Pandula
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Pandula (पांडुल) is a village in Sri Lanka located in south of Upatishya and mentioned in Mahavansha.[1]
Origin
Variants
Jat clans
- Pandul (पाण्डुल)
History
जाट इतिहास
डॉ पेमाराम[2]लिखते हैं कि सिंध और पंजाब से समय-समय पर ज्यों-ज्यों जाट राजस्थान में आते गये, मरूस्थलीय प्रदेशों में बसने के साथ ही उन्होने प्रजातन्त्रीय तरीके से अपने छोटे-छोटे गणराज्य बना लिये थे जो अपनी सुरक्षा की व्यवस्था स्वयं करते थे तथा मिल-बैठकर अपने आपसी विवाद सुलझा लेते थे । ऐसे गणराज्य तीसरी सदी से लेकर सोलहवीं सदी तक चलते रहे ।
मारवाड़ में नागवंशीय जाटों के अनेक गोत्रों के साथ ....पांडुल, तक्षक नागों से निकले हुये टोकस, तक्षक व ताखर जाट गोत्र भी आए.
In Mahavansa
Mahavansa/Chapter 10 mentions about the Consecrating of Pandukabhaya. ....Then, when he was sixteen years old, his uncles discovered him; his mother sent him a thousand (pieces of money) and a command to bring him to (a place of) safety. His fosterfather told him all his mother's message, and giving him a slave and the thousand (pieces of money) he sent him to Pandula. The brahman named Pandula, a rich man and learned in the vedas, dwelt in the southern district in (the village) Pandulagamaka. The prince went thither and sought out the brahman Pandula.
पांडुल
विजयेन्द्र कुमार माथुर[3] ने लेख किया है ...पांडुल, लंका, (AS, (AS, p.538) महावंश 10,20 में उल्लिखित है. इसकी स्थिति उपतिष्य नामक ग्राम के दक्षिण में बताई गई है.
External links
See also
References
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.538
- ↑ राजस्थान के जाटों का इतिहास, 2010, पृ.19
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.538