Hanuman Chatti

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Map of Uttarkashi district

Hanuman Chatti (हनुमानचट्टी) is village in Rajgarhi tahsil of Uttarkashi District, Uttarakhand. चट्टी = पड़ाव, मंज़िल। It is also called Hanuman Chatti (Yamunotri). Another place of the same name is called Hanuman Chatti (Badrinath).

Variants

Location

Hanuman Chatti is located at the confluence of the Hanuman Ganga and Yamuna rivers. Situated 13 kms before Yamunotri Dham, Hanuman Chatti (2,400mts) is a serene place offering an ample amount of accommodation facilities. The riverside scenic beauty at Hanuman Chatti acts as a perfect place to experience nature and the countryside. Hanumanchatti is frequented by travelers because it is a popular trekking spot in the region. Apart from Yamunotri the best trekking excursion of Hanumanchatti is towards Darwa Top and Dodi Tal.[1]

Origin

Hanuman Chatti derives name from Hanuman and Chatti means halting point

History

हनुमानचट्टी

हनुमान मंदिर, हनुमानचट्टी, यमुनोत्री
हनुमान मंदिर, हनुमानचट्टी, बद्रीनाथ

हनुमान चट्टी: हनुमान चट्टी गंगा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित है। यमुनोत्री धाम से 13 किलोमीटर पहले स्थित, हनुमान चट्टी (2400 मीटर) एक शांत जगह है। हनुमान चट्टी में नदी की प्राकृतिक सुंदरता प्रकृति और ग्रामीण इलाकों का अनुभव करने के लिए एक आदर्श स्थान है। हनुमान चट्टी मंदिर हनुमान को समर्पित एक मंदिर है।

किंवदंती यह है कि यह इस स्थान पर था कि हनुमान ने पांडव भीम को गले लगाया था और उनके अहंकार को कुचल दिया था। पौराणिक कथा के अनुसार भीम एक दिन जब इस रास्ते से गुजर रहे थे, तो उन्हें रास्ते में एक बूढ़े बंदर का सामना करना पड़ा। भीम के मार्ग में बाधा उत्पन्न करने के कारण उनकी पूंछ फैल गई थी। भीम ने पूंछ को हटाने के लिए पुराने बंदर से कई बार अनुरोध किया लेकिन बंदर ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह बहुत बूढ़ा है और रास्ता देने के लिए थक गया है। इस कारण भीम क्रोधित हो गए और मामले को अपने हाथों में लेने का फैसला किया और खुद से बंदर की पूंछ को हिलाना शुरू कर दिया। जब कई प्रयासों के बाद भी पूंछ नहीं हिला तो भीम को आश्चर्य हुआ और महसूस किया कि यह कोई साधारण बंदर नहीं था। फिर उसने विनम्रतापूर्वक बंदर से अपनी असली पहचान प्रकट करने का अनुरोध किया। तब हनुमान, जो भगवान राम के समर्पित शिष्य हैं, ने उन्हें अपना मूल रूप दिखाया और इस तरह इस जगह को हनुमानचट्टी के नाम से जाना जाता है।

Hanuman Chatti (Badrinath)

हनुमानचट्टी बद्रीनाथ: एक दूसरी हनुमानचट्टी बद्रीनाथ मंदिर से करीब 12 किमी, जोशी मठ से करीब 34 किमी और ऋषिकेश से करीब 285 किमी दूर स्थित है। देहरादून का एयरपोर्ट यहां से करीब 315 किमी दूर है।

There is a small orange (saffron) colored temple dedicated to the the Lord Hanuman, who is an extreme devotee of Lord Rama. Almost every pilgrim visit this place who are on their Char Dham Yatra. Hanuman Chatti is a very small point and requires only few minutes of halt visit the temple. There are no restaurants or major shop there. Only small shops selling Pooja items are there.

पौराणिक कथा: महाभारत में एक बार भीम को अपनी ताकत का घमंड हो गया था। उस समय हनुमानजी ने भीम का अहंकार तोड़ा था। जहां भीम और हनुमानजी की भेंट हुई थी, वह जगह उत्तराखंड में बद्रीनाथ के पास आज भी स्थित है। इस जगह को हनुमान चट्टी के नाम से जाना जाता है। हनुमान चट्टी बद्रीनाथ मंदिर से करीब 12 किमी, जोशी मठ से करीब 34 किमी और ऋषिकेश से करीब 285 किमी दूर स्थित है। देहरादून का एयरपोर्ट यहां से करीब 315 किमी दूर है।

बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवनचंद उनियाल ने बताया कि शीत ऋतु में भगवान बद्रीनाथ मंदिर और हनुमान चट्टी मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। बद्रीनाथ आने वाले सभी दर्शनार्थी जो हनुमान चट्टी के बारे में जानते हैं, वे बद्रीनाथ मंदिर जाने से पहले हनुमानजी के दर्शन जरूर करते हैं।

उत्तराखंड सरकार ने यहां के चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर में अन्य राज्यों के दर्शनार्थियों के लिए भी खोल दिए हैं। अब यहां कोई भी दर्शन के लिए पहुंच सकता है। दर्शनार्थियों को कोरोना महामारी से जुड़े जरूरी नियमों का पालन करना होगा।

ये है भीम और हनुमानजी से जुड़ी महाभारत की कथा

महाभारत में पांडव द्रौपदी के साथ वनवास का समय व्यतीत कर रहे थे। वे उस समय बद्रीनाथ क्षेत्र में ही रह रहे थे। एक दिन द्रौपदी ने देखा कि एक ब्रह्मकमल गंगा में बहता हुआ आ रहा है। तब द्रौपदी ने भीम से कुछ और ब्रह्मकमल लेकर आने की बात कही। महाभारत में वनपर्व के अध्याय 146 के श्लोक 7 में लिखा है कि-

यदि तेऽहं प्रिया पार्थ बहूनीमान्युपाहर। तान्यहं नेतुमिच्छामि काम्यकं पुनराश्रमम्।।

अर्थ- महाबली भीम उस ब्रह्मकमल पुष्प को लेने के लिए बद्रीवन में प्रवेश करते हैं और उस समय रास्ते में एक वृद्ध वानर को लेटा हुआ था। वानर की पूंछ से रास्ता रुका हुआ था। भीम उस वानर को रास्ते से हटने के लिए कहा।

प्रसीद नास्ति मे शक्तिरूत्थातुं जरयानघ। ममानुकम्पया त्वेतत् पुच्छमुत्सार्य गम्यताम्।।

अर्थ- तब वानर ने कहा कि बुढ़ापे की वजह से मुझमें उठने की शक्ति नहीं है। इसलिए मुझ पर दया करके इस पूंछ को तुम ही हटा दो और चले जाओ।

इसके बाद भीम बहुत कोशिश की, लेकिन वह पूंछ को हिला नहीं सका। तब भीम समझ आ गया कि ये कोई सामान्य वानर नहीं है। तब भीम ने वानर से अपने असली स्वरूप में आने की प्रार्थना की। तब हनुमानजी अपने वास्तविक स्वरूप में प्रकट हुए और भीम को घमंड से बचने की सीख दी।

स्रोत: https://www.bhaskar.com/jeevan-mantra/dharm/news/hanuman-chatti-is-located-near-badrinath-bhima-and-hanuman-story-in-mahabharata-badrinath-dham-uttarakhanad-chardham-127749368.html

Population

Notable persons

References