Harayanvi Rhymes
प्रस्तुत विषय जाटलैंड फोरम पर प्रसिद्ध सूत्र हरयाणवी कविताये का संकलन है !
विशेष आभार:- रविंदर जीत जी एवं सभी सदस्य जिन्होंने अपनी रचनात्मकता से अनेको नई कविताओ की रचना की !
रमा कटारिया जिन्होंने इन सभी कविताओ को एक सूत्र में पिरोया और विकी को विस्तृत करने में सहायता दी !
1. घुम्म्ड घुम्म्ड दूध बेलोये
जाटनी का छोरा रोये
रोवे से ते रोवन दे
मन्ने दूध बेलोंन दे
मम्मी इसकी रानी
पापा इसके राजा
फल खाए ताज़ा
सोने की चिड़िया
चांदी का दरवाजा
उसमे से कौन निकला
मेरा "भुवि" राजा
2. घालिये मलोटा
थारे घर में कोठा
कोठे में छालनी
"रवि " की बहु आवे चालनी
3. लाडू पीदे सस्ते
मास्टरजी नमस्ते
मास्टरजी ने मारा डंडा
हाथ पड़ गया ठंडा
4. ला ला ला ला लोरी
दूध की कटोरी
दूध में बताशा
भुवि करे तमाशा
5. एक देगची में दो चावल
पके नहीं तीन दिन तक वो चावल
चार वैद का पाठ कराया
पांच पंडितों को बुलवाया
छ चूल्हों पर उसे चढ़ाया
सात समंदर ते पानी
आठ बार भर ल्याई नानी
नौ मनन लकड़ी दस मनन कंडे
फिर भी चावल ठन्डे के ठन्डे
नहीं किसी ने आग लगाई
ते के करते चावल भाई !!
6. आटडे बाटडे
कान के काटडे
आड़े सी हाग्या
आड़े सी मुत्या
योह पा गया !!!!!
(ये कविता छोटे बाल्कां नु हाथां पे गुद-गुदी कर कें हँसान खातर कह्या करें )
7. छान पे छाबड़ी
तारे पिंवे राबड़ी
रामलू की माँ पानी ने जा
रामलू दूध मलाई खा
खावे स ते खावन दे
मन्ने दूध बिलोवन दे
( ये जब गाते हैं जब छोटे बच्चों को दोनों हाथ पकड़ कर मध्नी(रई) की तरह हिलाते हैं )
8. लल्ला रे ललमनिया रे
नाहने मुन्ने भाई रे
माँ के लाडले सिपाही रे
तेरी दादी ने बाँझ बताई रे
तेरे दादा ने बियाह की सलाही रे
सो जा नाहने भाई रे
सो जा नाहने सिपाही रे
१२ गज का तानिया रे
छान ठुवान जाइए रे
हांगा थोड़ा लाइए रे
दंगा घना मचाइए रे
सो जा नाहने भाई रे
सो जा नाहने सिपाही रे
9.
मारूंगा कान प
जागा दुकान प
खाव्गा रेवड़ी
हागेगा जेवड़ी
10. राजा राज की बेटी
पाल्ला काटती देखी
खीडकी खोल दे माली
दुनिया जा स चाली
11. बालक ने में छेड़ूँ कोन्या
जवान मेरा भाई
बुड्डे ने में छोडूँ कोन्या
चाहे ओढ़ ले रजाई
12. मांग्या तान्ग्या
कीकर पे टनग्याँ
कीकर पे सें शूल
चाटेगा धुल
जा कीकर पे तें तार ल्या
(जब अक बालक दुसरे तें किम्मे खावन की चीज माँगता हो एर ना देणा चांदा हो तो कयाह करें )
13. में गया दिल्ली
दिल्ली तें लाया बिल्ली
बिल्ली ने मार्या पंजा
तेरा बाबु होगया गंजा
गंजे की खोपड़ी में तेल
गंजा हो लिया रेल
14. एक एकम एक
तेरा बाबु गुठा टेक
तेरी माँ गोसे बगावे
तेरा बाबु चुग- चुग लयावे
चुगे स तो चुगान दे
मन्ने गण्डा चुन्घन दे
(जब कोए बालक दुसरे धोरे दो पोरी गंडे की मांग लेन्दा जब कह्या करदे )
15. एक एकम एक
एक दूणी दो
तू बूढ़े धोरे सो
बूढ़ा मांगे सिरनी (प्रसाद)
तू ठाडू -ठाडू रो
16. गंजा रे गंजा
टेरम- टेर
हाथ में खुलिया (होकी)
बाछ्डू हेर
बाछ्डू बड़ ग्या मोठां में
मार गंजे के होठाँ में
होंठ पड़े बरोली में
गंजा पड्या खटोली में
खटोली गई टूट
गंजा गया रूस
रूसे से तो रूसन दे
मन्ने तम्बाकू कूटन दे
(जब कोए बालक गंजा हो के आया करदा जब ऊह ने चिडान के मारे कह्या करदे )
17. बूढा बेठा गाडी में
आग लागी डाढी में
डाढी करे चिरड-चिरड
बूढ़ा करे पिरड-पिरड
( या जब कह्या करदे जब कोए बूढ़ा बाल्कान नु खेलन तें नाट्या करदा )
18. रामसिंह छोरा जाट का
बियाह कराया ठाठ का
बहु आई काली
काली स तो के होया
धन भतेरा लयाई
धन ने के में फूकुंगा
जब बहु आई काली
(जब किस्से छोरे की बहु काली आ जांदी तो गाल के बालक उने चिडाया करदे )
19. खाती का रे
खाती का
रहडुआ घडा दे
पाती का
बलध घडा दे
काट का
छोरा बहावे
जाट का
(या, माँ आपने बालक नु भलोण खातर कह्या करदी ,अक मन्ने खाती के तें तेरा रहडुआ बनावन की कह दी स )
20. चर्मक चूँ
भाई चर्मक चूँ
लाडो के सर में जूँ
आ लाडो
सर रगड़ दूं
जूँ की कर दूं
धम्मक धूँ
( माँ आपनी छोटी-छोटी बेटियाँ नु कह्या करदी जब वे बाल धुवान तें नाट जांदी )
21. एक छोरा झूठ बहका दिया
तांगे में बिठा दिया...
तांगा गया झाझर ,
हमने खाई गाजर,
गाजर में पाया हाउ,
बांदर तेरा ताऊ!!
22. बोड़ा रे बोड़ा
हांडी रोड़ा
हांडी धरी
कसाइयां के
बोड़ा हंडे
नाइयां के
न्यान ने मार्या
कूत्का
बोड़ा हंडे
लूकता
(जब किस्से बालक के दांद पड़ जांदे जब ऊह ने चिडाया करदे )
23. शान्ति ए शान्ति
गधे चरान्ति
एक गधा लंगडा
वो-ए तेरा
बंदडा
(छोटी-छोटी छोरी आपस में चिडाया करदी खासकर जिब किस्से का ना शान्ति हो )
24. सांवलिया बानिया
गुड तोले
तले पपिहिया
पूं बोले
क्योँ बोले
भाई क्यों बोले
डंडी मारे
न्यू बोले
(जब हाम दुकानां आली गाल में जांदे ,तो जिस बाणीये नु चिडाना होंदा, ऊ का नाँ ले कें चिडाया करदे )
25. गादड ,गादड़ी नु बियाह्वे
मुस्सा भात भरण जावे
चिड़िया बियाह के गीत गावे
लोंबाँ लाकडी चुग्गन जावे
काग हलवा पूरी बनावे
26. ओ बेटे धारे
तेरी माँ बेचे गुब्बारे
तेरा बाबु फोड़े सारे
27. गुगन नाई, करे कमाई
हूका बेच के, लावे लुगाई
28. बारा बज गे
बारा बज गे
उप्पर बज गा एक
मास्टर जी
मन्ने छुट्टी दे दो
भूखा मर गा पेट
(सारी क्लास जब गाया करदी जब तफरियां का बखत हो जांदा )
29. पप्पू नाई करे सगाई
बारा बेटे एक लुगाई
30. आजा सेठ
मिला ले पेट
तू मेरी भाभी
में तेरा जेठ
(मोटे पेटले बाणियां नु चिडाया करदे )
31. तख्ती पे तख्ती
तख्ती पे दाना
कल की छुट्टी
परसों आना
32. आज मंगलवार है
तोते के बुखार है
तोता गया डॉक्टर के
डॉक्टर ने लगे सुई
तोता बोला उई उई
33. खोखंली गादड़ी
डोले-डोले भाजरी
एक मार्या कुत्का
गादड़ी डेह पड़ी
पड़ी-पड़ी नु लागी भूख
बोली दे-दे
मन्ने दो टूक
टूक पे धरी मलाई
खावे मुन्ना भाई
(जब कोए छोट्टा बालक रोटी नि खांदा हो जब भलोया करदे )
34. कानी थी कोतरी थी
अम्बर ने पोतरी थी
अम्बर में लागे ढीइंढरे
कानी चाबे लिंडरे
(कानी भेंगी छोरियां नु चीडाया करदे यो गा के)
35. काला सूं
भाई कला सूं,
काले जंगल में
रहू सूं ,
लाल पाणी
पिंवूं सूँ,
धोले अंडे
देवूँ सूं ,
तन्ने स
के बेरा ,
मेरा नाम स ,
ढेरा
36. अटरम पत्रम लोहा लत्रम
कुन्दा सांकल अल्लम गल्लम
मस्त कलन्दर जादू मंतर
झल्लर मल्लर बोरी बंदर
दरिया भूरिया हौदा हल्लम
झुथर झाथर चल्लम चल्लम
किते कड़े तैं जोड़ जाड़के
नेम कादे तोड़ ताडके
बेरानां किसने गढ़ी कहाणी
जिसे सुणान्दी मेरी नानी /
37. मीहू नाई करै कसार
सारे भाती चलो हिसार
38. बागड़ी रे बागड़ी
तेरी तोडूँ तागड़ी
तागड़ी पड़ी
ग्यारा(कीचड़) में
बागड़ी पड्या
चोबारा में
चोबारे में झाँखी
बागड़ी ने खा गी माखी
माखी ने दिया हाग
बागड़ी हाडे तें भाज
(भिवानी तोशाम कानी के जो भांजे आया करदे म्हारे गाम में , उन ने चीडाया करदे )
39. मोटि पील पताशा
बानणी करे तमाशा
गेल्याँ नाचे हाउ
में बानिये का ताऊ
( बाणियां नु चिडाया करदे )
40राजा राज की बेटी ,
तोता हाथ में लेती
तोता बाग में जाता
आम तोड़ के लता
टूटी आम की डाली
रूसा बाग का माली
रुसन दे भाई रुसन दे
हमने आम्बी चूसन दे
41. क ख ग घ ड़
खाती तख्ती ना घड़े
घडी-घड़ाई नु तोड़ दे
खाती का सर फोड़ दे
42. चन्ना मामा दूर के
दही पकोड़े पूर के
आप खावे थाली में
मुन्ने नु दे प्याली में
प्याली गई फूट
मुन्ना गया रूस
नई प्याली लयावांगे
मुन्ने नु मनावांगे
43. रूंढा खूंढा
दो भाई
दौनू करें
कसूत कमाई
दोनुआ की कट्ठी
होई सगाई
दोनु लायाए
एक लुगाई
लुगाई लयाई
एक रजाई
रूंढा बोल्या
छोडू कोन्या
खूंढा बोल्या
ओढु कोन्या
दोनुआ की होई
कसूत लड़ाई
भाज्गी उनकी
एकली लुगाई
44. खाती चिडा रे
खाती चिडा
रुंख में तन्ने
बिल घड्या
उसमे जा कें
एक सांप बड्या
सांप ने मार्या
एक फुंकारा
खाती चिडा
तले पड्या
45. आलूबुखारा आलूबुखारा
कित गया था
बेंगान की झोपडी मे
सो रहा था
बेंगान ने मारी लात
रो रहा था
46. ए बी सी डी
कित गई थी
डब्लू मरगया
रोवन गयी थी
47. आज मंगलवार हे
तोते को बुखार हे
तोता मांगे दाणे
चल कमीने काणे
48. काली चिड़िया
किल्मिचक्यूँ
तेरी जीभ लाचामच
किल्मिच्क्युं
तेरी पुन्झ लाचामच
किल्मिच्क्युं
काली चिड़िया
किल्मिचक्यूँ
(ये उन बाल्कान पे कुवाह्या करदे जो माडे तोतले बोलदे | एर जब उनपे ना बोल्या जांदा तो उनका मजाक उड़ाया करदे )
49. एक दूणी दो
दो दूणी चार
थारे घर में
मुस्स्याँ का आचार
( जब किस्से बालक की खाम खा खीचनी होंदी जब चिडाया करदे )
50. बच्चे ओ बच्चे
बच्चे ओ बच्चे
तू बड़ा नो होइयो रे
कददे सोवे कदे जागे
कददे उठ उठ के यो भागे
कदे रोवे कदे हसावे
क्ददे चीख के सबने जगआवे
बच्चे ओ बच्चे
तू बड़ा नो होइयो रे
इनने मार न सके
इन्ने पीट न सकें
ये लाडले सबके
बच्चे ओ बच्चे
तू बड़ा नो होइयो रे
जो माँ ने मारा
ते बाप के धोरे
जो बाप ने मारा
तो माँ के धोरे !!
माँ के राज दुलारे
बाप की आँख के तारे !!
बच्चे ओ बच्चे
तू बड़ा नो होइयो रे
51. में गया भाली
दो दिन बेठा ठाली
फेर भी मेरी बहु ना घाली
मेरी कार आई खाली
52. में गया रूडकी
सासू ने घाली घुअड्की
चा पायाई गुड की
में आया दूड्की
53. ताऊ रे ताऊ , तेरी खाट के तले बिलाऊ.
54. ताऊ तन्ने राम राम, तेरी धोती फटे ताम ताम ....
55. राजा की बेटी
पलंग पे लोटी
आया चोर
खींची डोर
बाज्या घूंगरू
पकड्या चोर
56. रलदू छोरा भुंडा
एक हाथ का टुंडा
रलदू गया खेत में
रलदू रल ग्या रेत में
रेत में लाया झार्ण्ना
रलदू पड़ग्या साहरना
साहरनपुर तें आया शेर
रलदू रल ग्या रेत में फेर
57. एक पलंग पे दो बान्दर,
आज्या बेटा राजेंदर,
तन्ने भी पलंग पे बिठावांगे ,
फेर घेसले प्यावांगे ,
पलंग गया टूट ,
राजेंदर लिया छूट |
58. थाली पे थाली
थाली पे बेला
बेले में खीर
खावे म्हारा
न्हना वीर
59. धन्ना कुम्हार ,धन्ना कुम्हार
घर तें कदे तो लिकड़ बहार
धन्ना के गधे की टूटी टांग
धन्ना पड़ग्या पी कें भांग
गधे ने मारी दुलत्ती
धन्ना पड़्या दुछत्ती
60. गंडे तें गंडीरी मीठी ,
गुड तें मीठा राला |
भाई तें भतीजा प्यारा ,
सब तें प्यारा साला ||
61. के कहवे तू के
तेरे बाबू ने मारी टेह
तू भाज भाज ले
टेह ने लेग्या बान्दर
तेरे बाबु की खुलगी लान्गड़
62. धारे र धारे
धर दे धरर -धरर
धार पे
एक किल्ला बाहिये
चार बे
किल्ले में गेहूँ हो घणा
फेर हांडइए बन्या- ठणा
63. डाला भार्या मोटा
पींग का झोटा
लाम्बा मार हाथ
तोड़ सासू कि नाथ
64. मोटी पीहल पताशा
लाल कसूत गंडाशा
और पीहल पकावांगे
फेर छिक-छिक खावांगे
65. राम की झोटी
राम की गाँ
दोनु दूध देवें
रामलू दूध मलाई खा
राम की झोटी
राम की गाँ
दोनु लात मार देवें
रमलू किथों दूध मलाई खा
राम की झोटी
राम की गाँ
रमलू बीरा शायांना
तावाला मुंह बा
66. बोले मत रे बोले मत
बोले तो झिखे मत
झीखे तो चिडे मत
चिडे तो रोवे मत
रोवे तो मुंह धोवे मत
मुंह धोवे तो सोवे मत
सो गा तो ले जा गी पुलिस
पुलिस मारेगी डंडे
बोलेमत देवेगा अंडे
67. कीड़ी का घर कित सी
आगे पाछे नीम तले
खेलन तें जब नाटे
बुढ़िया का जी जले
68. ना पाणी का टोटा
सिले पाणी का खल्खोटा
रमलू का मामा मोटा
69. आओ रै बाळको खेलांगे, दिल्ली जा कै बोलांगे
दिल्ली की दो रोटी, जीवैं म्हारी झोटी
झोटियां के पाळी, जीवैं म्हारे हाळी
हाळियां की जूत्ती, जीवैं म्हारी कुत्ती
कुत्तियां के पंजे, जीवैं म्हारे गंजे
गंज्यां के रोड़े, जीवैं म्हारे घोड़े
घोड़ां की काठी, जीवैं म्हारे हाथी
हाथियां के सूंड, जीवैं म्हारे भूंड
भूंड़ां की दांतरी. जीवैं म्हारी बांदरी
बांदरियां के चरखे, जीवैं म्हारे घरके
घरक्यां का राम, जीवै सारा गाम ॥
70. कीड़ी का घर
कित सी ?
आगे पाछे
नीम तले |
खेलण तें
जो नाटे,
ऊह बुढ़िया का
जी जले |
71. घोघडी ए घोघडी
मारूँ तेरे मोगरी
मोगरी में आई तरेड
घोघडी चरावे काली मेन्ह्स
मेन्ह्स ना दिए डोके
घोघडी के बाबू ने ठोके
72. एक राजा था ,
एक राणी थी,
दोनु मरगे,
ख़तम हुई ,
कहाणी थी ,
तावली जो सो जा
वा बेटी श्यानी थी |
73. काकी री काकी
तू घंणी ताखी ( भेंगी )
मन्ने चिड़ाई
मेरे काका के
रही ना बाकी
74. कीड़ी चढ़ गी पहाड़ पे ,
पी के नो मण तेल |
हाथी घोड़े धरे कान्ध्याँ पे ,
सर पे धर ली रेल |
75. आद्या -पाद्या
किहने पाद्या
राजा की घोड़ी
सरपट दौड़ी
76. राजा जी की ,
चाली रेल ,
धक्कम पेल ,
धक्कम पेल ,
राजा जी ने जोड़े
ऊह में दो घोड़े ,
झटकम झटकाँ ,
चाली रेल ,
रानी बेठी ,
राजा बेठा ,
बेठा मंत्री ,
उनकी गेल ,
राजा जी के
लागी दाब
राजा उतर कें ,
लिया भाज ,
मंत्री भी हो लिया
गेल्याँ रेल ,
धक्कम पेल ,
धक्कम पेल ,
राजा जी की
चाली रेल
77. गाड़े लुहारी
गाड़े लुहारी चिमटा दे
गेल्याँ एक पलटा दे
एक बणा दे छाल्णी
फूंकणी आग बाल्णी
एक छोटी नखचुंडी दे
गाल चाहे भुंडी दे
एक दे दिए छाज
दादी नु चाहिए आज
मोटा एक तौआ दे
जो घी का रोट पोवा दे
तासली दे तासला भी दे
सुथरा सा एक पलुआ दे
बढ़िया सी कढाई दे
जबान में नरमाई दे
चार-पांच तू दांदी दे
खुरपा एक आंडी दे
एक चाहिए कांडा
मांगे ताऊ रांडा
बुआ ने परांत दे
माँ ने तू दरांत दे
कात दे फाली दे
बोहिये की जाली दे
कस्सी दे कसोला दे
गेल्याँ एक बसोला दे
दादा की लाठी मुठ दे
मेरे गडघेड़े में छूट दे
78. खाज्ला कुत्ता
खाट तले सुत्त्या
रमलू ने मुत्त्या
भोंस्या कुत्ता
डर ग्या रमलू
ओढ़ ली सौड़
कुत्ते ने लाइ दौड़
79. निम्मां लागी निम्बोलियाँ
बादलाँ की आई टोलियाँ
ठाडा मींह बरसता जा
गेल्याँ बय्ध टर्डता जा
80. तकती पे तकती
तकती पे मुल्तानी
सकूल जावे बीरा
बन्ज्या श्याणा ग्यानी |
81. आई तीज बिखेर गी बीज
आई होली भर ले गी झोली
82. मिन्डकी ने ठाई टांग
मिन्ड़क पड़ग्या पी के भांग
घर में उनके बडगया पाणी
आई खारकी भेओ सान्नि
83. या बहू किसकी?
मेरी
तेरी ना तेरे बाप की
या बहू मेरी
84. तीन तिगाड़े
काम बिगाड़े
एक काणा
चुगल खोरा घणा
दूजा टुंडा
जल्खोरा भुंडा
तीजा लंगडा
चास्निया तगड़ा
85. नाहनी-नाहनी बूँद पड़ें थी ,
गोडयाँ चढ़ गी गार्या |
लख्मीचंद की टांग टूट्गी,
सांग बिगड़ ग्या सारा |
आज-आज बेटा खेल कूद ले ,
तडके कर दयूं न्यारा |
जंगल में तेरा महल चिन्या दयूं ,
झांकी दार चौबारा |
86. कुल्हड़ी में दाणे
कूद-कूद खाणे
चाहे माड़े हों
चाहे मोटे हों
कह गे लोग श्याणे
87. गरड-फ़रड़ बादल गरजे
भुंडू बाणिया डर तें लरजे
डरदे -डरदे ने ठोक दी लिंडी
काले कुत्ते ने पाड़ ली पिंडी
पिंडी मां तें लिकड़ा खून
भुंडू पड़ग्या हो के सुन्न
88. सीली -सीली बाल चाली |
रुन्खां की डाली हाली |
चिड़िया आलने कानी चाली
ब्ल्धां की बाजी टाल्ली
सीली -सीली बाल चाली |
89. तू कुण ?
में हाउ !
तू किथों आया ?
में डोडी में तें आऊं !
तू के करे ?
में बालकां ने डराऊं !
तू के खावे ?
में रेत की रोटी खाऊं !
तू क्यूकर चाले ?
में बाल गेल्याँ उड़ जाऊं !!
90. तले चाह की दूकान
उप्पर इंदिरा का मकान
मकान में लागी आग
इंदिरा गई भाज
भाज्दी -भाज्दी धेड पड़ी
पड़दें उह की फूटी घडी
घडी के बजगे बारा
जीतेगा रलदू म्हारा
91. टविंकल -टविंकल , लिट्टल स्टार |
मारे लट्ठ , सर फोड़े चार |
भाजगे डाकां , गाम तें बाहर |
बाजरे की रोटी , डाकलाँ का साग |
छिक- छिक खाई , मारी डकार |
उप्पर आसमान में ,झोटी बयाई |
तले ताई की ,चढ़ी कढाई |
कढाई में तले ,गुलगुले चार |
टविंकल -टविंकल , लिट्टल स्टार |
92. गऊ का जाया
धोली गाँ ने दिया बाछड़ा,
बाछड़ा स मेरा याडी |
याडी मेरा भाजता हंडे ,
करे कसुत खिलारी ||
सांझ सी के लागी भूख ,
मन्ने दिए उह ताहि दो टूक |
जब गावडी घरां आई ,
दोनुआ ताहि धार पयाई||
याडी मेरा बन्ग्या नारा ,
नाथ उह के दी घाल |
मन्ने वो हलाया फेर ,
ठुमक ठुमक चाल ||
रहडुए में जब जोड्या ,
बन्ग्या वो कती घोड़ा |
भाज भाज के बहावे हल ,
घरां आ के खावे बनोले खल ||
खूब खेत कमाया ,
कदे ना गया बियाहा |
दुखण लागे गोडे हाड ,
जुआ तार बगाया ||
बुड्ढा होग्या गऊ का जाया ,
नाथ काढ दी जेवडा बगाया |
घेर में बेठ्या करे जुगाली,
याद आवें हल आर हाली ||
93. हाम कीड़ी नु घुघु के बिल में गेर कें या कविता गाया करदे :-
घुघु के घर में चोर ,
घुघु बाहर लिक्कड़ |
घुघु के घर में चोर ,
घुघु बाहर लिक्कड़ |
(फेर जब घुघु उह कीड़ी की टांग खींच के ने रेते के मांह खींच लेंदा तो नु गाया करदे )
घुघु ने कर दिया तोड़ ,
घुघु ने खाए टिक्कड़ |
घुघु ने कर दिया तोड़ ,
घुघु ने खाए टिक्कड़ |
(अर फेर बिल के चारुं ओड के आंगली फिराया करदे )
94. नाना जी नमस्ते ,
लाडू -पेडे सस्ते ,
हाम भी खूब खावांगे
पड़ोसियां नु दीखावांगे |
पडोसी मांगे भोरा
रोवे उनका छोरा
नाना जी नमस्ते ,
लाडू -पेडे सस्ते
95. काला भुंड ,
चने बोवे |
फंश्गा लींड,
खड्या रोवे |
दादी उह्की ,
चिमटा टोहवे |
96. तेरा बाबू भी देखे बाट,
तू मूत के चक्कर काट ,
तू न्यू -ए माँगता हंडे जा
आपां न्यू-ए ल्यन्न्गे ठाठ
97. उलळी गाडी टूटे जोत
रलदू कै लागी माड़ी चोट
रलदू के खिंडगे सूखे रोट
रलदू जा बोझयाँ की ओट ए ओट
1. जांडी
म्हारे खेत में जांडी ,
झींझ लागें आंडी |
कोए छोटी ,कोए मोटि,
कोए पतली, कोए लांबी ||
रमलू भी खावे ,
रलदू भी खावे ,
खावें सारे गुहांडी |
म्हारे खेत में जांडी ,
झींझ लागें आंडी ||
डाहले तोड़े ,
डाहली तोड़ी ,
तोड़ कें गेरी,
आडी बाँगी |
म्हारे खेत में जांडी ,
झींझ लागें आंडी ||
गर्मी गई ,
झींझ भी गई
चूहड़े के ने,
आ झांगी |
म्हारे खेत में जांडी ,
झींझ लागें आंडी |
रवि "अतृप्त "
98. आधी रात ने बाजे भोण
कुत्ते सुण कें लागे रोंण
मोर भी गेल्याँ कुकाए
गाम में चोर आये
99. तू खड्या जोहड़ के काठे
तू होई बात ने नाटे
तेरा पजामा झर-झर पाट्टे
100. ढींग-ढाण्ग तले
ढींग-ढाण्ग तले
तोतक आले आम तले
मन्ने डेरा लाया
थारा सारा गाम जले
चेली चेले पाँ दाबें
धोरे मेरे धुनी जले
ढींग-ढाण्ग तले
ढींग-ढाण्ग तले
तोतक आले आम तले
101. बदलू की गेल्याँ,
रोलम -रोल |
माधे लेगा उह की ,
झोट्टी खोल |
खेत भी लिए,
कोड़ियां के मोल |
बदलू हंडे ,
लाँगड़ खोल |
बदलू इब्ब तू ,
गोबर बटोल |
बदलू की गेल्याँ,
रोलम -रोल |
102. बिल्लो-ए-बिल्लो
आलू के रपिये किल्लो
बिल्लो ने ताखड़ी बाट
मारे बागा कें
बिल्लो भाजी
भोथा ठा कें
फेर घरां आई
म्हारे बता कें
बालक लेगे
चीजो ठा कें
103. छोट्टा रे छोट्टा
तेरे बाबू ने
मार्या शोट्टा
तेरे भाई की गेल्याँ
तेरा गल घोटया
थारे खाण का टोट्टा
ज्यां तें तू रह्ग्या छोट्टा
104. जा पहलम जा
गिल्मे आली में
मुंह धो कें आ
गिल्मे आली ताहि
कर भाजम दौड़
गिल्मे आली में
सड़ें गाम के पौड
श्ड्या-श्डाया
मुंह ले कें आ
गिल्मे आली में
मुंह धो कें आ
105. सांवलिया बाणिया
रूँगा दे ,
चाहे साबत दे
चाहे टुंडा दे
अच्छा दे
चाहे भुंडा दे
सांवलिया बाणिया
रूँगा दे
106. बाणीये की छोरी
गोल मटोल
बानिया करे
सौदे में रोल
बानियाँ की हेल्ली
में बड्डा झोल
छोटी ईंट अर
बाहरना गोल
बहरने में फंस्गी
गोल मटोल
107. सांप की-ए भाम्णी
भाम्णी ए भाम्णी
चितली आंगली लागण दे
बेड़ा पार लागण दे
जा पास हो जावांगे
लाडू पड़े ल्यावांगे
छिक-छिक के
तन्ने खुवावांगे
108. खेताँ में जावांगे
भाम्भोले खूब खावांगे
किते कचरी
अर किते फूट
जाम्न्याँ की माचरी लूट
मिट्ठी शक्कार्कंदी
काची-काची भिन्डी
कुकड़ीयाँ भी भुन्दी
कोंधरा तोड़ ल्यावांगे
खेताँ में जावांगे
भाम्भोले खूब खावांगे
109. तकती पे तकती
तकती पे आडू
तावला ले भाज
ना तेरे घुषंड पाडूँ
110. ठाड़ा-ठाड़ा मिंह आया |
भर-भर चाले खाल |
कागज़ का जहाज बनाया |
मकोड़ा कप्तान बिठाया |
नदी बण गी गाल |
111. भुभलिया आया -भुभलिया आया
भुभलिये में मन्ने जूत बगाया
जूत में मन्ने पिस्सा पाया
पिस्से का मन्ने लाडू खाया
112. चाचा ने
चाची को
चांदनी चौक में
चांदी की
चमच से
चपा चप
चने की
चटपटी
चटनी
चटाई
113. म्हारे बगड़ में लाकड
उह पे बेठा माकड
माकड खावे केला
बालक ने मार्या ढेला
माकड ने घाली घुड़की
बालक गये दुडकी
114. भडभुज्याँ के जावांगे
खील भुग्ड़े ल्यावांगे
उह तें दयांगे बस एक मुट्ठी
ना ते कर दयां उह की छुट्टी
फोड़ दयांगे उह का भाड़
तोड़ दयांगे उह की जाड
0
115. झुजाँ के
रामलू के दादा
रलदू पे बुझांगे |
झुजाँ के
रामलू के काका
रामफल पे बुझांगे |
झुजाँ के
रामलू की काकी
बीरो पे बुझांगे |
झुजाँ के
रामलू के ताऊ
धीरे पे बुझांगे |
116. आपणी काण ,
घरां ले जा |
गु का ढोल,
भर्या ले जा ||
117. हार गा
पुकार गा
बिल्ली का गु
चाट गा
118. अमर सिंह मन्ने मरदा देख्या
धन सिंह मांगे भीख
आपां ते बुद्धू सिंह ही ठीक
आपां ते बुद्धू सिंह ही ठीक
119. शक्कर भीजी
शक्कर भीजी
भिज्या गुड अर तेल
तेरा जोड़िया भाजता हंडे
भुंडी बणगी तेरी गेल
इतने काण ना उतरे थारी
तू घोड़ी बण म्हारी |
120. ताखी-ए ताखी
किम्मे छोड़े ना बाकी
चाहे चुहला हो
चाहे चाक्की
121. पहली ---
मेरा फूल दे ,फूलारी दे |
मेरी ना सें ते थारी दे |
दूसरी -------
मेरा शीशा दे मेरी कंघी दे |||
मेरी ना सें ते मांगी दे |||
122. १----तू अर में यारी
साझे की चीज सारी
२---- इस्सी यारी
भींत के दे मारी
123. गुज्जर गूं -गुज्जर गूं
में ते दूध बिलोउं सूँ
दूध में लिकड़ा घी टिंडी
घी ने खावेगा छोरा आंडी
124. धर्डा र धर्डा
गाजर का नरडा
जोहड़ में गिर्डा
जोहड़ में पाई गार
साले के सर पे लित्तर मार
125. अडा बड़ा नून तेल का डला
हांडी फूटी लिकड़ पडा
126. मांगे राम मक्डोली का
दूध पी गा डोली का
डोली पड़गी रेत में
मांगे रोवे खेत में
खेत में पाई माँ
माँ ने मार्या लीतर
मांगे भाज्या भीतर
भीतर पाए भाई भाभी
भाभी ने मार्य़ा सोंटा
मांगे होग्या मोटा
127. झाऊ रे झाऊ
सुनील का ताऊ
बीटोडयाँ में रहूँ
घास फुंश खाऊं
128. बचपन की एक छोटी सी कहानी
सुणी थी हामने दादा- दादी की जुबानी
आज हमने उसे कविता में पिरोया
जाग उठा बचपन ,जो था सोया
129. काबर अर मेन्ह्स की काहणी:-
एक थी मेन्ह्स
एक थी काबर
दोनुआँ की थी करडी यारी
काबर बैठ के कड़ पे
कर्या करे थी मेंहस की सुवारी
कदे उछले,कदे कूदे
मेन्ह्स के सारे चिचड चुंडे
कदे कान में करे खाज
यु-ए था उनकी यारी का राज
एक दिन मेंहस ने न्यू सोची
उह के मन में एक बात आई ओछी
काबर का स मेरे ताण जीणा
मेरे पे हागे ,मेरे पे मुते
आज ताहि मेरे तें किम्मे ना दिहना
मेन्ह्स बोली आ-ए काबर
तू मेरे पे खेली -कूदी भोत
आज तू तले बैठ
में तेरे पे करुँगी चोथ
काबर ने भतेरे हाथ पाँ जोड़े
पर मेन्ह्स कती ना मानी
आज उह ने खाई थी
ताते बिन्दोले अर जुवार की सानी
मेन्ह्स तें ना कदे टूट जा यारी
न्यू सोच के तले बेठ्गी काबर बीचारी
मेन्ह्स ने उह पे मार दिया चोथ
अर चाल पड़ी , बुझया ना गोत
उड़े लव सी था एक मन्दर
उह पे बेठा लखावे था एक बंदर
बंदर ने काबर पे दया आई
काबर काढ के बाहर बगाई
फेर बंदर के मन में आया लोभ
टिकड़,मांडे ते में खाऊं रोज
आज ते में काबर खा ल्यूं
जिन्दगी का नया मजा ल्यूं
बंदर ने काबर हाथ में ठाई
बंदर ने कती दया ना आई
काबर की भी बंध गी घी-घी
पर उह ने बचन की चाल चलाई
काबर बोली बंदर भाई
में गोबर में धंसी ना जाऊं खाई
पहलम तू मन्ने नुहा दे
फेर नूण मिर्च मिला दे
बंदर के भी बात समझ में आई
काबर ने धो के लाग्या खाण
काबर बोली आली क्यूँ खावे
घाम लिकड़र्या धर दे सुखाण
बंदर ने बात ली मान
काबर धर दी भींत पे सुखाण
काबर बोली नूण मिर्च ले आ
इतन: में करड़ा कर ल्यूं जिया
बंदर गया उछलदा पार
आया इतन्ने काबर ले गी उड़ार
शिक्षआ : मुर्ख लोगों की दोस्ती हमेशा नुक्सान दायक होती हे | और मुसीबत में बुद्धि हमेशा काम आती हे |
130. लाडू र लाडू
तन्ने ठा कें गाडून
मेरे पाछे
भाजे तेरा बाबू
तेरे बाबू की
खुल गी लान्गड़
मन्ने ठा के
मार्या बांगड़
बांगड़ के
होए दो टूक
मन्ने लागी
करडी भूख
आपां घरां जावांगे
रोटी मलाई खावांगे
131. जट्टां ने करी रामलीला
म्हारे गाम में एक स ऊंचा सा टील्ला
उह पे होया करदी आये साल रामलीला
पर इबके साल चाला पाट्गा
राम बण में जाण तें नाट्गा
दसरथ बोल्या ,एक बे चाला जा बेटा
राम बोल्या ,बाबू मत कर मेरे टोटा
दसरथ बोल्या ,राम तन्ने बण में जाना-ए पडेगा
ना ते देख ले फेर चढ़ावा कम चढ़ेगा
राम बोल्या अक इबके में थारी बातां में ना आऊं
खामखाँ बण में धक्के में ना खाऊं
जे एक मिनट में माण भी ल्यूं
अर बण में जाण की ठाण भी ल्यूं
ते वा सीता गेल्याँ पाँ ठावेगी
अर किम्मे ना किम्मे राड़ कर्वावेगी
अर न्यू कहवेगी,कित चाल्या मेरी ननद के भाई
इन् बल्धां की सूं ,में भी तेरी गेल आई
फेर वो लक्षमण गेल भाज्या आवेगा
उह के टिकडे कुण बनावेगा
इब्ब ना पावेगी किते पंचवटी
उड़े पहलम तें-ए झोपड़ियां तें अटी
ना रह रे उड़े पेड़
सारे बस गे जा के ढेढ़
माण लो हामने भी घाल ली एक झोंपड़ी
देख के ने घूम जा गी किस्से सुर्पंखां की खोपड़ी
फेर वा लंका के दार चढ़ेगी
अर रावण के कान भरेगी
फेर रावण आवेगा
अर मेरी बहु ने ठा ले जावेगा
ना रहे वे धर्म
अर ना रहे वे ईमान
बिना भाड़े के ले आवें सीता ने
कित रह रे सें वे हनुमान
माण लो रोला सुण कें सीता आ भी गई
अर अग्नि प्रीक्षआ की घटा छा भी गई
तो सरीत मार ले बाबू
इबके सीता जल के मरेगी
अर बहु जलाण के केस में
पुलीस मेरे घणे धरेगी
तो बाबू तू माण जा
अर इबके ते भरत बनवास काटेगा
राम ते न्यू-ए बण में जाण तें नाटेगा
132. मिंह आया
मिंह आया
सामण में
पांणी बड़ग्या
दामण में
दामण की
टूट्गी डोर
बाँधी ना बंधी
ला लिया घणा जोर
133. र हरदेवा चपड़ासी
तन्ने कदे ना आवे हांसी
तू घंटी क्यूँ ना बजावे
हामने घेर घोट के बिठावे
जा तन्ने हेडमास्टर बुलावे
तोड़ेगा तन्ने फांसी
र हरदेवा चपड़ासी
र हरदेवा चपड़ासी
134. राकेश छोरा अजाब का
हुई बात ने दाब जा
काम किम्मे ना ठाली था
तोड़े बल्धां की टाल्ली था
बल्धां ने कसुते मारे सींग
राकेश खोर पे बैठ के रींग
रींगते -रींगते के आई पूणी
भादरगढ़ में जा लाइ धूणी
धूणी में लागी आग
राकेश उड़े तें लिया भाज
भाजते भाजते धेड पड्या
पाग्या उहने सोने का कडा
कडा बेच के बणाया महल
महल पूरा खाली था
काम किम्मे ना ठाली था
तोड़े बल्धां की टाल्ली था
135. माँ में जांगा फौज में
देश रहवेगा मौज में .............
दुश्मनां के खींढाऊँ हाड
सीम पे खड्या रहूँ रोज में
............ माँ में जांगा फौज में |
तेरा फोटू राखूँ गोझ में
तेरी याद में जीउँ रोज में
............. माँ में जांगा फौज में |
धरती माँ की रक्षआ करूँ
शत्रु मारूँ खोज में
.................माँ में जांगा फौज में |
भारत माँ का सर राखूँ ऊंचा
नहीं रहण दयूं कोए बोझ में
............... माँ में जांगा फौज में
देश रहवेगा मौज में .
माँ में जांगा फौज में
देश रहवेगा मौज में .............
136. मछली जल की रानी स
जीवन उह का पाणी स
हाथ लायें तें डर जावे
बाहर काढें तें मर जावे
दो दन धर दे ते सड़ जावे
137. कुल्लाबादी कुरर!!!!!!!!
काली चिड़िया फुररर !!!!
रमलू का दादा खान्सेगा
रमलू छोरा हंसेगा
138. बावली भल्लो
तावली तावली चल्लो
काम सारे बिगाड़े
तीन तेरा तीगाडे
हुई बात ने नाटे
झुट्ठी थाली चाटे
139. बल्लो बल्लो बावली
सानी काट्टे तावली
एक पूली कटगी
सारी बल्लो अट्गी
140. ताई री ताई
थारे घर में बिलाई
बिलाई पी गी दूध
ताऊ ने मारे जूत
बिलाई गई मर
भामण हो गा सर
चांदी की करो दान
ना थारा घटेगा मान
भामण का मन खोटा
ताऊ ने मार्या सोंटा
भामण गया भाज
ना मुंह दिखाया आज
141. आज सोमवार स
काटडे के भुखार स
तडके मंगलवार स
ल्याणा मेंह्स का न्यार स
परसुं बुधवार स
मेंह्स ने दी धार स
नरसूं गुरुवार स
ताता दूध त्यार स
तरसूँ शुक्रवार स
घी दूध की बहार स
षड्शुं शनिवार स
थारे घर में मुस्स्याँ का आचार स
हरशुं इतवार स
मौज करो छुट्टी का वार स
142. एक चिड़िया के दो बच्चे
चिड़िया ल्यावे दाणा
एक खोश कें खा जा
वो था बड़ा श्याणा
दूजा रह्जावे भूखा
वो था माड़ा याणा
दुज्जे ने मिले ना भोड्डा
भूख तें होगा कोड्डआ
कती माड़ा था गात
फेर आया एक काग
वोह था भूखा आज
दोनुआँ मांह तें किः ने खाऊं
ठाड्डा झेद में भर ले जाऊं
उह के पसंद आया मोटा
बच्गा जान तें छोट्टा
किहे का हक़ ना मारो
जीवन सफल हो थारो
143. दादा जी की गाड्डी
गिहूँआँ की भरी ठाड्डी
राश ने हाम सहारांगे
आज गिहूँ तारांगे
भरज्यांगे कोठे अर माट
सारे साल रहवेंगे ठाठ
144. मामा जी क:जावांगे ,
हलवा पूरी खावांगे ,
मामाजी ने लाये धान ,
धान्नां के थे कई क्यार,
धान्नां के लाडू लाये हजार |
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