Mahabir Singh Boora

From Jatland Wiki
(Redirected from Mahavir Singh Boora)
Jump to navigation Jump to search

Mahabir Singh Boora (Havildar) (14.05.1959 - 05.07.1999) is Martyr of Kargil war from Haryana. He was from village Ghiray tahsil Hansi, district Hisar, Haryana He martyred on 5 July 1999 in Operation Vijay of Kargil War. He was in Unit-17 Jat Regiment.

महाबीर सिंह बूरा का परिचय

हवलदार महाबीर सिंह बूरा

14-05-1959 - 05-07- 1999

सेना मेडल (मरणोपरांत)

वीरांगना - श्रीमती जावित्री देवी

पुत्र - करन सिंह बूरा

यूनिट - 17 जाट रेजिमेंट

पिंपल 2 की लड़ाई

ऑपरेशन विजय

कारगिल युद्ध 1999

हवलदार महाबीर सिंह का जन्म 14 मई 1959 को हरियाणा के हिसार जिले की हांसी तहसील के घिराय गांव में चौधरी भजन सिंह बूरा एवं श्रीमती बिदामो देवी के परिवार में हुआ था। 12 जनवरी 1979 को वह भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे।

ऑपरेशन विजय में हवलदार महाबीर सिंह C कंपनी के 8 नंबर प्लाटून के सेक्शन कमांडर थे। उन्हें 16200 फीट की ऊंचाई पर पिंपल 2 पर कब्जा करने का काम सौंपा गया था। खड़ी चट्टानों, दुश्मन के तोपखाने, मोर्टार और छोटे हथियारों के भारी मात्रा में फायर की गंभीर बाधाओं के उपरांत उन्होंने अपने सेक्शन को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। लक्ष्य पर पहुंचते ही उन्होंने दुश्मन के चार बंकर देखे।

हवलदार महाबीर सिंह अपने सेक्शन के दो अन्य जवानों के साथ आगे रेंगते हुए दुश्मन के बंकर तक बढ़े और दो हथगोले फेंक कर बंकर ध्वस्त कर दिया। इसके बाद उन्होंने "जाट बलवान, जय भगवान" का सिंहनाद करते हुए बंकर पर शारीरिक रूप से हमला किया। जिससे दो दुश्मन सैनिक मारे गए। तत्पश्चात वह दूसरे बंकर की ओर बढ़े। तभी उन्हें दुश्मन के तोपखाने का गोला लग गया। गोले के छर्रों से गंभीर रूप से घायल होने के उपरांत भी वह निष्प्राण होने तक आगे बढ़ते रहे व वीरगति को प्राप्त हुए।

इनके पुत्र सिपाही करन सिंह भी उस समय 18 जाट रेजिमेंट में कारगिल में तैनात थे। करन सिंह इनका पार्थिव शरीर ले कर गांव आए थे।

हवलदार महाबीर सिंह ने अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारतीय सेना और जाट रेजिमेंट की उच्च परंपराओं में अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्हें मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया। देश उनके बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा व उन्हें युगों युगों तक याद किया जाएगा।

शहीद को सम्मान

घिराय गांव में हवलदार महाबीर सिंह की प्रतिमा लगाई गई है।

स्रोत

चित्र गैलरी

External links

References


Back to The Martyrs