Rajesh Kumar Dhochak
Rajesh Kumar Dhonchak (Hav.) was Raj-Rif Brave Hero of our Country who sacrificed his life on 1.8.2009 in Jammu and Kashmir fighting with terrorists. He was awarded with Ashok Chakra for his bravery the by President of India on 26th Jan, 2010. He was from village Lath, tah: Gohana, district Sonipat, Haryana. Unit: 11 Rajputana Rifles.
हवलदार राजेश कुमार धोचक का परिचय
हवलदार राजेश कुमार धोचक
अशोक चक्र (मरणोपरांत)
वीरांगना - श्रीमती बीता देवी
यूनिट - 11 राजपुताना राइफल्स
ऑपरेशन रक्षक
हवलदार राजेश कुमार का जन्म हरियाणा के सोनीपत जिले की गोहाना तहसील के लाठ गांव में स्व. श्री रामकिशन धोचक एवं स्व. श्रीमती परमेश्वरी देवी के परिवार में हुआ था। अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव के स्कूल से और राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गोहाना से मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त कर 23 फरवरी 1995 को वह भारतीय सेना की राजपुताना राइफल्स रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। कारगिल युद्ध में तुर्तुक की लड़ाई में विशेष प्रदर्शन के लिए उन्हें प्रशंसा पत्र मिला था। वर्ष 2009 में उनकी यूनिट को जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद से अति प्रभावित कुपवाड़ा जिले में तैनात किया गया। वह 'B' कंपनी की घातक प्लाटून के सदस्य थे।
1 अगस्त 2009 को गोपनीय सूत्रों से यूनिट को कुपवाड़ा जिले के घने बंगास जंगल में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के होने की विश्वसनीय सूचना मिली। सूचना के आधार पर जंगल में SERCH ऑपरेशन चला रही घातक प्लाटून पर आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। घातक प्लाटून के LEADING सेक्शन के हवलदार राजेश कुमार ने जबाबी फायरिंग की व दृढ़ निश्चय से रेंगते हुए झाड़ झंखाड़ में घुस कर एक आतंकवादी को मार गिराया।
इस बीच, प्लाटून कमांडर लेफ्टिनेंट अश्विन एक दिशा से प्रभावी गोरीबारी की चपेट में आ गए। अपने अधिकारी के जीवन पर आसन्न खतरे को देखते हुए हवलदार राजेश कुमार गोलियों की ओलावृष्टि में उनकी ओर दौड़ पड़े, जिससे उनके पेट में कई गोलियां लगी। फिर भी, तेज दर्द को सहते हुए उन्होंने फायर कर दूसरे आतंकवादी को मार गिराया। अपनी अंतिम ऊर्जा एकत्र कर उन्होंने तीसरे आतंकवादी की एके 47 की बैरल पर झपट्टा मारा। अत्यंत निकट से हुइ भयानक हाथापाई में हवलदार राजेश कुमार घातक रूप से घायल हो गए। तीसरे आतंकवादी को मारकर वह वीरगति को प्राप्त हुए।
हवलदार राजेश कुमार को उनकी विशिष्ट वीरता, अद्वितीय साहस, धैर्य और आत्म-बलिदान की दुर्लभ भावना के लिए 26 जनवरी 2010 को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।
हवलदार राजेश कुमार के बलिदान को देश युगों युगों तक याद रखेगा।
शहीद को सम्मान
हवलदार राजेश कुमार को उनकी विशिष्ट वीरता, अद्वितीय साहस, धैर्य और आत्म-बलिदान की दुर्लभ भावना के लिए 26 जनवरी 2010 को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।
स्रोत
चित्र गैलरी
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हवलदार राजेश कुमार धोचक
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हवलदार राजेश कुमार धोचक की प्रतिमा
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राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से अशोक चक्र सम्मान ग्रहण करते हुए वीरांगना श्रीमती बीता देवी।
External links
References
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