Goraya Jalandhar
Goraya (गौराया) village is in Phillaur tahsil of Jalandhar district, Punjab
Location
Jat gotras
Population
History
दलीप सिंह अहलावत[1] लिखते हैं: महाभारत के लेख अनुसार इन गौर जाटों के नाम से जम्बूखण्ड के एक द्वीप में मनःशिला (मैनशिल) का एक बहुत बड़ा पर्वत है जो गौर नाम से विख्यात है।[2] वहां पर इनका राज्य होने का यह प्रमाण है। अंग्रेज इतिहासकार पटोलेमी (Ptolemy) तथा यूनानी लेखक स्ट्रैबो (Strabo) ने लिखा है कि तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व गौर वंशज जाटों का राज्य गौरूया नामक देश पर था। वहां के एक नगर का नाम गौराया था। यह देश पामीर पठार की घाटी में मध्य एशिया में बादाखशन और खोटा के बीच में था। ड्ब्ल्यू-डब्ल्यू तारन (W.W. Tarn) के लेख अनुसार दूसरी शताब्दी ई० पूर्व यह गौरूया देश सम्राट् मेंनन्दर के साम्राज्य का एक भाग था। [3]वहां से अपने पैतृक देश भारतवर्ष में आने पर इन गौर वंश के जाटों ने अपने मध्य एशिया में गौराया नगर के नाम पर दूसरा गौराया नगर बसाया जो कि जी० टी० रोड पर लुधियाना और जालन्धर के बीच में है। आज भी इस वंश के जाट यहां पर बसे हुए हैं।[4]
Notable persons
External links
References
- ↑ जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठ.232-234
- ↑ महाभारत भीष्मपर्व 12वां अध्याय श्लोक 4.
- ↑ Jats - The Ancient Rulers by B.S. Dahiya, P. 256. The Greeks in Bactria and India, P. 236.
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter III
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