Jat Itihas (Utpatti Aur Gaurav Khand)/Samarpan
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पुस्तक: जाट इतिहास (उत्पत्ति और गौरव खंड), 1937, पृष्ठ:175
लेखक: ठाकुर देशराज, जघीना-भरतपुर, प्रकाशक: ठकुरानी त्रिवेणी देवी मित्र मण्डल प्रेस, राजामण्डी आगरासमर्पण
की
सेवा में सादर समर्पित
श्रद्धेय !
जिस जाट इतिहास के प्रकाशित कराने में आपने एक बड़ी धनराशि सहायता स्वरूप दी थी उसी का यह 'उत्पत्ति और गौरव-खंड' नामक एक भाग आप ही को सादर समर्पण करता हूं।
आपका मेरे प्रति जो सौहार्द है उसके लिए मैं आपका चिर ऋणी रहूंगा।
आपका ही देशराज