Koth Kalan
Koth Kalan (कोठ कलां) is a large village in tehsil Narnaund of district Hissar in Haryana.
Location
Origin
The Founders
History
काला महर जी महाराज का जीवन परिचय
जन्म: काला महर जी महाराज का जन्म विक्रम संवत 1294 आसोज बदी 15 (पूर्णिमा), सोमवार 5 अक्टूबर 1237 ई. को गाँव कोथ खेड़ा, वर्तमान गाँव कोथ कला, तहसील नारनौद, जिला हिसार हरियाणा में खोथ जाट परिवार में हुआ.
बलिदान: गौ-रक्षा के लिए बलिदान विक्रम संवत 1351 भादवा बदी 14, रविवार 5 सितंबर 1294 ई.
गौ-रक्षा के लिए काला महर जी महाराज का बलिदान
काला महर जी महाराज ने 5 सितंबर 1294 ई. को खंगार कोट के एक नामी कुख्यात आतंकी डकैत (पशुधन चोर) कानड़ भाटी नामक गिरोह के मलेच्छों को अपने पशुधन गायें व भैंसे चुराकर लेजाते समय ललकारा. दोनों पक्षों में पशुधन के लिए भीषण युद्ध हुआ. काला महर जी अपने पशुधन की रक्षा के लिए वीरता पूर्वक भयंकर युद्ध करते हुए अपने अन्य ग्रामवासी ग्वाल साथियों व परम प्रिय विश्वासपात्र सेवक घोघड़ मिरासी (शेख मुसलमान) साथी सहित निर्जन जंगल में बालू मिट्टी के एक टीले (रणभूमि टीला शक्ति वाली जोड़ी), गांव जिगासरी ताल, तहसील भादरा जिला हनुमानगढ़, राजस्थान नामक स्थान पर अपनी क्षत्रियोचित आध्यात्मिक सांसारिक यात्रा को अंतिम विराम दे वीरगति को प्राप्त हुए.
डाकू भाटी आतंकी गिरोह के लुटेरों से वीरता पूर्वक भयानक युद्ध करते हुए श्री काला महर जी का शीश रहित धड़ लेकर स्वामी भक्त घोड़ा 'रतना' तीव्र गति से चलता हुआ प्रातः काल गांव मेहराणा के जोहड़ पर पहुंचा ही था की मां धरती ने अपना गर्भ खोला और श्री काला मेहर जी घोड़े रतना सहित 'हरि ओम' 'हरि ओम' की आवाज के साथ ही धरती माता की गोद में समा गए. इसके उपरांत मां धरती ने अपना मिलान वापस दे दिया. इस प्रकार प्रभु श्री काला महर जी देवलोक को गमन कर गए. उसी दिन से इनके शीश की पूजा गांव कोथ खेड़ा में व धड़ (शरीर) की पूजा गांव मेहराणा के जोहड़ में होने लगी.
संदर्भ: Jat Kshatriya Culture
Jat Gotras
Population
(Data as per Census-2011 figures)
Total Population | Male Population | Female Population |
---|---|---|
9558 | 5210 | 4348 |
Notable Persons
External Links
References
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