Bhaktapur

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(Redirected from Khwopa)
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Map of Nepal

Bhaktapur (भक्तपुर) is a city in the east corner of the Kathmandu Valley in Nepal about 13 km from the capital city, Kathmandu. It is listed as a World Heritage Site by UNESCO.

Variants

  • Bhaktapura भक्तपुर, नेपाल, दे. Bhataganva भटगांव (AS, p.653)
  • Bhaktapur (भक्तपुर) literally translates to "city of devotees")
  • Khwopa (ख्वप)
  • Bhataganva भटगांव, नेपाल, (AS, p.653)
  • Bhadgaon (भदगांव)

Location

It is located in and serves as the headquarters of Bhaktapur District in Bagmati Pradesh of Nepal.

History

Khwopa was the largest of the three Newa kingdoms of the Kathmandu Valley and was the capital of Nepal during the great 'Malla Kingdom' until the second half of the 15th century. Historically more isolated than the other two kingdoms, Kathmandu and Patan, Bhaktapur has a distinctly different form of Nepal Bhasa language.

Bhaktapur has the best-preserved palace courtyards and old city center in Nepal and is listed as a World Heritage Site by UNESCO for its rich culture, temples, and wood, metal and stone artworks.

भटगांव

विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...भटगांव (AS, p.653), नेपाल, काठमांडू से 8 मील दूर है. यहां नेपाल के प्राचीन नेवाड़ राजवंश की राजधानी थी. भटगांव के कई मंदिर उल्लेखनीय हैं. भवानी का मंदिर 5 मंजिला है और पांच उभरी हुई संरचनाओं के ऊपर अवस्थित है. निकटवर्ती महादेव का मंदिर दो-मंजिला है. पास ही उत्तर की ओर कृष्ण-मंदिर है जिसकी आकृति खजुराहो के मंदिरों के विमानों के अनुरूप है. सिद्धपोखरा मंदिर [p.654]: 1640-1650 में बना था. इसके अतिरिक्त विनायक गणेश का मंदिर भी प्रसिद्ध है इसका प्राचीन नाम भक्तपुर था.

भक्तपुर

भक्तपुर एक नगर है, जो मध्य नेपाल, नेपाल घाटी में, काठमांडू के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। इसका 'भटगांव' या 'भदगांव' नाम भी प्रचलित है। कहा जाता है कि राजा आनंदमल्ल ने 865 ई. में इस नगर की स्थापना की थी। भक्तपुर लगभग 200 वर्षों तक तराई की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण बस्ती बना रहा था। इस नगर के दरबार चौक में 1700 ई. में बने एक पुराने महल की लकड़ियों पर की गई बेहतरीन नक़्क़ाशी और महीन काम वाला सुनहरा मुख्य द्वार आज भी परिरक्षित है। इसके सामने पत्थर के एक स्तम्भ पर महाराजा भूपतींद्रमल्ल की तांबे की मुलम्मेदार मूर्ती बनी है। दरबार चौक में और भी कई मंदिर हैं। इसके दक्षिण में एक और चौक है, जहाँ 18वीं शताब्दी का पांच मंजिला 'नजतपोल देवाई मंदिर' और तांबे के दो मिथकीय सिंहों से संरक्षित एक मैरव मंदिर भी है। भक्तपुर में लकड़ी की बढ़िया कारीगरी के प्राचीन नमूनों का एक स्थानीय संग्रहालय भी है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भक्तपुर की जनसंख्या 81,748 थी।[2]

External links

References