Harayanvi Paheliya
प्रस्तुत विषय जाटलैंड फोरम पर प्रसिद्ध सूत्र हरयाणवी पहेलियो का संकलन है ! सभी पहेलियो के उत्तर प्रष्ठ के अंत: में क्रमश : दिए गए हैं !
विशेष आभार:- रविंदर जीत जी जिन्होंने अपनी रचनात्मकता से अनेको नई पहेलिया की रचना की !
रमा कटारिया जिन्होंने इन सभी पहेलियो को एक सूत्र में पिरोया और विकी को विस्तृत करने में सहायता दी !
1.छोटी सी छोरी , रामदेई ना चढ़ गी चोबारे , पाई-ए ना !
2. रघा चाले रघ -रघ ,
तीन मुंडी दस पग !
3. एक सींग की गा,
घाले उतना ए खा !
4.आरड- मर्ड की लाकडी ,
अर्डाटा ठान्दी जा ,
राजा बुझे रानी नु ,
यो के जनावर जा !
5.हरी थी वा भरी थी , राजा जी के बाग में , दुशाला ओडे खड़ी थी !
6.चार झोट्टी ,
गल जोट्टी,
तडके-ए तड़क ,
जोहड़ में जा लोटी !
7.दबी जावे ,
दबी आवे ,
घरां आण के ,
मुंह बावे !
8.मेरी जड़आँ में पानी,
मेरे सर पे आग,
में घूमू चारुं ओड,
मेरे लोग रहे लाग !
9.साड़ी रात अडावे,
तडके-ए काढ बगावे!
10.लाल लाल घाघरा , हरी हरी टोपी , रावले म जाती न ठाकुर साब कुटी !
11. आड़ी चालू, टेडी चालू, चालू कमर कस !!
जल्दी से नाम बताओ, मिलेगी तुमको ताली बस !!
12. दो माँ बेटी,
दो माँ बेटी ,
चाली बाग़ में जाँ,
तीन निम्बू तोड़ कें ,
साबत -साबत खाँ !
13.गोलमोल गोलमोल पोरी पोरी रस , बता त बता न रपिये लूँगा दस !
14. तीतर के आगे दो तीतर ,
तीतर के पाछे दो तीतर ,
बताओ कितने तीतर !
15. चार मण के चार पाये,
चालीस मण की खाट,
अस्सी मण का कोठड़ा,
सौ मण का जाट !
16. पंछी उड़े आकाश मगर कित रहैं
17. आठ पगारी ऊंटडी,
और पीठ पाछै पूंछडी !
18. अंत कटे तो बनता कोआ,
आदि कटे तो हाथी ,
मध्य काटकर काज बनालो ,
मैं हूँ सबका साथी !
19. राजा के राज मै ना ,
माली के बाग़ मै ना,
तोलै तो शेर ना ,
खावै तो गुठली ना !
20. काला बलध कलासिया,
महल तले के जा ,
बारा नाथ घाल ली ,
फेर भी अरडान्दा जा !
21. बेठा साल में ,
पाँ पसारे गाल में !
22. सारे घर माँ के हंडआवे ,
पड़ी रह तो बाल खींडआवे !
23. खाली जावे ,
भर्या आवे !
24. ऊंचे टिल्ले मेंहस अर्डावे,
उसका काढ्या सब्कोये खावे !
25. या गयी , या आई,
एर तेरे धोरे-ए बताई !
26. छोटी सी लुटिया ,
कोड़ियाँ की भरी !
27. राह मै पड़ी जंजीर,
क्यूकर ठाऊँ मेरे बीर !
28. अंगी -बांगी लाकडी ,
राह में जा पड़ी |
कोए ना उन्हें ठावे |
माडी वार में सूख जावे
29. चीकणी तलवार ,
भींत के दे मार !
30. कटोरै मैं कटोरा ,
छोरा बाप तैं बी गौरा !
31. एक खड़ी , एक पड़ी
एक पै चालै गिरड़ी !
32. चार खड़ी,
चार पड़ी ,
दो-दो,
एक-एक ,
में जुडी |
33.मै हूँ एक फकीर ,
मेरै पेट पै लकीर ,
आऊं सूँ मै खाण कै काम,
मेरै बिन जीणा नहीं आसान !
34. में छोट्टा ,
तू कोड बड्डा ,
मानने चुम्या ,
तू रो पड़्या!
35.घाम लगै तो पैदा होज्या , छायाँ मै यो मरज्या
काम करै तो बी उपजै , हवा लगै तो मरज्या !
36. सरपट दोडै हाथ ना आवै ,
घंटा उसका नाम बतावै !
37. धौली प्लेट मै काला रसगुल्ला !
38.छोटा सा छोरा ,
कित जा गा ?
--ताऊ आले खेत |
के खा गा ?
-- बालू रेत !
39. जोहड़ माँ ते लिकड़ा भड्रक- भू ,
चार पाच्छे एक मुह !
40.काला सूँ में काला सूँ ,
काले जंगल में रहूँ सूँ,
लाल पांणी पीऊँ सूँ ,
धोल्ले अंडे दूं सूँ !
41.बड़ रे बड़,
तेरी पाणी में जड़,
तेरी चोटि में आग ,
तेरे लोग रहे लाग !
42. प्यार करूँ तो घर चमका दयूं,
वार करूँ तो ले ल्यूं जान ,
जंगल मैं मंगल कर दयूं ,
कदे कर दयूं मैं गाम बिरान !
43. एक चीज गजब की देखी ,
जिन्दै मैं तैं मुरदा लिकडै ,
अर मुरदै मै तैं जिन्दा !
44. मैं एक छोटी सी छोरी , सबकै साथ मैं रोटी खाऊं,
कोए मैंने ना रोक सकै , ना ए मैं शरमाऊं !
45. पीली सूँ ,में पीली सूँ ,
माटी के बिल में रहू सूँ ,
बालकां के डले सहूँ सूँ ,
ना तो डस लूंगी कहूं सूँ!
46. सरसोली तें चाल्या ,
माथोली पे आया ,
च्यूंटकोली में पकड्या गया ,
हाथोली में मार्या |
47. एक नारी इस्सी देखि ,
जो गोली खावे |
जिह पे भी थूके,
वो-ए मर जावे |
48. तेरा भी वो मामा ,
मेरा भी वो मामा,
मामा का भी वो मामा,
यो रिश्ता कुकर जम्या|
49. में आई थी लेवण,
तू लाग री थी देवण,
जा तन्ने दे ली हो तो ,
में ले जाऊं !
50. रात नु जा लुके ,
दिन में लिक्डावे,
कती ना पेंडा छोड़े ,
गेल्याँ चाले जावे |
51. उप्पर तें गल घोट्या,
तले तें दो मुंह छोटा,
52. चोमशे में अर्ड-मर्ड,
ना में डांगर,
ना में भरड!
53. पांणी तें में भर्या,
आसमान में ,में तर्या ,
जित चाहूँ ,उड़ जाऊं ,
दुनिया की तष बुझाऊँ |
54. सौ दांदा का जाबडा,
पर कदे ना चबाऊँ में |
फेर भी घिस जावीं तो ,
नए कढ़वाऊँ में |
55. अरड - मरअड़ की लाकडी ,
आरडाटा ठाआँदी आवे|
जिह पे भी जा पड़े ,
उहे का जी काढ बगावे |
56.बिसियाँ के सर काट दिए ,
ना मारया ना खून करया !
57. जो मेरा स नाम,
वो-ए मेरे बेटे का नाम ,
जा तू बता दे,
बनज्यां सारे काम |
58. एक बलांध का मेरा शारीर,
भीतर भरी घनी तक़रीर !
59. उप्पर तें लट्ठ पड्या,
भीतर तें चिडपड्या !
60. नाचूं में हो के मगन,
सर पे मेरे धरया ताज ,
पायां नु देखूं रो पडूँ,
के स इहका राज !
61. बीस मंजिल का भवन खडया,
सर पे हरया ताज धरया !
62. जाड्डयाँ में मोटी,
गर्मियां में माड़ी,
घेटी तलां कर कें,
कट्ठी चालें सारी !
63.चार बांह ,एक शरीर ,
लागे जब होवे पीड |
64.राम दिया शाप,
आँख गई फूट ,
काणा होया आप,
कनाग्तां मचावे लूट!
65. पतला सूँ, जब चोटी बधाऊँ,
करडा होज्याँ , जा सो जाऊं ,
खट्टा हो ज्यां ,जब घर-घर मांग्या जाऊं |
66. जाड्डयाँ में जड़ाई मरी,
गर्मियां में लुको धरी |
67. एक जानवर इस्सा देख्या,
जिह के पेट में तेल ,
चोटी में लागरी आग,
अन्धेरा होर्या रेल !
68.सिद्धा - खब्बा डोलूं,
तेरी नक़ल कर बोलूं !
69. हांडी सा सर मेरा,
कुडता पहरावे जेठ ,
एक टांग पे शरीर मेरा ,
वो भी बिना पेट !
70. कदे ना बडूं,
चाहे सामण ,
चाहे जेठ ,
पर में लिकडू,
जब आवे जेठ!
71. महारा जोड़ा बड़ा कसूत,
हलुआ ,भार्या नु देवे कूट |
72. तीन भाण भाई ,
कट्ठे करें जुताई ,
ना कोए साला साली ,
रुखाला उनका हाली !
73. लटकमलोरी ---लटकमलोरी,
कड के उप्पर धारें छोरी !
74. गाभरू ने में छेड़ूँ ना ,
बालक मेरा भाई ,
बुड्ढे नु में छोडूँ ना ,
चाहे ओढ़ ले रजाई |
75. ना खाऊँ ,ना खावण द्यूं,
एर ना मुंह बावण !
76. नाण दे जिन्दगी ,
नाण दे मोत,
एक हफ्ते का जीवन ,
बताओ ताव्ले ,वार होगी भोत |
77. हजार पायां का शरीर ,
ना धारूँ कोए चीर ,
लोग मेरा काला भुंडा,
पाछे ला राख्या लाल्टनिया टुंडा |
78. जिन्दगी मेरी काठ ,
खसम मेरा जाट !
79. मेरा नाम,
मेरे बाप का नाम,
दादा,परदादा का भी ,
नाम एक समान !
80. बाजू सूँ , ना में ढोल ,
गाऊँ सूँ , ना कोए मोल ,
बालक बुड्डयाँ का में प्यारा
ना में बिन्जो , ना इकतारा |
81. बेठेक मेरी आली ,
में सूँ चम्भो चाली ,
बत्तीस मेरे रुखाले ,
ना भाई , ना साले !
82. ना भाला ना तीर ,
लाग्ज्या तो घा करे गंभीर!
83. हाम सां कई हजार ,
एक महारा सरदार ,
दिन में हामने डर लागे ,
रात नु लिकड़आँ बाहर |
84. बारा मण की धोबन्न,
गाणा गन्दी जावे ,
एक रपिया गेर दे ,
ठोड-ए मुंह बावे !
85. बादल ने जनम दिया ,
जब बरस्या मींह ,
लाल दामन पहर्या
उप्पर बेठी ,ढीह |
86. सीढ़ी जिस्सी मेरी राही ,
ना में कीड़ा ,ना में गिजाई |
87. छोटा सूँ में , छोटा सूँ
पर सूँ बड़े काम का ,
में ना होऊं तो ,
फेर के काम दाम का |
88. सर पे मेरे सरकंडे ,
हजार द्यूं अंडे !
89. जब में चढ़ी ,तो तू आई ,
एक थां हांसी, एक थां रोई लुगाई |
90. छोटा सा छोरा,
पेट रह्या पाट,
जिह के भी होया,
ऊह के होगे ठाठ!
91. धोली घोड़ी लाल लगाम,
उप्पर बेठा शालिग्राम !
92. जड़आँ में तेल , माथे फूल ,
तीन बट खाई , रही थी झूल !
93. उप्पर चढ़ तू पाँ मारे,
मेरे बिना ना सधती थारे !
94. रेत की चादर ,
उप्पर बेला ,
गुरु बुझे ,
बता रे चेला!
95. हर्या घाघरा ,
पिली चोली ,
जवान होई ,
मंडी जा तुली!
96. हरी परी ,
बीटोड़े पे धरी ,
घरां आ के ,
बणी तरकारी !
97. तीन पगारी छन्नो राणी ,
खावै लाक्कड़ काढै पाणी !
98. छोटी सी छोरी , सबकी जाणी ,
खावै रोटी , ना पीवै पाणी !
99. दो बे फुले ,
एक बे फले ,
चुगे पाछे ,
चूल्हे में जले!
100. तू होया तो में फोड़ी थी ,
गीत गावण आली जोड़ी थी !
101. चिडपडा पर गुड कोणी ,
लंबा स पर बांस कोणी ,
ज़िंदा स पर सांस कोणी ,
लड़ जावे पर सांप कोणी !
102. काला झोटा
भाज्या आवे ,
नाशां में धुम्मा,
काला चोथ बगावे!
103. गोसे मेरा खाना ,
काला मेरा बाना ,
कदे ना में लड्या ,
कदे ना में भिड्या,
फेर भी बतावें हारा!
104. दो तोरी ,
मुंह तागा ,
खुल जावें तो,
मेमने भागां !
105. पहाड़ तें लयाऊँ,
मोरी माँ के दे ज्याऊं !
106. उप्पर ने ठा मुंह बावे,
गिंहू चने वो खावे ,
हाली का स वो भतीजा,
सारा खेत उहने बिज्या !
107. दो पहियाँ का गाडा,
एक घुमे एक ठाडा,
फेर भी कहवें चाले ,
पर थां तें ना हाले |
108. एक मेन्हेस की तीन झोटी,
कोए माड़ी कोए मोटी |
109. तीन डिब्ब्याँ की रेल,
ना उह पे चाल्या जावे ,
पीवे मीठा तेल ,
छिक-छिक खोई खावे!
110. एक जानवर इस्सा देख्या,
जिह की कड़ पे काठी ,
छोटी ऊह की पुन्झअड़ ,
टांग जणू हों लाठी ,
पायां में खुर नहीं ,
बिन पानी जी जा ठाठी !
111. एक माँ की दो छोरी ,
एक ठाडी (खड़ी ),
एक हंडोरी !
112. एक काली ,लांबी झोटी ,
छह मिहने जोहड़ में लोटी ,
फेर कोहलू में ल्या जोती !
113. मेरे बिना कलम ना चाले ,
ना कोए बांच सके पोथा ,
एक दिन में भी था ज़िंदा रूंख,
सोचो ज़रा अगर में ना होता |
114. मेरे नाम में स दुक ,
पर में नि बन्दूक,
ब्याहली मन्ने ले कें आवे ,
आपना धोरा मेरे में सजावें !
115. उड़निया डांगर ,
सोवे बल मांगर (कमर ) !
116. आठ टांगआं के बीच में ,
गाडी रह्या खींच में ,
जुआ मेरे पे धरया नहीं,
गाडी चले कुकर ,बेरा नहीं !
117. चार टांग ,
दो हाथ ,
के तो बता,
ना आड़े तें भाज,
118. चार बांह का बीजणा,
बाल ना बगावे ,
मौसी नु सोचे ,
दिखाँ आपे टूट जावे
119. घुम्मे सारा गात
मेरे तीन हाथ
बाल तें करें बात !
120. सारे कुन्बे की भूख मिटाऊं
खुद खाली पेट सो जाऊं !
121. वो तो हे खाती ,
छिक-छिक पराती ,
तम उह की जात बताओ ,
गेल्याँ दो गवाह ल्याओ !
122. एक गाँ इस्सी देखि ,
जो घूम -घूम के खावे |
दूध घी की थां,
चून दे जावे |
123. ना में बाहर ,
ना में भीतर ,
मेरे धोरे आ कें,
माणस काढें लीत्तर!
124. में सूँ बारी ,
पर मझक कोन्या ,
में सूँ बारी ,
पर ओसरा कोन्या !
125. एक ने जगा बताई ,
दोयाँ ने राह बनाई ,
दोयाँ ने दी बिनाई ,
दसां ने मिल के ठाई,
बतिसां ने करी रगड़ाई!
126.तीन आखर का मेरा नाम
आगले दो तें हो ज्या " काम'
पाछले दो तें हो ज्या "पाणी "
ला कें सुथरी दीखे राणी !
127. कट्ठी रोवें , कट्ठी सोवें , दोनु जुडवा बेटी, पर आज ताहि नि फेटि!
128. रोयें तें वो पंघल जा | ना रोवे तो उड़ जा | बाल की करे वो सवारी | इन्दर देव का स पुजारी |
129. बिन डोर का चरखा , ना काते वो सूत | चार पालने डुलावे , घुमावें दो भूत |
130. में हाथी में भी , में बारी में भी , में छिम्बी की दूकान में , देखूं ,अक आऊं तेरे बताण में !
131. हरी थी वा भरी थी, राजा जी के बाग में, दुशाळा औढै खड़ी थी|
132. दादा मुते , पोता नहावे , सारा रस कुवे में जावे |
133. दोयाँ ने कर ल्यूं बल में , कदे सुहागी में ,कदे हल में |
134. में सूं एक लाख , बल के हो जाऊं खाख !
135. सर में पडूँ तो "जी ", खेत में पडूँ तो "राही", तेरे पे बुझी , तेरे दादा ने बताई |
136. एक पिन्दा, चालीस दांदे , मेरे बिना ना , खेत सुहान्दे !
137. घामे की बेटी , सुरजे की पोती , के तो बता दे ना तो, तेरी अक्कल खोटी !
138. कागज़ का मेरा गात, आसमान तें करूँ बात , मेरी नकेल तेरे हाथ !
139. इसा जानू हथोडा , पर लाकडी का घोड़ा , रगड़-रगड़ राब , ठाडा भर द्यूं चाख!
140. ना आण दयूं , ना जाण दयूं , धुर ताहि लखान दयूं !
141. लटकी जाऊं, लटकी आऊं, घेर में आण के, बोझ ठाऊँ !
142. सोना भी , धतूरा भी, अर आऊं में खाण में , दिखाँ आऊं थारी पिछाण में !
143. गाडी उलाली आई काम , ना तो खूंटी पे दी टांग !
144. खाती के ने घडी, छिम्बी ने पहराया सूंट, मनियार ने चढ़ाई चूड़ी, जाट ने ओढाया चुन्दड , बताओ या बहु किसकी ?
145. हर्या छोरा , हरी रजाई , खावें उहने , हरी गिजाई !
146. भूतां की राही , अम्बर में बिछाई !
147. गेल ने वो लटके , उलालू में आवे काम , डहिया का छोटा भाई , बताओ उह का नाम ?
148. टोकरे की बेबे ,
पैर में पड़ी ,
जब भी बाल चाले ,
गडोंची प चड़ी !
149. ऊँचे टिल्ले बेठ्या ,
बणावे काजल श्याम ,
सो जा चादर ताण क,
जब लिक्डावे घाम !
150. मण का ,मण का सब कहवें ,
बोझ ना उह में सेर ,
कह तो तावाला बता दे,
ना तेरी नहीं खेर!
151. हजार बारी का महल ,
छात पे धरया खजाना ,
राणी कहवे सिपाही ने ,
त्यार राखियो तोप खाना!
152. एक गाँठ का नाप ,
ठाले मानस आप ,
रंग स उह का धोला,
रूप बदले बंजा चोला!
153. देखे तो स फूल ,
खावे तो सुवाद ना ,
ठावे ते बोझ ना ,
भीतर लिकड़े कांकडा,
खोर में जा के सांपड्या !
154. नकोदर में बेठ्या ,
कानपुर में लात ,
मन्ने बेरा ना था ,
मेरे दादा ने बताई या बात!
155. लोह का बेटा ,
गोदी में बेठ्या ,
जा करे कोए घात,
दूर तें मारे लात !
156. लाल स मेरी चामडी,
ग्यार में देई टेक ,
कोए आड़ी कोए बांगी,
एक पे चढ़ी एक !
157. जब भी उह ने बधावे ,
सासू का नाक तोड़ लायावे ,
बताओ के ?
158. दश सींग की गाँ,
डून्घे डूबी जा ,
सब क्याएँ ने काढ ले,
जो भी थ्या जा !
159. रीती जावे,
भरी आवे ,
सब की वा,
तश बुझावे !
160. आठ पान्सली ,
एक बांस ,
जेली की बेबे,
कुहाडिये की सास !
161. खाती के ने घडी ,
भींत में थी जड़ी ,
दादी की ले री घाघरी,
दादा की ठा री पागडी!
162. आपणा कमा के खाऊं ना ,
दुसरे का छोड़ के जाऊं ना !
163. पांच ताई भूरा ,
पचास ताहि काला ,
पचेतर ताहि धोला,
फेर ना रंग का रोला!
164. पहले बिना ना दूजा ,
पहला टोहवे जा दुसरा खुजा ,
दोनु दुश्मन घणे कसुत ,
दूजा ठा जा जब ,
पहले की आवे सूत,
बताओ दोनु कुण सें ?
165. उस चीज का नाँ बता ,
जो तू पहरे ,पर ना खरीदता ,
जो तू खरीदे ,पर ना पहरता ,
166. जब मिंह आवे ,
बहार लिकड़ कें मुह बावे!
167. योद्धा सूं जंगे-मैदान में,
प्रेमिकाओं का श्रृंगार सूं ,
जा लागूँ चक्सुओं के द्वार में,
बताओ के ?
168. थोथा स गात मेरा ,
अर घा पड़े गंभीर ,
तेरे अधरां पे लाग जाऊं,
तू सुर लिक्डें सुरील !
169. अंगी बांगी लाकडी ,
गीत गंदी जावे ,
एक ओड तें भींच री,
एक ओड तें मुंह बावे!
170. चुन्घनिया स एक ,
तडके सांझ गंडे पाडे चार ,
फेर भी कुछ ना मिले ,
रस काढ ले जा जमींदार!
171. लिली गाँ मन्ने कहवें,
आऊं थारे खेत में रोज |
उप्परली सत्त्रां में,
मेरा नाँ ले खोज |
172. लाल तोते टांग लिए ,
लत्ते दिए तार |
उहने देख कें लागे ,
जाणु आई स बहार |
173. छ : टांग का काटडू ,
उलटा दिया लटकाय,
दीदे काढ़े झोटडी ,
गेल्याँ गाल फुलाय!
174. एक मोघे का छत्ता मेरा ,
दूसरी उह में ना सुहावे |
जब भी में बाहर लिकडू,
खून मेरी तश बुझावे !
175. जूंढी की बेटी ,
बाण की माँ |
बल खाई लोटी ,
खाट के मांह |
176. घडी में बताऊँ
घडी पाछे डूब जाऊं!
177. रेत का मंदिर ,
धोला भामन ,
कीड़ी बड गी ,
लागी रामभ्न !
178. ना मेर: पहिये ,
ना मेर : लात ,
घीषड- घीषड चालूँ,
बल्धां की साथ ,
हल ने ठा ल्यूं ,
दोनु हाथ !
179. घेट्टी में घेरा ,
ना कबूतर ,
ना बटेरा !
180. वा जब आवे ,
ले कें जावे |
181. एक पहिये की रह्डुआ,
ठोडे चक्कर खावे ,
कदे काप्पन्न,कदे बरोली,
कदे कुल्हाँ काढ बगावे !
182. वा-ए खोले ,
वा-ए मूंदे ,
वा ना हो तो,
तू नुहाँ ने चुंडे!
183. एक सींग की गाँ,
बाछ्डू चुन्घे जा खुला |
184. एक सासू दो बहु ,
दोनूं तारें लाली ,
सासू कहवे बहुआं ने,
तम कसुती चाली !
185. पहर -पहर मन्ने कहवें ,
पहरया में जाऊं ना ,
आठ घडी के बखत बिना,
में दुसरा पहर आऊं ना !
186. ना आर जावे ,
ना पार जावे ,
तू-अ देख :
तन्ने-ए बतावे !
187. एक बेटी इस्सी देखि ,
उह की माँ आधी ने रोज नुहावे,
उप्पर तें कती गोरी चिम्के ,
तले तें काली रह जावे !
188. तडके-तड़क में तारी ,
दंदां गेल्याँ मेरी यारी ,
फेर भी दान्दा ने में मारी!
189. स्वर्ण सिंह की बेटी,
करनपुर बियाही ,
देख-देख कें सारी,
राजी होवें लुगाई !
190. 100 हाथ का गात ,
पाताल तें करूँ में बात !
191. तीन आखर में बाँचो,
काग की चोंच ,
हाथी को पाछो !
192. गंडे का भतीजा ,
चोमास्स्याँ में पसीजा !
193. कणक की बेटी ,
पाणी में रलाई ,
अंगार पे सिंकाई,
थाली में लेटी !
194. एक धारी तलवार,
पायां तले ली दाब ,
उह के काटे ने ,
खावें सब ,ले सुवाद!
195. लुहार के ने घडी,
लुहारी आई बेच ,
के तो बता दे ,
ना तेरे नुहा ने,
ल्युंगी खेंच !
196. ना में हवा ने जाई,
नाम मेरा हवाई !
197. लोहे की बादली ,.
घर-घर करदी जावे ,
आछे ने ले धर ,
भुंडे ने बरसावे !
198. उह के पाँ देख के ,
दिल गया पसीज ,
उह के आंसू चुग के,
बोये एंडयाँ के बीज !
199. पाणी की रेल ,
खिंची बल्धां की गेल!
200. एक बाप के दो बेटे,
एक ठावे बोझ ,
दूजा लेवे मौज !
201. एक चुंडा , दो हेल ,
ब्याही बाणीये की गेल |
202. तेरी मुंडी उह के हाथ में ,
बंडावे तन्ने बात बात में !
203. नाम में भी जड़ ,
खान में भी जड़ ,
तावाला सा बता ,
ना इथों बाहर लिकड़!
204. लाल पहाड़ ,
काले डाकूआँ की लार ,
डाकू चुंड-चुंड खावें ,
आपने भाइयां ने भी बुलावें !
डाकू कुण ? पहाड़ कुण ?
205. मिंहा सी चीज ,
पाछा रहया पाट,
इह बिना सरे नि,
जा लत्ते जावीं पाट!
206. ना जात का भंगी,
गाल में रहूँ तंग-सी ,
अडंगा करूँ साफ़ ,
नकोदर का वास !
207. कांच का महल,
कचनार की गली ,
रस का प्याला,
मिश्री की डली,
बताओ के ?
208. मुंदु सूं, पर ताला नही ,
मोघे सें, पर जाला नहीं !
209. मुंह में सें अस्सी दांद,
काट- काट के ला दे कांध !
210. आड़ा पोया बांगा पोया,
पोया कस्स- कस्स,
कह ते तावला बता दे,
ना तेरी इब्ब खेर नहीं बस !
211. दौल्ड़े का बड्डा भाई,
पैरआं में करी खीन्चाई !
212. एक टांग का सन्यासी,
जोहड़ काट्ठे का वासी !
213. लाल पारी ,
हरी चोट्टी ,
भेंट चढ़ी ,
कुण्डी सोट्टी!
214. नाक की शोभा,
जानू स चोभा !
215. तू झूठ ना बोल,
उस्सा-ए बातावे ,
जिस्सा तेरे सामी डोल!
216. बाबू पेट में,
बेटा बरात में !
217. चाम की जेवड़ी , हाड दिए बाल (जला ), क : ते बता , ना हाडे तें चाल!
218. काली बेल ,
लाल फूल ,
बाजें घुंघरू ,
बिचाले झूल !
219. खाट मेरी माँ ,
मुड़ढ़ा मेरा भाई ,
मन्ने गेल्याँ ले ज्यां ,
जब गीत गावें लुगाई !
220. मेरे डांगर रहे लाग,
भूखा रहणा मेरे भाग !
221. रात की उड़ार,
पटबीजना कोणी ,
रात का शिकार ,
उल्लू कोणी !
222. ना तन, ना मन,
कुड़ते पहरूं हजार ,
ना किम्मे भीतर ,
ना किम्मे बाहर !
223. घास हूँ, रूंख नहीं ,
मिटती मेरी भूख नहीं ,
ना जड़, ना पाते ,
पीला मेरा रंग बताते!
224. बिन खुसबू का फूल,
पत्नी, पति तें मांगे ,
पर बालाँ में ना टाँगे !
225. आज तें आगला ,
डाकिये का काम ला,
जोड़ कें नाम बता !
226. दो आँख ,
दो जीभ ,
कान कोणी,
बड़ा अजीब!
227. घूम घूम कें वो आवे,
छप्पर -जोट्टे ठा ले जावे!
228. ना ते वा स खाट,
चार्यां की करे बात ,
बाह्रन्ने में खड़ी,
सर के उप्पर भी,
अर पायां में पड़ी!
229. दादा बेठे -दादी बेठे,
बेठें पोता-पोती ,
भाहरने की दोनु ओड़,
ये दोनु जोती !
230. आर जावे पार जावे,
जावे कर्र-कर्र ,
रूंढ़ा खींचे खूंढ़ा खींचे,
दो टूक कर !
231. ना यु पासंग,
ना यु बाट,
इह के बिना तौल,
कोणी साच !
232. अंगा चलूँ ,बंगा चालूँ
चालूँ रंग बिरंग ,
आज्या भाई ,आज्या बेबे,
पढले मेरे संग !
233. बे पेंदे का लोटा,
ना पाणी का टोटा ,
234. जब कान ने दे दाब,
उह के मुंह में के आवे आब!
235. काँधे लद्दी जावे,
काँधे लद्दी आवे ,
गेल्याँ तेरे ,
खेत कमावे !
236. काली स मेरी घेटी,
पायां तेल लपेटी ,
अँधेरे आवे मेरा यार,
चंदना दे पसार ,
बताओ वा कुण अर यार कुण ?
237. काली सूं में काली सूं ,
काला मेरा गात ,
एक से मेरी टांग ,
आठ सें मेरे हाथ !
238. चिकनी जेवडी,
सरपट भाजी जावे ,
ना हाथ पायां ने ,
अर ना पाँख हलावे!
239. जनम पे खावे,
मौत पे खावे ,
खावे ठुस-ठुस ,
काम में कती फुस्स!
240. अगाऊ तें जात,
पीछाऊ तें लड़ाई ,
दोनुआँ ने जोड़ कें,
या पहेली बनाई !
241. ना तन ,ना मन,
कुड़ते पहरूं सौ ,
चाहे तार के देखो,
देखो गे तो ल्यिओ रो,
बताओ के ?
242. पांच दांदयाँ की कांघी,
बरते बलध के: ढाआँढी !
243. पहाड़ में जड़ ,
मैदान में ढाहली,
खेत मेरे पत्ते ,
फसल दयूं निराली!
244. एक पल में आवे,
एक पल में जावे ,
ठा के बागा दे ,
जा तू हाथ लावे!
245. रोऊँ एक-एक आंसूं,
पर थारे घर ने चासूं !
246. यु रोज तेरे धोरे आवे ,
चाँद सा गोल दिखावे ,
खाण का कोणी ,
पर खाया जावे !
247. छोटा सा छोरा ,
टूलअम टूल ,
काँधे धोती ,
माथे फूल !
248. नाइ की ,मन भाई की ,
बात कहूँगी हेठी |
इसकी सासू ,मेरी सासू
दोनु सें माँ बेटी ||
249. दो सिपाही लड़दे जावें ,
केम के पत्ते झडदे जावें !
250. एक अच्मभा इस्सा देख्या ,
देख्या र लोगो केम तले,
बीस बरस की पाड़ी चुन्घे,
तीन बरस की मेंह्स तले !
251. कदे कहवें धूपिया ,
कदे कहवें रतोडा ,
चीज में एक सूं,
अडोस पड़ोस जोड्या !
252. वो गाम कुन्सा स जिह में लड़की गोबर खाती हो |
253. इस्सी चिड़िया का नाँ बताओ ,जिह के सर पर पैर
254. ठोडपुर की छोरी ,
नाशिक में ब्याही,
लोग देवें मरोड़ी ,
देखें सारी लुगाई !
255. लोहे का हाथी,
ना पूंछ ना काठी ,
256. माँ जाई का सन्देश,
आया तागे का धर भेष !
257. ३ चीज जहान मे,
ना धरती पर ,
ना आसमान मे!
258. तेरी बेहल्डी ने ऊंगु ,
तले बड जाणु ते चुन्घुं !
259. १० बज के १० मिनट पे ,
खड़ी होज्याँ मूंछ ,
के ते तावला बता दे,
ना तू बावली बूच !
260. आग तें मुसीबत,
पाछे तें धन ,
ताव्ले से बताओ,
तीन अक्षर गिण !
261. आलू क ताप चढ़ावे,
इससे फल का नाँ बताओ |
262. ना में "आडू ",
ना में "राही" ,
मेरे नाम में ,
ये दोनु आई !
263. ना उह के लाग रे खुर,
ना उह के लाग रे पाँ,
फेर भी उहने तू खेताँ ले जा !
264. में नहान्ना सा ,
तू कोड बड़ा |
मन्ने चुम्म्या ,
तू रो पड़्या |
265. तू भी खार्या,
में भी खार्या ,
तू दिखावे दुःख ,
में दिखाऊं ताप ,
दोनुआँ बिना ,
जी नहीं सकते आप |
266. रंग मेरे तीन ,
ना डरे पाक ,
ना डरे चीन !
267. कड़ पे लोटा,
पानी में लोट्या !
268. चढ़ावे मणिआर,
ले जावे लणीहार |
269. वा नहीं स नार ,
पर अंडे दे हजार !
270. हाथ ने मसली ,
बल खाई जावे ,
बाही सेरुआं ने ,
आपना भाई बतावे!
271. गोसे की बेबे,
भींत के चिपट रि !
272. गार्या तें बणी,
भींत पे चन्णी ,
गेल मेरा भाई ,
दुशहरे के दिन ,
जोहड़ में जा बहाई |
273. गोल सूं में गोल सूं ,
गोबर की में झोल सूं ,
होली पे मेरा जाणा,
गेल बडकला मरजाणा!
274. रोटी का भाई ,
दादी ने बणाया ,
मन्ने खाया !
275. जाती स ,पर जावे कोणी ,
खाती स ,पर खावे कोणी !
276. मेरे नाम में स ईंख ,
जा घेटी पे जा लागुं,
मांगन दयूं ना जान की भीख!
277. वा उड़े के गुजरी,
मन्ने कही,
अक वा स गुजरी,
पर सब गए नाट,
बता या के हुई बात!
278. जले भी ,ब्ले भी,
पर ना होवे राख ,
ना में बिजली ,
ना में ताख !
279. माटी तें बन्या,
पर में ना घडा,
दुआली की बाट में,
कुम्हार क पड्या !
280. माटी की माँ,
माटी का बेटा ,
माँ पेट भर खावे,
भूखा रहवे बेटा !
281. माँ काली,
बेटा गोरा ,
चीनी का भाई,
ईंख का छोरा !
282. नाम तें -पायां में अड़ी,
असल में सर पे धरी !
283. नाम तें दुश्मन ,
खावे ते खुशमन !
284. इह के नाम में ,
पखेरू का नाम ,
पर स यु चौपाया,
साझला सारा गाम!
285. में जल में भी ,
में थल में भी ,
मछली का साथी,
रोला करूँ दिन राती!
286. मुस्से की जात,
कांड्या का गात !
287. काला सुं पर नाग नहीं,
पक्षि सुं पर काग नहीं ,
मीठी बांनी बोलिए ,
आम के बागाँ टोह लिए !
288. चाम की गोझ,
आग लावे रोज ,
लुहार कहवे लुहारी ने,
तावली-तावली लोज !
289. छ : टांग का काला घोड़ा,
मिंह तें पहलम अंडे ले दोडा !
290. धरती के मांह डुन्घी ,
धरती के उप्पर ऊंची लांबी ,
सांप का महल सूं में ,
बनावे एक कीड़ी आंधी !
291. कटोरी में कटोरी ,
कटोरी में पताशा ,
पताशे में बिंदी ,
दिखावे दुनिया का तमाशा !
292. सगाई की रीत,
निशानी -ए प्रीत ,
अनामिका के संग ,
के ते बता दयो ,
ना होवो फेर तंग!
293. जींदे कमाया जावे ,
मौत पाछे भी बधें जावे !
294. मेरा नाम स तोता (पर्यायवाची ),
में लागूं ते माणस रोता ,
एक स मेरी चोंच ,
मारूँ ते आवे खरोंच!
295. भीतर जहर भरी ,
आग ला मुंह में धरी !
296. जनमे जब , थे कोणी ,
सर पे सें , मुंह में कोणी !
297. में ते डिब्बी में सोई थी ,
च्यूंटी ने पकड़ी थी ,
नाक में गोई थी !
298. में एक पखेरू,
ना कोए बला ,
मेरी घेटी में ,
स एक छल्ला!
299. एक अजूबा ईसा देख्या ,
आगे तें बणाया भगवान् ने ,
पाछे तें बणाया इंसान ने !
300. बंदड़ी की गेल आया,
भाई नहीं ,और कोए बताया,
घरां आ के गाल में बैंडवाया !
301. एक पाँ पे देहि घुमाऊं ,
लोग्ड की में बात बणाउं |
302. थूक मूत की छाबड़ी ,
माछर माखी खा ,
माड़ी सी बाल चाले ,
गेल्याँ-ए उड़ जा !
303. पांच किल्लो का स बोझ मेरा ,
नाइ का ले जा , जब करण जावे बेरा,
नाई के ने एक लोई मिल जावे ,
माँ मेरी फूल्ली ना समावे !
304. तू पति भी ,
तू गहणा भी ,
तू उतर्या करे ,
इस्सा कहणा भी!
305. दुनुआ का नाम अ एके,
एक स काला अर,
एक कती ना दिखे !
306. चार ठूंठी की बाल्टी,
दूध भरी जा ,
सुनील कहवे राकेश ने,
मन्ने क्यूँ ना दे जा !
307. सज्जे भी, खब्बे भी ,
छाती के उप्पर भी ,
धरले इह में सौदा ,
तगड़ा हो चे बौदा !
308. दूर तें आवे ,
घंटी बजावे ,
दीखे कोणी ,
पर खूब बतलावे ?
309. चवालीस जणे,
लेण में खड़े ,
लोग बतावें ,
बारा खड़े !
310. आन्गालियाँ का सर,
हरयाने का गाम ,
दोनुआ का एक-सा नाम!
311. बाबू कहूँ ,ते लड़ जावें,
काका कहूँ ते टूर जावें ,
माँ-ए मेरी न्यू बता ,
इन् ने क्यूकर समझावें!
312. काला कुत्ता ,मुडमा पुन्झ ,
तन्ने ना बेरा ते तेरे बाबू पे बुझ |
313. छोटा सा छोरा,
पेट में मोघ्ला ,
सब ने प्यावे पाणी,
काम करे ना दोगला!
314. भाण के जांणा,
बियाह का वाणा,
भर के आणा !
315. मुसीबत का स साथी,
साढ़े तीन हाथ की काट्ठी ,
नाला नहर कूदा दे ,
तावाला सा तू बता दे!
316. हाड में गाड़,
घोड़ा बलध ठाड़ !
317. ना में बोया जाऊं,
ना में जाम्म्या जाऊं ,
तीन अक्षर का मेरा नाम,
बोढिया के दुसर में आऊँ !
318. गोस्स्याँ का पलंग बिछाया ,
आग दी खावण ने ,
बेशक ना जबाब दियो,
जा डर लागे बतावण में!
319. स वो कसुता चालणा,
ना चाले ते खोटा,
धोरे तें जावे जर ,
पड जा घर में टोटा!
320. मोर की पूंछ में,
चन्दा की मूंछ में ,
नाम मेरा हथियार ,
तावला बता मेरे यार!
321. तेरा सुसरा, मेरा सुसरा ,
दोनुआ का समधाणा ,
म्हारा दोनुआ का के नेग,
तमने स जरुर बताणा !
322. आवे थी वा जावे थी ,
देवर ऩे बधाई बतावे थी |
323. लाकडी का गात मेरा ,
तू ना लिए चाट मेरा ,
बियाह में तेरे कर दयूं मिंह,
सोच लिए एक बार ज़रा !
324. छोरा धंसर्या ग्यार में,
बाप बतावे कुम्हार ऩे ,
रोंदा रोंदा चक्कर काटे ,
कुल्हाँ अर चुघड़े बांटे !
325. जब वा पहली बार बड़ी घर में ,
चावलां की हांडी खिंडी घर में |
326. कित का तू शयाना,
ज्ञान का पीवे आब ,
इस्से पहेली में स मेरा नाम,
दिखाँ बता सको आप !
327. कडवी भी तू ,
मिट्ठी भी तू ,
तेरे तें-ए अरि,
तेरे तैं-ए यारी!
328. गाड़े लुहारी जन्माणी,
घर मेरा कढावणी !
329. पेड़ी- पेड़ी चढ़ता जाऊं ,
सरां की छतरी ठाऊँ ,
धरें मन्ने दादी नानी ,
फेर कर देवें बाड़,
अर घर मेरा गितवाड़!
330. कोठे उप्पर आली ,
रहवे उह में चम्भो चाली!
331. मुकलावे में आई,
सासू ननद ने ठाई !
332. आड़ी बांगी जेवडी,
खेत बिचाले जा ,
या ने गेरे हाली ,
क्यूकर बोया जा !
333. सर पे मेरे ताज स,
पूंछ में स मेरे धवज ,
जा कोए इब्बे बता दे ,
इनाम तें जावेगा सज्ज!
334. हथेली में हथेली,
हथेली में पिस्सा ,
कोए जा बता दे ,
ते आ जावे जिस्सा !
335. दुस्सर में आई,
बिठा दी कड़ियाँ ,
ना मेरे में फूल ,
ना कदे वे झड़ियां!
336. में पोली में पाथर सूं ,
खेत में में माटी सूं,
पोली में छात,
अर खेत में झाल,
में -ए डाटू सूं !
337. तीन आखर का मेरा नाँ,
दाम कितणा बेरा ना ,
बोझ स , पर कोणी मण,
उघाड़ी का ढक दे तन !
338. तेरे सर का मान,
दस गज ले तान ,
नाम में स पाँ,
शीश उह की ठआँ!
339. आगे करदे डरे,
पाछे तें करे ,
गल हे या इस्सी ,
करें बिना ना सरे !
340. थप्पड़ तें बणी,
भींत पे तणी !
341. ढोल का छोरा ,
मदारी की गेल ,
माक्कड़ नाचे ,
धाप की गेल !
342. बिन दांदां का मुंह,
बीचाले धर्या कांकडा !
343. तीन आखर का मेरा नाम,
देणी पडूँ तडके -सांझ ,
बांस की में बेटी ,
घेटी देई बाँध !
344. खाऊं सूं में सांप , खाऊं सूं में मिर्च , बताओ में कुण सूं , माड़ा सा दीमाग खर्च!
345. गरम बतावें ,
पर ताती कोणी,
हरी अर लाल के,
सिवा आती कोणी!
346. सुसरे ने थी भरी,
भींत तले खड़ी ,
पायां में स जाली,
रोज घाले घर आली!
347. में चालूँ ते तू स,
में रुकूँ ते तू नहीं ,
ना मेरा कोए आकार,
में सूं ते तू साकार !
348. दो तलवार भीड़दी जावें,
भींत पे भींत चिणदी जावें !
349. एक टांग का घोड़ा,
गेल दिया नाथ ,
काम आवे जब ,
दोनु लावे हाथ !
350. गोल मोल गिन्डुआ,
दादा की गोझ में ,
दादा फूंक रितावे ,
भर ल्याऊं रोज में!
351. ना ते में चीन तें आई,
ना में किहे चीनी के ब्याही ,
फेर लोगाँ ने चीनी क्यूँ बताई!
352. वा आई ,मुंह बाई,
नींद की खबर ल्याई !
353. पात्थर से अंडे,
खूड बणाया वास ,
धोळी मेरी घेटी,
लांबी टांग ख़ास!
354. दो सुरंग बहीं जाँ ,
हलुआ खा ले ठहीं जाँ !
355. चुन का काम्बल ,
ओढें बेठा आलू !
356. तीन आखर का मेरा नाम ,
चुहले हारे का मेरा काम ,
तोष -मोश के में बणाया ,
दादी का हाथ जलण तें बचाया!
357. चिमटे की बेबे ,
लुहारी दे दे ,
नाक तें करे काम,
बताओ इह का नाम!
358. वा पति धोरे जावे,
मीठा जबाब ले आवे ,
वा ना आवे ते ,
ते नींद ना आवे !
359. बाबू भाण ने छोडूँ ना ,
करूँ काम में खोट ,
काम में ना ईमान ,
मारून हलवी चोट !
360. एक आदत भुंडी ,
एक काँधे की घुंडी ,
एक बिकवा दे नाज ,
एक बुआ दे नाज !
361. बूंदी का बीज ,
खाण की चीज ,
मिर्च की आँख ,
मिट्ठा ले चाख !
362. आड़ी बांगी लाकडी ,
खावण में धाकड़ी ,
बेषण चीनी मिलाई जा,
छिक-छिक खाई जा !
363. ना या किते टंगी,
ना इह में गिरी ,
टींगरआँ की मनभावन,
ताव्ले लागो बतावाण !
364. पूरी ने खावें ,
सवा-आली बतावें !
365. ना ते में सूं फूल,
पर मेरे नाम में गुल ,
नरम सूं पर नहीं गल्या,
के ते बताओ ,
ना ते में यु चला!
366. ईंख की पोती,
जमा धोळी धप्प ,
घाल दे बटेऊ क:,
खा जा चपा-चप !
367. ना बर्फ की बेबे ,
ना बर्फ की धी ,
ना गर्मी तें पीन्घले,
बढ़िया मीठी सी !
368. में पैर में ,
में हाथ में ,
घरां आवण ,
की बाट में !
369. दो पाट की चाक्की,
ना कदे राही जावे ,
ज्यां ने भी रगड़े ,
कुछ ना बाहर बगावे!
370. जा बालक के हाथ में ,
करे लिखण का काम ,
जा बुड्ढ़े के हाथ में ,
बण ज्यां उह के दाम !
371. जब उलटी आई बरात,
बगड़ में धरी परांत,
भाभी ने हाम खिलाये,
परात में किम्मे रलाये!
372. ब्याहली की पिछाण,
से यु एक प्रहाण !
373. तीखी नजर ,
घर अम्बर ,
झपट मारे नाग,
नाम बताओ आज!
374. यु राछ भी ,
यु बखत भी ,
यु नरम भी ,
यु सखत भी !
375. जिन्दगी की सौत,
ना या दारु ,
ना या मौत |
376. नाम में तीन आखर ,
अन्न की भरी जा ,
ना भरें गुड -शक्कर!
377. बाण का भाई,.
जोहड़ का काठा,
समझाओ मन्ने,
या के स गाथा !
378. हरया चाम ,
दिल स धोला,
पाणी का घर ,
पाणी का कओला!
379. नाम में काग ,
बेल में पड़ी ,
सूं में साग ,
पर ना कढ़ी !
380. बांडे गा ते बधेगा,
दाबे गा ते घटेगा ,
ना या कोए चीज ,
बता काका के भतीज!
381. ना ओड स,
ना तोड़ स ,
फेल्या चारूं ,
ओड स !
382. छोटा सा कद,
पेट में नली,
दादा मारे घूँट,
सर पे आग बलि !
383. पायां तें पड़े,
चाक्की ने घड़े !
384. बताओ इस्से दाणे का नाम ,
स ते मिट्ठा ,पर ग़ुम में नाम !
385. पाछे आवे माणस,
आगे संगीत का राछ ,
तीन आखर का नाम ,
वो मेरा प्रियतम !
386. एक तें पेट हो जा खाली ,
एक तें दीमाग में काली ,
दोनुआँ का नाम एक ,
जा बता सको ते ,
इनाम की बाट देख!
387. राम की चुन्दड ,
राम का रंग ,
राम का घोट्टा,
घरती ने ओढया !
388. उनके घेटी तले आल ,
उनके कड़ पे सें पाल ,
धोले उनके बाल ,
ठुम्मक ठामक चाल!
389. फूल भी तू ,
आँशु भी तू ,
दुःख में भी तू,
सुख में भी तू !
390. हाथां की लय,
जोहड़ का भाई ,
दोनुआँ की ,
एक राशि बताई!
391. घर में लागे हाथ जोड़ ,
खेत में लागे बलध जोड़ ,
दखां कोए बतावे इह का तोड़!
392. बिलोनी चारमुन्ही ,
चरुंआँ पे चाले रई,
बासन भर-भर ल्यावें सीत,
सारी गाल ने कही !
393. ना खाट ना खटोला, पार भाई सूं छोटा इनका , वो न्यू बोल्या !
394. जेव्डे तें जा के डटी ,
दोनु काख मेरी कटी ,
सुवाद आवे जब आवे झोटटा,
में डांगर नहीं, सूं लाकडी का सौदा !
395. एक बे डांगर,
एक बे झोंका ,
सही बताइओ ,
कदे हो जा धोखा!
396. बीज की माँ,
हाली की बेबे ,
काँधे बेठी,
मुट्ठी भर-भर दे |
397. वो स,
बताओ कित स ?
398. खेत में कटार,
लांबी एक सार |
399. बचपन काला ,
जवानी लाल ,
बियाह मो पोहंच्या ,
ख़तम होई चाल |
400. फली मेरी साग,
पत्त्यां में खाज ,
घणा पीउं ,
उगल जाऊं,
के ते तू बता,
ना फेर में बताऊँ !
401. एक में चारा ,
एक में तेल ,
पाछले दो आखर,
खावें मेळ!
402. धोले हाड ,
भूरी खाल,
बालक पण में थे,
मुन्छ्याँ के बाळ |
403. छः नाथां का बलध,
जोड़ी में चाले ,
उनके बिना तू ,
खेल में ना चाले!
404. काला सा घर ,
भीतर जावण तें डर!
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