Mera Anubhaw Part-2/Swatantrata Diwas
रचनाकार: स्वतंत्रता सेनानी एवं प्रसिद्ध भजनोपदेशक स्व0 श्री धर्मपाल सिंह भालोठिया
ए-66 भान नगर, अजमेर रोड़, जयपुर-302021, 946038954644. जुग जुग याद रहेगा
- शहीदों को श्रद्धासुमन (15अगस्त) देश भक्ति भजन
- तर्ज - चौकलिया
जुग-जुग याद रहेगा, अमर शहीदों का बलिदान।
पन्द्रह अगस्त आज भारत का, बन गया पर्व महान।। टेक ।।
भारत माता बोली जिस दिन, वक्त आ गया खास।
मेरे सपूतो आज बुझादो, मेरी खून से प्यास।
देश के घर-घर में कर दो, आजादी का प्रकाश।
आने वाले पढ़ेंगे अमर, शहीदों का इतिहास।
गौरव से यूँ कहेंगे हम, उन वीरों की संतान।
- पन्द्रह अगस्त........।। 1 ।।
अंग्रेजों ने दमन चक्र की, सारी ताकत झोंकी।
किसी के धर छाती पर पत्थर, गति सांस की रोकी।
कोई पेड़ों के साथ खड़े कर, कील बदन में ठोकी।
कोई नजरबन्द घर में करके, आगे लगवा दी चौकी।
अंग्रेजो भारत छोड़ो, ये था उनका ऐलान।
- पन्द्रह अगस्त........।। 2 ।।
कोई भेजे काला पानी, जहाजों में चढ़ा-चढ़ा।
कोई मारा था उम्र कैद कर, जेल में सड़ा-सड़ा।
कोई फांसी पर झूले था, तख्ते पर खड़ा-खड़ा।
कोई कहे आजादी लूँगा, जख्मी पड़ा-पड़ा।
जलियाँवाले बाग में हो गये, सतरह सौ कुर्बान।
- पन्द्रह अगस्त........।। 3 ।।
लम्बी लिस्ट शहीदों की, मैं कहाँ तक करूँ बयान।
जिनकी कुर्बानी से बन गया, आजाद हिन्दोस्तान।
पन्द्रह अगस्त को हो गया था, आजादी का ऐलान।
छब्बीस जनवरी को भारत का, लागू हुआ विधान।
धर्मपाल सिंह भालोठिया करे, शहीदों का गुणगान।
- पन्द्रह अगस्त........।। 4 ।।
45. हुई मनादी , आई आजादी
- ।। भजन-45।। (15 अगस्त) देश भक्ति (स्वतंत्रता दिवस)
तर्ज - मन डोले, मेरा तन डोले...........
हुई मनादी, आई आजादी, शहीदों का त्यौंहार।
- पन्द्रह अगस्त मुबारक हो।। टेक ।।
कभी होली कभी क्रिसमिस डे, कभी आवें ईद दीवाली।
पन्द्रह अगस्त छब्बीस जनवरी, इनकी छवि निराली।
बज रहा बाजा, रंक और राजा, दिखा रहे सब प्यार।
- पन्द्रह अगस्त मुबारक हो ।। 1 ।।
हमारे सिर के ऊपर जब, मुँह पाड़े मौत खड़़ी थी।
हाथ हथकड़ी पैरों बेड़ी, गले में तौक पड़ी थी।
भारतवासी चढ़ गये फांसी, गये समुंदर पार।
- पन्द्रह अगस्त मुबारक हो ।। 2 ।।
भारत माँ के लाल हजारों, हो गये अमर शहीद।
कुर्बानी नहीं निष्फल जागी, थी उनको उम्मीद।
हुई पूरी आस, आ गया खास, था जिस दिन का इन्तजार।
- पन्द्रह अगस्त मुबारक हो ।। 3 ।।
इस दिन अमर शहीदों की, हर जगह निकालो झाँकी।
धर्मपाल सिंह कहे छोड़ दो, और काम सब बाकी।
हुए अमर, वोह शेर बब्बर, आज याद करे संसार।
- पन्द्रह अगस्त मुबारक हो ।। 4 ।।