Mera Anubhaw Part-2/Deshbhakti

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रचनाकार: स्वतंत्रता सेनानी एवं प्रसिद्ध भजनोपदेशक स्व0 श्री धर्मपाल सिंह भालोठिया

ए-66 भान नगर, अजमेर रोड़, जयपुर-302021, 9460389546

देशभक्ति...भजन क्रमांक:37-43

37. भारत के जन जन की ओर से

भजन-37

तर्ज -गाड़ी वाले, मनै बैठा ले .......


भारत के जन-जन की ओर से, है तुमको प्रणाम।

देश के अमर शहीदो।। टेक ।।

जिस दिन भारत माता थी, अंग्रेजों के बंधन में।

हमारे मरने जीने का, कानून बने था लंदन में।

दुनिया हमको कहती थी, कुली काले और गुलाम।

देश के अमर शहीदो ।। 1 ।।

काली घटा गुलामी की में, मौत की बिजली कड़के थी।

कायर और कमजोरों की, बिस्तर में छाती धड़के थी।

अंग्रेजों के पिट्ठू बनगे, जितने नमक हराम ।

देश के अमर शहीदो ।। 2 ।।

जिस दिन भारत माता ने, ये आवाज लगाई थी।

कितने मेरे सपूत बेटे, सूची अलग बनाई थी।

माँ के दफ्तर में लिखवाया, आपने अपना नाम।

देश के अमर शहीदो ।। 3 ।।

नहीं था मोह धन धरती पर, नहीं था मकां हवेली पर।

जंगे आजादी में चाले, धर के जान हथेली पर ।

मात पिता पत्नी बच्चे और छोड़ा ऐशो-आराम।

देश के अमर शहीदो ।। 4 ।।

कोई जेल में बंद रहे और कोई गये काला पानी।

कोई फांसी पर झूल गये, हँस-हँस दे गये कुर्बानी।

माता हुई आजाद, आपको पूजे देश तमाम ।

देश के अमर शहीदो ।। 5 ।।

जब तक सूरज चाँद रहेंगे, धरती और आकाश रहे।

आपकी कुर्बानी का जिन्दा, दुनिया में इतिहास रहे।

भालोठिया कहे बनी समाधि, जगह जगह पर धाम।

देश के अमर शहीदो ।। 6 ।।

38. मिले उदाहरण, जिसके कारण

भजन-38

तर्ज - मन डोले, मेरा तन डोले.........

मिले उदाहरण, जिनके कारण, हुआ देश आजाद।

करो आज उन वीरों को याद ।। टेक ।।

आजादी के जंग में जिन्होंने, खून से खेली होली।

भारत माँ के लिये अपनी, दे गये जान अनमोली।

वीर बहादुर, हुए अमर, माता की सुनी फरियाद।

करो आज उन वीरों को याद ।। 1 ।।

अमीर कायर देशद्रोही, मस्त रहे खेलों में।

भारत माँ के सपूत उस दिन, बैठे थे जेलों में।

कर दिये बेघर, भटके दर-दर, जब्त करी जायदाद ।

करो आज उन वीरों को याद ।। 2 ।।

आजादी के दीवाने, निज घर बच्चों को भूले।

कोई गये काला पानी, और कोई फांसी पर झूले।

कर गये सफर, गये छोड़ पिसर, दो उनको आशीर्वाद।

करो आज उन वीरों को याद ।। 3 ।।

राजगुरू,सुखदेव,भगतसिंह, गाँधी तिलक सुभाष।

धर्मपाल सिंह भालोठिया कहे, बना गये इतिहास।

चन्द्रशेखर और अम्बेडकर, खुद हो गये बर्बाद।

करो आज उन वीरों को याद ।। 4 ।।

39. देश के वीरो, किसने खेला

भजन-39

तर्ज : गाड़ी वालेमनै बैठा ले ........

देश के वीरो, किसने खेला, आजादी का फाग।

आज तुम भूल गये क्या।। टेक ।।

भारत माता के गल में, जंजीर थी पड़ी गुलामी की।

दुनिया में चर्चा होती थी, भारत की बदनामी की।

अंग्रेजों की ठोकर में थी, ऋषि मुनियों की पाग।

आज तुम भूल गये क्या ।। 1 ।।

ऐसे भयानक वक्त में, किस हस्ती ने जन्म लिया।

अंग्रेजो भारत छोड़ो, ये किसने ऐलान किया।

गाँधी जी की अमर कहानी, मोतीलाल का त्याग।

आज तुम भूल गये क्या ।। 2 ।।

जिस दिन माँ अपने बेटों से, माँग रही थी कुर्बानी।

कौन जेल में बैठा था, कौन गया काला पानी।

बिल से बाहर निकल करके,आ गये थे काले नाग।

आज तुम भूल गये क्या ।। 3 ।।

एक ओर थी आजादी, एक ओर थी मौत खड़ी।

मौत के मुँह में जाने को, देखें थे बाट घड़ी-घड़ी।

देश के घर-घर में क्रान्ति की, किसने लगाई आग।

आज तुम भूल गये क्या ।। 4 ।।

कितने वीर शहीदों ने, खेली खून से होली थी।

आपको इतना याद नहीं, कहाँ चली धड़ाधड़ गोली थी।

सत्रह सौ वीर शहीद हुए थे, जलियाँवाला बाग।

आज तुम भूल गये क्या ।। 5 ।।

पन्द्रह अगस्त आज भारत में, धूमधाम से आता है।

भारत का बच्चा-बच्चा, घर-घर में खुशी मनाता है।

भालोठिया कहे कौन देश में, लीडर था बेदाग।

आज तुम भूल गये क्या ।। 6 ।।

40. जिनके त्याग से भारत भूमि

भजन-40

तर्ज - आओ बच्चो तुम्हें दिखाऐं,झाकी हिन्दुस्तान की .........

जिनके त्याग से भारत भूमि, हुई आजाद तुम्हारी है।

देश के वीरो उनको स्वर्ग में, आती याद तुम्हारी है।।टेक।।


ये देश दयानन्द, गाँधी, नेहरू,शास्त्री,बोस, बंगाली का।

ये देश है चन्द्रशेखर, बिस्मिल,उद्यमसिंह बलशाली का।

ये देश किशोरी,महामाया,दुर्गा और झाँसी वाली का।

ये देश भगतसिंह, राजगुरू,सुखदेव व धन्ना हाली का।

अपना घर बर्बाद किया और सुनी फरियाद तुम्हारी है।

देश के वीरो...........।। 1 ।।

ये देश शिवाजी गुरूगोविन्द सिंह,महाराणा प्रताप का।

ये देश नाहरसिंह, जवाहर सिंह और जवाहर के बाप का।

ये देश अनेकों शहीद उनकी, कुर्बानी की छाप का।

आपको दे गये आजादी, अब देश संभालो आपका।

आप देश के, देश तुम्हारा, ये जायदाद तुम्हारी है।

देश के वीरो.........।। 2 ।।

उनके देश में स्वार्थी आज रोजाना रंग बदलते हैं।

जिनके द्वारा धर्म मजहब भाषा आंदोलन चलते हैं।

तोड़ फोड़ हड़ताल करादें, हरदम जहर उगलते हैं।

रोड़वेज कहीं रेल फूँक दें, कहीं पर दफ्तर जलते हैं।

जितनी नष्ट करो सम्पत्ति, हो बर्बाद तुम्हारी है ।

देश के वीरो .........।। 3 ।।

भाग्य देश का दिया जिन्होंने, आज तुम्हारे हाथों में।

देश के अमर शहीदों की है, लाज तुम्हारे हाथों में।

ताज तुम्हारे सिर पै देश का, राज तुम्हारे हाथों में।

पुलिस फौज,बम,टैंक, हवाई जहाज तुम्हारे हाथों में।

अब स्वर्ग से देते आशीर्वाद, इतनी इमदाद तुम्हारी है।

देश के वीरो............।। 4 ।।

उनका सपना साकार हो जब, आपका देश पवित्र हो।

हर एक नागरिक के मस्तक पर, सदाचार का चित्र हो।

देशभक्ति की गंगा बहे और, सबका नेक चरित्र हो।

अहिंसावादी और सत्यवादी, एक-एक का मित्र हो।

भालोठिया कहे नेक बने, आगे औलाद तुम्हारी है।

देश के वीरो...........।। 5 ।।

41. हिन्दुस्तान को देह समझो

भजन-41
तर्ज - चौकलिया

हिन्दुस्तान को देह समझो, और प्राण समझ कश्मीर।

प्राण अलग हो जाने पर, नहीं रहता कायम शरीर।। टेक ।।


अमरीका जापान जर्मनी, चीन रूस और फ्राँस।

पाकिस्तान अरब मिश्र, और मक्का मदीना खास।

भारत में पूर्व पश्चिम, उत्तर दक्षिण मद्रास।

काश्मीर सी जगह नहीं, दुनिया में करो तलाश।

इतिहास बतावे इस भूमि पर, खपे अनेकों वीर।

प्राण अलग हो ..........।। 1 ।।

ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों से, शोभा देता है आकाश।

दुश्मन के लिए चक्रव्यूह, ये नहीं होने दे पास।

थोड़ी दूर पै खड़ा हिमालय,यहीं पर्वत कैलाश।

अटल संतरी भारत का, पहरा दे बारह मास।

वास यहीं था देवों का, झरणों का पीते नीर।

प्राण अलग हो ..........।। 2 ।।

सुन्दर-सुन्दर बाग बगीचे, फल मेवा के खास।

कोयल भौंरे राग सुनावें, मोर दिखावें रास।

कई तरह की जड़ी बूटी और भाँति-भाँति के घास।

वैद्य डॉक्टर बना दवाई, करें रोग का नाश।

बदमाश यहाँ पर आजमाते, आकर अपनी तकदीर।

प्राण अलग हो ..........।। 3 ।।

भारत माता आज आपकी, करे रात दिन आस।

मेरे सपूतो आज बुझादो, मेरी खून से प्यास।

कौन सरदार भगतसिंह होगा, कौनसा वीर सुभाष।

जिनकी वीरता नहीं भूलेगा, भारत का इतिहास। पास करेगा भालोठिया, उन वीरों की तस्वीर।

प्राण अलग हो ..........।। 4 ।।

42. मेरे देवर ल्यादे, ऐसी रंगीली साड़़ी

।। गीत-42।। (देशभक्ति)
तर्ज - सांगीत - मरण दे जननी,मौका यो ठीक बताया ........

मेरे देवर ल्यादे, इसी रंगीली साड़ी।। टेक ।।


पढ़ा लिखा रंगरेज हो, साड़ी में अजब कमाल दिखादे।

देशभक्त और शूरवीर सब, भारत माँ के लाल दिखादे।

लाल किला पर झंडा चढ़ा, वह सैंतालीस का साल दिखादे।

आजादी का पहला पुजारी, महर्षि दयानन्द दिखादे।

गुलामी के विरोध में होता, सारा भारत बन्द दिखादे।

गाँधी पटेल तिलक गोखले, ताँत्या बाल मुकन्द दिखादे।

राज गैर का बुरा बताके, ऋषि ने पोल उघाड़ी ।। 1 ।।

आजादी की लड़ी लड़ाई, उसका सारा खेल दिखादे।

लाला लाजपत श्रद्धानन्द, नेहरू और पटेल दिखादे।

जहाँ भगतसिंह फांसी टूटा, वो लाहौर की जेल दिखादे।

झाँसी वाली लक्ष्मीबाई, घोड़े पर सवार दिखादे।

कमर के ऊपर बच्चा, दोनों हाथों में तलवार दिखादे।

अंग्रेजों की फौज में बड़गी, करती मारोमार दिखादे।

भरती खजानी लड़ती दिखादे, धापां जहरो माड़ी ।। 2 ।।

अंग्रेजों को चकमा दे गया, सुभाष चन्द्र बोस दिखादे।

जर्मन और जापान में पहुँचा, होकर के रूपोश दिखादे।

आजाद हिन्द फौज बनाके, भरा गजब का जोश दिखादे।

डायर ने गोली चलवाई, वह जलियाँवाला बाग दिखादे।

देश के सपूत वीरों ने वहाँ, खेला खून से फाग दिखादे।

घर-घर से फूंकार मारते, लिकड़े काले नाग दिखादे।

जोश देखके अंग्रेजो की, बन्द हो गई नाड़ी ।। 3 ।।

रानी किशोरी जवाहर सिंह और जवाहरसिंह का बाप दिखादे।

गुरू गोविन्दसिंह वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप दिखादे।

हल्दीघाटी के युद्ध में चेतक, घोड़े के टाप दिखादे।

किसान और मजदूर का नेता, चौधरी छोटूराम दिखादे।

जननायक श्री देवीलाल का, चौटाला धाम दिखादे।

धर्मपाल सिंह भालोठिया का, जोशीला प्रोग्राम दिखादे।

हरा भरा हरियाणा दिखादे, खिली हुई फुलवाड़ी ।। 4 ।।

43. किसी को कौम से मोहब्बत

भजन-43 (कर्म की महता)
== दोहा ==

नहीं जाति से प्रेम है, नहीं जाति से तकरार।

बुरे कर्म से दुश्मनी , शुभ कर्मों से प्यार।।


तर्ज - दया कर दान भक्ति का..........

किसी को कौम से मोहब्बत , किसी को नाम प्यारा है।

हमें तो एक दुनिया में, मनुष्य का काम प्यारा है।। टेक ।।


किसी को आनन्द लूट में, किसी को मजा फूट में।

हमें तो चारों कूंट में, अमन सुबह शाम प्यारा है ।। 1 ।।

कोई धन जोड़ के धरता , जमीं में छोड़ के मरता।

हमें तो जो दान करता है, वो कुटुम्ब तमाम प्यारा है।। 2 ।।

कोई माने कर्मचन्द ने, कोई ईसा मोहम्मद ने।

बताया जो दयानन्द ने, वही प्रोग्राम प्यारा है ।। 3 ।।

लगे क्यों लड़-लड़ के मरने, चले सुख शान्ति करने।

दिया दुनिया को जवाहर ने, वही पैगाम प्यारा है ।। 4 ।।

दया न थी जागीरदारों को, लूटते थे काश्तकारों को।

बचाया इन बेचारों को, श्री कुम्भाराम प्यारा है ।। 5 ।।

करो धर्मपालसिंह सेवा, एक दिन पाओगे मेवा।

काम से पार हो खेवा, नहीं ये चाम प्यारा है ।। 6 ।।



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