नाम में क्या रखा है

From Jatland Wiki

एक जाट की स्त्री थी जिसके पति का नाम था लटूरा. वह भोला भाला और गरीब था. फटे वस्त्र पहने रहता था. जाटनी को उसकी सहेलियां कहा करती, "दुनिया में आकर तुमने क्या सुख देखा. इस संसार में अमरा (अमरसिंह), सूरा (शूरसिंह) तथा चौधरी और बहुत से लक्ष्मीधारी हैं, उनकी स्त्री बनती तो कितना सुख पाती?" एक दिन जाट की स्त्री अपना घर छोड़ कर निकल गयी. एक गाँव में किसी शव को देखने पर उसे मालूम हुआ की "अमरा" मर गया. आगे चली तब एक आदमी दौड़ता हुआ दिखाई दिया. उसके पीछे दो लाठीधारी युवक लगे थे. मालूम हुआ कि दौड़ने वाले का नाम "सूरो" (शूरवीर) है. और आगे चलने पर एक दूख़ी मनुष्य दिखलाई पड़ा. पता चला कि उसके भाइयों ने उससे "चौधर" छीन लिया है. कुछ दूर और आगे बढ़ी तो देखा कि एक षोडशवर्शिया युवती कूड़ा बुहार रही थी जिसका नाम था लांछा (लक्ष्मी). वह उसी समय घर लौट चली. सहेलियों द्वारा कारण पूछने पर उसने बताया-

अमरो तो मैं मरतो देख्यो, भाजत देख्यो सूरो
चोधर तो मैं खुसती देखी, लाछ बुहारी कूडो
आगै हूँ पाछो भलो, नांव भलो लैटूरो

जाट की स्त्री ने कहा नाम में क्या रखा है ? "लैटूरा" नाम ही सबसे अच्छा है.


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