Ugrakheri

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Ugrakheri (उग्रखेड़ी) is a village in Panipat tahsil and district in Haryana.

Location

It is situated 3 KM away from Panipat city, on Panipat-Sanoli road.

Jat gotras

Population

(Data as per Census-2011 figures)

Total Population Male Population Female Population
3355 1821 1534

History

काला आम स्थल, उग्रखेड़ी

The village is known to be in the land of famous three battles of Panipat. The historic place has been known as KALA AMB, The battles of Panipat Memorial. Haryana Tourism have developed the area a Tourist complex with an artificial lake in the complex. One of the richest village in Haryana since British Empire.

Notable persons and their contribution

Ugrakheri is known for its remarkable contribution in Kabaddi and volleyball. At times it has happened that all tha players in Haryana Kabaddi Team is from this village only. Few of the famous players very well known in Haryana are Ch. Risal singh, Ch. Raghubir Singh, Rambir, Pradeep, Paramjeet, Sheetal, Jugpal, Satpal, Ramesh( all kabaddi players repersented Haryana), Ajeet Singh, Gulab, Yashbir(volleyball).

कमाई में शोले को भी पीछे छोड़ने वाले चंद्रावल के हास्य कलाकार खुंडे दरियाव सिंह मलिक का निधन

Author: Anurag Shukla Publish Date: Thu, 21 Apr 2022 02:15 PM (IST)Updated Date: Thu, 21 Apr 2022 02:15 PM (IST)

जागरण संवाददाता, पानीपत। हरियाणा की अब तक की सबसे बड़ी हिट फिल्म चंद्रावल में खुंडे की भूमिका निभाने वाले पानीपत के दरियाव सिंह मलिक का वीरवार को निधन हो गया। 84 वर्ष के दरियाव सिंह मलिक पिछले तीन वर्ष से अस्वस्थ थे। सनौली रोड पर आहूजा अस्पताल में भर्ती थे। डाक्टरों ने आंत में कैंसर की आशंका जताई थी। सुबह साढ़े आठ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

चंद्रावल के हास्य कलाकर दरियाव सिंह मलिक उर्फ खुंडे पानीपत के उग्राखेड़ी के रहने वाले थे। राष्ट्रपति अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके थे। यूनिवर्सिटी और कालेजों में उन्हें आमंत्रित किया जाता था। आंत में दिक्कत के कारण अस्पताल में भर्ती थी।

चंद्रावल उनकी पहली फिल्म थी। 1984 में आई यह ऐसी फिल्म थी, जिसने उस समय उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान में शोले फिल्म से भी ज्यादा कमाई की। पूरा बालीवुड भी हैरान रह गया था। इस फिल्म को देखने के लिए गांव-गांव से लोग ट्रैक्टर से आते थे। चंद्रावल फिल्म पांच लाख में बनी थी, पौने दो करोड़ का बिजनेस किया था।

इस तरह चंद्रावल फिल्म से जुड़े - 12 जुलाई, 1938 को जन्मे पानीपत के उग्राखेड़ी के दरियाव सिंह मलिक ने जैन हाई स्कूल से दसवीं की थी। वह जनसंपर्क विभाग में ड्रामा इंस्पेक्टर थे। विभाग के अधिकारी देवी शंकर प्रभाकर ने दरियाव सिंह मलिक को चंद्रावल फिल्म में अवसर दिया। इसके बाद मलिक न केवल हरियाणा, बल्कि देशभर में हास्य कलाकार के रूप में प्रसिद्ध हो गए। उन्हें वर्ष 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति स्‍व. डा.अब्दुल कलाम आजाद ने अवार्ड दिया था। उन्होंने 19 फिल्मों में काम किया। उनकी आखिरी बालीवुड फिल्म, मेरे डैड की मारुति थी। उन्हें बेस्ट कामेडियन आफ हरियाणवी का भी अवार्ड मिल चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने उन्हें हरियाणा गौरव अवार्ड से सम्मानित किया था।

लोकसभा चुनाव भी लड़ा था - दरियाव सिंह मलिक ने करनाल लोकसभा सीट से आजाद चुनाव भी लड़ा था। हास्य कलाकार राजनीति में जम नहीं सके। इसके बाद फिर से अपने क्षेत्र में आ गए। गांव या बाहर कोई कार्यक्रम होता था, तो वह मंच संचालन करते। कबड्डी में कमेंट्री करते। यूनिवर्सिटी और कालेज में उन्हें आमंत्रित किया जाता।

जाट में भी आर्ट होता है - दरियाव सिंह मलिक कहते थे कि जाट और आर्ट का कोई मेल नहीं है। पर उन्होंने इसे गलत साबित किया। वह जाट भी हैं और आर्ट से भी जुड़े हैं। उनकी इस बात से खूब ठहाके लगते। उनके तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा नरेंद्र मलिक रोडवेज में सबइंस्पेक्टर हैं। इससे छोटा जोगेंद्र मलिक एडवोकेट, सबसे छोटा बिजेंद्र मलिक गांव में फैक्ट्री चलाता है। दो बेटियां हैं, इंद्रावती और जुबली। एक की झट्टीपुर और दूसरी की करनाल में शादी हुई है।

साभार - दैनिक जागरण, हिसार दिनांक 22 अप्रैल 2022

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References

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