Rashtriya Pakshi Mor
- प्रकाशक - हरयाणा साहित्य संस्थान, गुरुकुल झज्जर, जिला झज्जर (हरयाणा)
- प्रथम संस्करण : २००० प्रतियां
- श्रावण २०५८ वि०
- जुलाई २००१ ई०
- मूल्य - ६-०० रुपये
- मुद्रक - वेदव्रत शास्त्री : आचार्य प्रिंटिंग प्रेस, दयानन्दमठ, गोहाना मार्ग, रोहतक
विकि संपादक की ओर से दो शब्द
श्रद्धेय स्व० स्वामी ओमानन्द सरस्वती ने अनेक पुस्तकें लिखी हैं। यह लघु पुस्तिका मयूर पक्षी के बारे में है। इसमें मयूरपंख से बनने वाली औषधियों का भी वर्णन है। इसमें आयुर्वेद है, भेषज है और इतिहास भी है। पुरातन ग्रंथों में वर्णित मोर पक्षी की बारे में संक्षेप से वर्णन भी है। इसे पढकर आप सभी लाभ जरूर उठायें।
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- दिल्ली
- 31 मई 2023
पुस्तक के पृष्ठ
पुस्तक में 33 पृष्ठ हैं। यहाँ पर हर पृष्ठ की छोटी आकृति (thumbnail) दिखाई दे रही है। उसे क्लिक करके पूरे स्क्रीन पर पढ़ें।
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मुखपृष्ठ
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पृष्ठ 1
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पृष्ठ 2
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पृष्ठ 3
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पृष्ठ 4
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पृष्ठ 5
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पृष्ठ 6
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पृष्ठ 7
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पृष्ठ 8
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पृष्ठ 9
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पृष्ठ 10
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पृष्ठ 11
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पृष्ठ 12
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पृष्ठ 13
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पृष्ठ 14
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पृष्ठ 15
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पृष्ठ 16
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पृष्ठ 17
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पृष्ठ 18
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पृष्ठ 19
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पृष्ठ 20
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पृष्ठ 21
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पृष्ठ 22
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पृष्ठ 23
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पृष्ठ 24
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पृष्ठ 25
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पृष्ठ 26
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पृष्ठ 27
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पृष्ठ 28
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पृष्ठ 29
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पृष्ठ 30
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पृष्ठ 31
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पृष्ठ 32
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पृष्ठ 33
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अन्तिम पृष्ठ
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