Talikota

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Talikota (तालीकोट) is a town in Vijayapura district in the northern part of the Indian state of Karnataka.

Location

Talikota is on an upland plateau in the Western Ghats at an average elevation of 509 metres. It lies on the left (north) bank of the Doni River and is about 85 kms to the southeast of Vijayapura city.

Origin

Variants

History

The Battle of Talikota was fought here on 23 January 1565 and the town is also home to the Khasgateswer temple which attracts the devotees from Vijayapura, Bagalkot, Yadgiri, Raichur and Kalburgi districts.

तालीकोट

विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...तालीकोट (मैसूर) AS, p.399): 1556 ई. में इस स्थान पर दक्षिण भारत की बहमनी रियासतों तथा विजय नगर के हिंदू राज्य में परस्पर भयानक युद्ध हुआ था जिसके परिणाम स्वरूप विजय नगर साम्राज्य का अंत हो गया. तालीकोट की युद्ध के पश्चात मुसलमानों ने तत्कालीन भारत या इतिहास लेखकों के अनुसार एशिया के सर्वश्रेष्ठ नगर विजयनगर में बर्बरता पूर्ण लूटमार मचा कर उसे खंडहर बना दिया था. सिवेल (Sewell) ने 'ए फॉरगॉटेन एंपायर' नामक ग्रंथ में इस दुर्घटना का रोमांचकारी वर्णन बड़े प्रभावोत्पादक शब्दों में किया है.

तालीकोटा का युद्ध

तालीकोटा का युद्ध 25 जनवरी, 1565 ई. को लड़ा गया था। इस युद्ध को 'राक्षसी तंगड़ी का युद्ध' और 'बन्नीहट्टी का युद्ध' के नाम से भी जाना जाता है। विजयनगर साम्राज्य के विरोधी महासंघ में अहमदनगर, बीजापुर, गोलकुण्डा और बीदर शामिल थे। गोलकुण्डा और बरार के मध्य पारस्परिक शत्रुता के कारण बरार इसमें शामिल नहीं था। इस महासंघ के नेता 'अली आदिलशाह' ने रामराय से रायचूर एवं 'मुद्गल' के क़िलो को वापस माँगा। रामराय द्वारा माँग ठुकराये जाने पर दक्षिण के सुल्तानों की संयुक्त सेना 'राक्षसी-तंगड़ी' की ओर बड़ी, जहाँ पर 25 जनवरी, 1565 को रामराय एवं संयुक्त मोर्चे की सेना में भंयकर युद्ध प्रारम्भ हुआ। इस युद्ध के प्रारम्भिक क्षणो में संयुक्त मोर्चा विफल होता हुआ नज़र आया, परन्तु अन्तिम समय में तोपों के प्रयोग द्वारा मुस्लिम संयुक्त सेना ने विजयनगर सेना पर कहर ढा दिया, जिसके परिणामस्वरूप युद्ध क्षेत्र में ही सत्तर वर्षीय रामराय को घेर कर मार दिया गया। इस युद्ध में रामराय की हत्या हुसैन शाह ने की थी। राजा रामराय की पराजय व उसकी मौत के बाद विजयनगर शहर को निर्मतापूर्वक लूटा गया। इस युद्ध की गणना भारतीय इतिहास के विनाशकारी युद्धो में की जाती है। इस युद्ध को 'बन्नीहट्टी के युद्ध' के नाम से भी जाना जाता है। फ़रिश्ता के अनुसार यह युद्ध ‘तालीकोटा’ में लड़ा गया, पर युद्ध का वास्तविक क्षेत्र 'राक्षसी' एवं 'तंगड़ी' गांवो के बीच का क्षेत्र था। युद्ध के परिणामों के प्रतिकूल रहने पर भी विजयनगर साम्राज्य लगभग सौ वर्ष तक जीवित रहा। तिरुमल के सहयोग से सदाशिव ने पेनुकोंडा को राजधानी बनाकर शासन करना प्रारम्भ किया। यहीं पर विजयनगर में चौथे अरविडु वंश की स्थापना की गई।

संदर्भ: भारतकोश-तालीकोटा का युद्ध

External links

References