Halishahar
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Halisahar (हलीशहर) is a city of North 24 Parganas district in the Indian state of West Bengal. It is a part of the area covered by Kolkata Metropolitan Development Authority (KMDA).
Variants
- Halishahar (हलीशहर), बंगाल, (AS, p.1012)
- Kumarahatta (कुमारहट्टा) दे. हलीशहर (AS, p.203)
Location
Halisahar is bounded by Char Nandanbati, Char Kancharpara and Kalyani, in Nadia district, on the north, Kanchrapara and Nanna on the east, Balibhara and Naihati on the south and the Hooghly on the west.
History
Halisahar is believed to have existed from the early Middle Ages. It was earlier named Kumarhatta. In the 13th century, during the reign of Baktiyar Khilji it was known as Haveli Shahar (City of Palaces). In the 16th century, Abul Fazal’s Ain-i-Akbari mentioned it as 'Halisahar'.
हलीशहर
विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...हलीशहर (AS, p.1012) कंचनपल्ली से दो मील दूर चैतन्य महाप्रभु के गुरु ईश्वरीपुरी का जन्म स्थान है। बंगला के प्रसिद्ध कवि मुकुंदराम कविकंकण ने इस स्थान का नाम कुमारहट्टा भी लिखा है। चैतन्यदेव यहां तीर्थयात्रा के लिये आये थे। चैतन्य के शिष्य श्रीवास पंडित यहीं के निवासी थे। चैतन्यदेव के विषय में पदावली लिखकर प्रसिद्ध हो जाने वाले कवि वासुदेव घोष का भी हलीशहर या कुमारहट्टा से सम्बंध था। कुमारहट्टा ने वैष्णव सम्प्रदाय के साथ ही साथ शाक्तमत का काफ़ी प्रचार था। काली के प्रसिद्ध कवि रामप्रसाद सेन भी यहीं के रहने वाले कहे जाते हैं। यहां रामप्रसाद के सिद्धि प्राप्त करने का स्थल, पंचवट आज भी सुरक्षित है। रामप्रसाद की काली-विषयक सुंदर भावमयी कविता आज भी बंगाल में बड़े प्रेम से गाईं जाती हैं