Dharampal Singh Dahiya
Dharampal Singh Dahiya (Sep) (death:18.11.1962) became martyr during Indo-China War-1962. He was from village Nirthan in Sonipat district of Haryana. Unit: 92 Base Hospital/Army Medical Corpse.
सिपाही धर्मपाल सिंह दहिया
सिपाही धर्मपाल सिंह दहिया
07-06-1939 - 18-11-1962
नं - 6792413
वीर चक्र (मरणोपरांत)
यूनिट - 92 बेस हॉस्पिटल
ऑपरेशन लेगहॉर्न
रेजांगला का युद्ध
भारत-चीन युद्ध 1962
सिपाही (नर्सिंग सहायक) धर्मपाल सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत में 7 जून 1939 को श्री बदलूराम दहिया के घर में हुआ था। वह अविभाजित पंजाब (अब हरियाणा) के रोहतक (अब सोनीपत) जिले के निरथन गाँव के निवासी थे। वह भारतीय सेना की आर्मी मेडीकल कॉर्प्स की 92 बेस हॉस्पिटल में सेवारत थे और 13 कुमाऊं बटालियन की 'C' कंपनी के साथ नर्सिंग सहायक के रूप में संलग्न थे।
18 नवंबर 1962 को 13 कुमाऊं बटालियन की चार्ली कंपनी के कमांडर मेजर शैतान सिंह भाटी के नेतृत्व में लड़ी गई रेजांगला की भयानक लड़ाई में नर्सिंग सहायक सिपाही धर्मपाल सिंह भीषण गोलीबारी में भी घायलों का उपचार करने के लिए एक-एक सेक्शन में गए।
वह घायल सैनिक के उपचार के लिए हाथों में मॉर्फिन की सिरिंज और पट्टी पकड़े हुए थे, उसी समय उनके सिर में गोली लग गई । वह दृढ़ निश्चय से अपना कर्तव्य निर्वहन करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। फरवरी 1963 में उनका शव अपने साथी के घावों की पट्टी करने की वास्तविक मुद्रा में हाथों में सिरिंज और पट्टी पकड़े हुए ही पाया गया था। उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र सम्मान दिया गया।
शहीद को सम्मान
गैलरी
स्रोत
बाहरी कड़ियाँ
संदर्भ
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