Somanathapura

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Mysore district map

Somanathapura (सोमनाथपुर) is a town in Tirumakudalu Narasipura, Mysore district in the state of Karnataka in India. It is famous for the Chennakesava Temple also called Kesava or Keshava temple.

Location

It is located 38 km from Mysore city

Origin

Variants

History

सोमनाथपुर (मैसूर)

विजयेन्द्र कुमार माथुर [1] ने लेख किया है ...सोमनाथपुर AS, p.993): मैसूर से 13 मील पूर्व कावेरी के तट पर स्थित है. श्रीरंगपट्टनम यहां से 15 मील दूर है. भगवान केशव का सुंदर मंदिर इस छोटे से ग्राम का सर्वांग सुंदर स्मारक है. इससे 1268 ई. में मैसूर के होयसल वंशीय नरेश नरसिंह तृतीय के एक सेनापति सोमदेव ने बनवाया था. इस तथ्य का उल्लेख मंदिर के प्रवेश द्वार पर अंकित है. सोमदेव ने मंदिर के चतुर्दिक एक ग्राम भी बसाया था और अनेक घरों को बनवा कर उन्हें ब्राह्मणों को दान में दे दिया था. अभिलेख के अनुसार यहां के घरों में विद्या की इतनी अधिक चर्चा थी कि ग्राम के तोते भी शास्त्रार्थ करने में चतुर थे. यह मंदिर होयसल वास्तुकला का पूर्ण विकसित उदाहरण है और इस प्रदेश के हेलबिड़ तथा बेलूर के मंदिरों की भांति ही कला की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. मंदिर एक विशाल चौक के अंदर स्थित है. चतुर्दिक बने हुए बरामदे में 64 कोष्ठ थे किंतु अब इनका कोई चिन्ह नहीं है. मंदिर का आधार ताराकार है. इसमें तीन गर्भगृह वस्थित हैं. बहिर्भितियों पर चारों और रामायण, महाभारत तथा पुराणों की अनेक कथाएं मूर्तिकारी के रूप में उत्कीर्ण हैं. इस मूर्तिकारी का शिल्प, कलाकौशल और रचना-विन्यास तत्कालीन दक्षिण के मंदिरों की शैली के अनुसार ही अद्भुत रूप से सुंदर है. मंदिर में स्तंभों के शीर्षों रूप में जो संरचनाएं या ब्रेकेट हैं वे लावण्यमई नारियों की मानवकार प्रतिमाओं से बनी हैं जो आज भी दर्शक के हृदय पर मूर्तिकला के उदात्त सौंदर्य की अमिट छाप डालती हैं. इन्हें देखकर अंग्रेजी कवि जॉन कीट्स ( John Keats) [p.994 की प्रसिद्ध पंक्ति, A thing of beauty is joy for ever याद आती है. मंदिर के तीनों शिखरों का बाह्य भाव प्राय: 30 फुट तक घनी मूर्तिकारी से भरा पूरा है. मंदिर के मध्यवर्ती गर्भगृह की भीतरी छत गढ़े हुए पत्थरों के नक्काशीदार टुकड़ों को जोड़कर बनाई गई है. केशव मंदिर की मूर्तिकारी के विषय में विल ड्यूरेंट (Will Durant) लिखता है -the gigantic masses of stone are here carved with the delicacy of lace'-अर्थात विशालकाय भारी-भरकम पत्थरों पर यहां सूक्ष्म और बारीक नक्काशी इसी प्रकार की गई है मानों सुंदर बेल-बूटे काढ़े गए हों.

External links

References