Travancore
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Travancore (ट्रावनकोर) was a Kingdom located in Kerala at the extreme southern tip of the Indian subcontinent. Geographically, Travancore was divided into three climatically distinct regions: the eastern highlands (rugged and cool mountainous terrain), the central midlands (rolling hills), and the western lowlands (coastal plains).
Origin
Variants
- Travanakora (ट्रावनकोर) = Tiruvankura तिरुवांकुर (AS, p.380)
- Tiruvankura (तिरुवांकुर) (केरल) (AS, p.403)
- Thiruvithamkoor
- Trivankura (त्रिवंकुर) (AS, p.403)
- Trivankura त्रिवांकुर दे. Tiruvankura तिरुवांकुर (AS, p.418)
History
The Kingdom of Travancore (Thiruvithamkoor) was an Indian kingdom from 1500 until 1949. It was ruled by the Travancore Royal Family from Padmanabhapuram, and later Thiruvananthapuram. At its zenith, the kingdom covered most of modern-day central and southern Kerala with the Thachudaya Kaimal's enclave of Irinjalakuda Koodalmanikkam temple in the neighbouring Kingdom of Cochin,[1] as well as the district of Kanyakumari, now in the Indian state of Tamil Nadu.
तिरुवांकुर
विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...तिरुवांकुर (AS, p.403) अथवा 'त्रिवंकुर' केरल के 'ट्रावनकोर' का ही प्राचीन नाम है। इसका अर्थ है- 'लक्ष्मी का घर'। तिरुवांकुर का प्रदेश प्राचीन काल में केरल में सम्मिलित था। एक पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि परशुराम ने इस भू-भाग को अपने परशु द्वारा समुद्र से छीन लिया था। परशुराम ने अपना फरसा समुद्र में फेंका और जितनी दूर वह जाकर गिरा उतनी दूर तक समुद्र पीछे हट गया। इस समुद्र निर्गत भूमि पर परशुराम ने बाहर से मनुष्यों को लाकर बसाया था। इस कथा में एक भौगोलिक तथ्य निहित है, क्योंकि भूगोलविदों का विचार है कि केरल के प्रदेश पर पहले समुद्र लहराता था, जिसके अवशेष लेगूनों (lagoons) के रूप में आज भी विद्यमान हैं।