Abhijit Singh Sekhon
Abhijit Singh Sekhon (Col) (28.01.1949 - 21.04.1988) became martyr on 21.04.1988 during Operation Pawan in Sri Lanka. He was from Faridkot in Punjab. Unit: 7 Madras Regiment.
लेफ्टिनेंट कर्नल अभिजीत सिंह सेखों
लेफ्टिनेंट कर्नल अभिजीत सिंह सेखों
28-01-1949 - 21-04-1988
वीर चक्र (मरणोपरांत)
यूनिट - 7 मद्रास रेजिमेंट
लेफ्टिनेंट कर्नल अभिजीत सिंह सेखों का जन्म 28 जनवरी 1949 को सरदार गुरदयाल सिंह एवं श्रीमती कमलजीत कौर के परिवार में हुआ था। वह पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले थे।
वर्ष 1988 में ले. कर्नल अभिजीत सिंह 7 मद्रास बटालियन की कमान संभाल रहे थे। यह बटालियन श्रीलंका में भारतीय शांति सेना (IPKF) के एक भाग के रूप में तैनात थी।
13 अप्रैल 1988 को सुरक्षा बलों को 7 मद्रास बटालियन की AOR (Area of Responsibility) में आने वाले वेनरिकुलम नाम के स्थान पर कुछ कट्टर लिट्टे उग्रवादियों के होने की जानकारी मिली। ले. कर्नल अभिजीत सिंह के नेतृत्व में यूनिट ने उग्रवादियों के विरुद्ध अप्रत्याशित रूप से अचानक अभियान चलाया।
हमला करने वाली टीम वेनरिकुलम पहुंच गई और उग्रवादियों को चौंका दिया। इस कार्रवाई में COLUMN का मार्गदर्शन करते हुए ले. कर्नल अभिजीत सिंह ने स्वयं दो कट्टर उग्रवादियों को मार गिराया, जिनमें से एक की पहचान बाद में लिट्टे के एरिया कमांडर के रुप में हुई।
21 अप्रैल 1988 को फिर उरीथिरापुरम गाँव में 10 से 14 लिट्टे उग्रवादियों के होने की सूचना मिली, तो ले. कर्नल अभिजीत सिंह ने अपने दो प्लाटून के साथ उग्रवादियों के विरुद्ध ऑपरेशन का नेतृत्व किया। इस ऑपरेशन में उनके सैनिक उग्रवादियों द्वारा भारी हथियारों से की जा रही गोलीबारी में घिर गए लेकिन, ले. कर्नल अभिजीत सिंह ने चतुराई से अपने सैनिकों को तैनात किया और इस हमले को विफल कर दिया। उन्होंने स्वयं एक उग्रवादी को मार गिराया और दूसरे को घायल कर दिया। इस मुठभेड़ में दोनों ओर से हुई भीषण गोलीबारी में ले. कर्नल अभिजीत सिंह को छाती में गोलियां लगीं और वह वीरगति को प्राप्त हुए।
लेफ्टिनेंट कर्नल अभिजीत सिंह सेखों को उनके अदम्य साहस, वीरता और अनुकरणीय नेतृत्व के लिए मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
शहीद को सम्मान
चित्र गैलरी
स्रोत
बाहरी कड़ियाँ
संदर्भ
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