Jat Itihas (Utpatti Aur Gaurav Khand)/Apani Bat

From Jatland Wiki
Jump to navigation Jump to search
Digitized & Wikified by Laxman Burdak, IFS (R)

विषय-सूची पर वापस जावें

पुस्तक: जाट इतिहास (उत्पत्ति और गौरव खंड), 1937, पृष्ठ:175
लेखक: ठाकुर देशराज, जघीना-भरतपुर, प्रकाशक: ठकुरानी त्रिवेणी देवी मित्र-मण्डल प्रेस, राजामण्डी-आगरा

अपनी बात

यह इतिहास खंड जाट जगत के सामने पेश है। हमारा यह सौभाग्य है कि हम अपनी कौम की सेवा के लिए कुछ प्रयत्न करते हैं। साथ ही इससे भी ज्यादा प्रसन्नता की बात यह है कि जाट जगत ठाकुर साहब की ऐसे उत्तम कामों में सहायता करने को तैयार रहता है। इस पुस्तक के छपाने के लिए जिन सज्जनों ने सहायता दी है उनके हम कृतज्ञ हैं।

हमने कोशिश की है कि पुस्तक की छपाई अच्छी से अच्छी हो। इसीलिए इसमें बढ़िया और चिकना कागज लगाया है। छपाई पर खर्च भी काफी किया है। कीमत जो पुस्तक की रखी है वह उचित से भी कम है।

मैं यह कोशिश करती हूँ कि धीरे-धीरे कौम की सेवा के लिए मैं भी क्षेत्र में आ जाऊं। अलवर जाट सेवा संघ के अधिवेशन में शामिल होने के बाद से मुझे कुछ साहस भी हुआ है। इस पुस्तक के प्रकाशन का भार अपने ऊपर लेने के माने भी उपरोक्त ही हैं।

प्रकाशिका
त्रिवेणी देवी
धर्म पत्नी ठाकुर देशराज

विषय-सूची पर वापस जावें