Jat History Thakur Deshraj/Prabandh-samiti

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जाट इतिहास
लेखक: ठाकुर देशराज
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संस्था के मंत्री की ओर से

संस्था के मंत्री की ओर से

संस्था के सभी हितैषी जानते हैं कि हम संस्था के परिसर में शिक्षा तथा संस्कृति से संबंधित सैमिनार, भाषण तथा अभिनन्दन आदि का आयोजन समय-समय पर करते रहते हैं। हमारा उद्देश्य दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों तक संस्था द्वारा सम्पन्न सांस्कृतिक, शैक्षिक एवं राष्ट्रीय कार्यक्रम को पहुंचाना है।

यही कार्य हम इतिहास की पुस्तकों के प्रकाशन द्वारा करते आये हैं। अब तक हमने महाराजा सूरजमल पर दो पुस्तकों का प्रकाशन किया है। डॉ. कानूनगो की पुस्तक ‘जाट-इतिहास’ तथा डॉ. गिरीशचन्द्र द्विवेदी की पुस्तक ‘द जाट्स’ का प्रकाशन किया है। इसी क्रम में ठाकुर देशराज की पुस्तक ‘जाट-इतिहास’ का प्रकाशन किया गया है। यह किताब बहुत दिन से अप्राप्य थी और भाइयों की मांग थी कि इसको फिर से छापा जाय। अतः सदस्यों की मांग पूरा करने के लिए यह किताब प्रकाशित की गई है। मेरा विश्वास है कि आप इसका स्वागत करेंगे, ताकि हमें अन्य दुर्लभ पुस्तकों को छापने का प्रोत्साहन मिले।

- एस० पी० सिंह

जाट इतिहास:ठाकुर देशराज,पृष्ठान्त-vi