इतल पीतल

From Jatland Wiki

इतळ पीतळ रो भर लाई बेवड़ो

रे झांझरिया मारा छैल

कोई कांख मेला टाबरिया री आन

मैं जाऊं रे जाऊं रे पीहरिये


सासू बोले छे म्‍हाने बोलणा

रे झांझरिया मारा छैल

कोई बाईसा देवे रे म्‍हाने गाल

मैं जाऊं रे जाऊं रे पीहरिये


आया बीरो सा म्‍हाने लेवा ने

रे झांझरिया मारा छैल

ज्‍यारी कांई कांई करूं मनवार

मैं जाऊं रे जाऊं रे पीहरिये


थारे मनाया देवन ना मानूं

रे झांझरिया मारा छैल

थारा बड़ोडा़ बीरोसा ने भेज

मैं जाऊं रे जाऊं रे पीहरिये


काळी पड़गी रे मन की कामळी

रे झांझरिया मारा छैल

म्‍हारा आलीजा पे म्‍हारो सांचो जीव

मैं जाऊं रे जाऊं रे सासरिये


Back to राजस्थानी लोकगीत

Back to Rajasthani Folk Lore