Vijai Singh Gat
Vijai Singh Gat (Naib Risaldar) became martyr on 13.09.1965 at Sialkot during Indo-Pak War-1965. He was from Ludesar Village in Sirsa district in the Indian state of Haryana. Unit: 2 Lancers Regiment.
नायब रिसालदार विजय सिंह गाट
नायब रिसालदार विजय सिंह गाट
सर्विस नं - JC31605L
यूनिट - 2 लांसर्स रेजिमेंट
ऑपरेशन रिडल
भारत-पाक युद्ध 1965
नायब रिसालदार विजय सिंह का जन्म अविभाजित पंजाब के जींद जिले (वर्तमान हरियाणा के सिरसा जिले) के लुदेसर गांव में श्री दयाराम गाट के घर में हुआ था। वर्ष 1948 में वह भारतीय सेना के आर्मर्ड कॉर्प्स में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे।
प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 2 लांसर्स रेजिमेंट में सवार के पद पर नियुक्त किया गया था। अपनी रेजिमेंट में भिन्न-भिन्न परिचालन परिस्थितियों और स्थानों पर सेवाएं देते हुए वर्ष 1965 तक वह नायब रिसालदार के पद पर पदोन्नत हो गए थे।
1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध आरंभ होने से पूर्व वह अवकाश पर घर आए हुए थे। युद्ध संभावित होने पर तीज के पर्व से एक दिन पूर्व ही वह अपनी यूनिट में लौट गए थे। इसके पश्चात पाकिस्तान के साथ युद्ध आरंभ हो गया था। युद्ध में पाकिस्तान के सियालकोट सेक्टर में भारतीय सेना की एक टुकड़ी डटी हुई थी।
13 सितंबर 1965 की रात्रि में जब शत्रु ने एकाधिक टैकों के साथ भारतीय टुकड़ी पर भयानक गोलाबारी आरंभ कर दी। भारतीय सैनिकों को तत्क्षण इन टैकों को समाप्त करने का कोई उपाय नहीं सूझ नहीं रहा था।
टैंक चालक नायब रिसालदार विजय सिंह ने त्वरित प्रभाव से अपने शरीर पर लैंडमाइन बांध लिया और छिपते हुए शत्रु के टैंक के निकट पहुंच गए। अवसर पाकर वह टैंक के नीचे चले गए और उस लैंडमाइन में विस्फोट कर राष्ट्र के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। नायब रिसालदार विजय सिंह की इस आत्मघाती कार्रवाई से शत्रु सेना का टैंक नष्ट हो गया व अनेक शत्रु सैनिक मारे गए।
शहीद को सम्मान
स्रोत
बाहरी कड़ियाँ
संदर्भ
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