म्हारे आलीजा री चंग

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म्हारे आलीजा री चंग, बाजै अलगौजा रे संग,

फागण आयो रे !


रूंख-रूंख री नूंवी कूपळा, गीत मिलण रा अब गावै।

बन-बागां म काळा भंवरा, कळी-कळी ने हरसावै।

गूंझै ढोलक ताल मृदंग, बाजे आलीजा री चंग।।

फागण आयो रे !



आज बणी हर नारी राधा, नर बणिया है आज किसन।

रंग प्रीत रो एडो बिखर्यो, गली-गली है बिंदराबन।

हिवडै-हिवडै उठे तरंग, बाजे आलीजा री चंग।।

फागण आयो रे !


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