Dhamoni
Author:Laxman Burdak, IFS (Retd.) |
Dhamoni (धामोनी) is a historical site in Sagar District, Madhya Pradesh.
Variants
Jat Gotra
Location
'धामोनी' सागर ज़िले के उत्तर में झांसी मार्ग पर क़रीब 50 कि.मी. की दूरी पर स्थित है, जो अब उजाड़ हो चुका है।
History
धामोनी
धामोनी (AS, (p.465): धामोनी जिला सागर (मध्य प्रदेश) प्राचीन बुंदेलखंड की एक प्रख्यात गढ़ी थी. यहाँ बुंदेलों का राज्य काफी समय तक रहा था. धामोनी के सरदार बुंदेलखंड के महाराजाओं के सामंत थे. गढ़ मंडला नरेश संग्राम सिंह (मृत्यु 1541 ई.) के प्रसिद्ध 52 गढ़ों में धामोनी की भी गणना थी. संग्राम सिंह गोंडवाना की रानी दुर्गावती के ससुर थे. [1]
धामोनी परिचय
'धामोनी' सागर ज़िले के उत्तर में झांसी मार्ग पर क़रीब 50 कि.मी. की दूरी पर स्थित है, जो अब उजाड़ हो चुका है। लेकिन इसका ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व है। गढ़ मंडला के राज्य काल में महत्वपूर्ण होने के कारण धामोनी को गढ़ बनाया गया था। गढ़ मंडला वंश के एक वंशज सूरत शाह ने इस क़िले का निर्माण करवाया था। एक दंत कथा के अनुसार मुग़ल काल का मशहूर इतिहासकार अबुल फ़ज़ल भी यहीं पैदा हुआ था, लेकिन इसका कोई प्रमाण आज तक उपलब्ध नहीं है। पुराने खंडहरों के कारण धामोनी पुरातत्व की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। क़िले के अलावा यहाँ 'रानी महल' के नाम से विख्यात एक महल भी है।
यहाँ का एक अन्य उल्लेखनीय स्थान मुस्लिम संतों की दो मजारें भी हैं। इनमें से एक 'बालजीत शाह की मजार' है, जिन्हें अबुल फ़ज़ल का गुरु समझा जाता है। दूसरी मजार 'मस्तान शाह वली' की मानी जाती है. उनके बारे में कहा जाता है कि गांव में पानी नहीं मिलने के कारण उन्होंने धामोनी को बददुआ दी थी। संतों की मजारों के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। यहाँ वर्ष में एक बार गर्मियों के मौसम में 'उर्स' का आयोजन किया जाता है।
गाँव के किनारे कुछ जैन मंदिर भी हैं, जिनका निर्माण 1815-1819 के बीच हुआ माना जाता है?
संदर्भ: भारतकोश-धामोनी