यं नागेशोद्भवमादरात्। सर्वान् कामानियाद् धीमान् महापातकनाशनात्॥' यह स्थान गोपी तालाब से 3 मील है. टि. कुछ लोगों के मत में अल्मोड़ा से 17 मील उत्तर पूर्व में स्थित नागेश (=जागेश्वर) ही नागेश ज्योतिर्लिंग है.
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर - नागेश्वर मन्दिर द्वारका का एक प्रसिद्ध मन्दिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह द्वारका, गुजरात के बाहरी क्षेत्र में द्वारकापुरी से लगभग 25 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
यह शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हिन्दू धर्म के अनुसार नागेश्वर अर्थात नागों का ईश्वर होता है। यह विष आदि से बचाव का सांकेतिक भी है। रुद्र संहिता में इन भगवान को दारुकावने नागेशं कहा गया है इस पवित्र ज्योतिर्लिंग के दर्शन की शास्त्रों में बड़ी महिमा बताई गई है। कहा गया है कि जो श्रद्धापूर्वक इसकी उत्पत्ति और माहात्म्य की कथा सुनेगा वह सारे पापों से छुटकारा पाकर समस्त सुखों का भोग करता हुआ अंत में भगवान् शिव के परम पवित्र दिव्य धाम को प्राप्त होगा। एतद् यः श्रृणुयान्नित्यं नागेशोद्भवमादरात्। सर्वान् कामानियाद् धीमान् महापातकनाशनम्॥
Jat gotras
External links
References
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