Dardura
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Dardura (दर्दुर) is name of a mountain mentioned in Mahabharata located in south India.
Origin
Variants
- Dardura Parvata (दर्दुर पर्वत) (AS, p.426)
History
दर्दुर
विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...दर्दुर (AS, p.426) सुदूर दक्षिण की एक पर्वत श्रेणी जो संभवत है वर्तमान मैसूर राज्य की दक्षिण पूर्वी सीमा बनाती है. प्राचीन साहित्य में प्राय: मलय और दर्दुर दोनों पर्वतों का एक साथ ही उल्लेख मिलता है-- 'स निर्विश्य यथाकामं तटेश्वालीन चंदनौ स्तनाविव दिशस्या: शैलो मलयदर्दुरौ ' रघु. 4,51 मार्कंडेय पुराण, [p. 427] 57 में भी मलय और दर्दुर दोनों पर्वतों का नाम साथ साथ ही है. महाभारत सभापर्व 51, दक्षिणात्यपाठ में दर्दुर में उत्पन्न चंदन का वर्णन है-- 'दार्दुरं चन्दनं मुख्यं भारान् षण्णवतिं ध्रुवम्, पाण्डवाय ददु: पाण्ड्यः शङ्खांस्तावत एव च' ऐसा ही उल्लेख वाल्मीकि रामायण अयोध्या कांड 91,24 में है- 'मलयं दर्दुरं चैव तत: स्वेदनुदो अनिल: उपस्पृश्य ववौ युक्तयासुप्रियातमा सुखं शिव:'. मलय पूर्वी घाट की वह श्रेणी है जिसमें नीलगिरी की पहाड़ियां सम्मिलित हैं.
In Mahabharata
Dardura (दर्दुर) is in Mahabharata (II.78.22)
दार्दुरं चन्दनं मुख्यं भारं षण्णवति द्रुतम्। पाण्डवाय ददौ पाण्ड्यः शङ्खांस्तावत एव च।। 2-78-22[2]