Jatashankar Betul: Difference between revisions

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'''[[Jatashankar Betul|Jatashankar]] (जटाशंकर)''' is a [[Shiva]] temple situated in the dense forests near [[Rathipur]] village in [[Betul]] tahsil of [[Betul]] district in [[Madhya Pradesh]].  
'''[[Jatashankar Betul|Jatashankar]] (जटाशंकर)''' is a [[Shiva]] temple situated in the dense forests near [[Rathipur]] village in [[Betul]] tahsil of [[Betul]] district in [[Madhya Pradesh]].  
== Origin ==
== Origin ==
== Location ==
जटाशंकर धाम बैतूल से लगभाग 12 किलोमीटर दूर स्थिति है. जटाशंकर मंदिर शिव जी का मंदिर है जो [[Rathipur|राठीपुर]] ग्राम से पास में ही है.
== Jat Gotras Namesake ==
== Jat Gotras Namesake ==
*[[Jat]] (जाट) →  [[Jatashankar Betul|Jatashankar]] (जटाशंकर) is a [[Shiva]] temple situated in the dense forests near [[Rathipur]] village in [[Betul]] tahsil of [[Betul]] district in [[Madhya Pradesh]].  
*[[Jat]] (जाट) →  [[Jatashankar Betul|Jatashankar]] (जटाशंकर) is a [[Shiva]] temple situated in the dense forests near [[Rathipur]] village in [[Betul]] tahsil of [[Betul]] district in [[Madhya Pradesh]].  
== History ==
== History ==


== जटाशंकर ==
== जटाशंकर धाम बैतूल ==
जिला मुख्यालय से सटे राठीपुर ग्राम में जटाशंकर भगवान भोलेनाथ प्रकृति की अद्भुत छटा के बीच विराजमान हैं। <ref>[https://www.naidunia.com/madhya-pradesh/betul-shri-shatchandi-mahayagya-will-be-done-for-happiness-and-prosperity-in-jatashankar-mahadev-7429679 Nai Dunia News Network, Sat, 02 Apr 2022]</ref>
[[File:Jatashankar Shiva Temple Betul.jpg|thumb|Jatashankar Shiva Temple Betul]]
जिला मुख्यालय [[Betul|बैतूल]]  से सटे [[Rathipur|राठीपुर]] ग्राम में जटाशंकर भगवान भोलेनाथ प्रकृति की अद्भुत छटा के बीच विराजमान हैं. <ref>[https://www.naidunia.com/madhya-pradesh/betul-shri-shatchandi-mahayagya-will-be-done-for-happiness-and-prosperity-in-jatashankar-mahadev-7429679 Nai Dunia News Network, Sat, 02 Apr 2022]</ref>


जटाशंकर धाम बैतूल से लगभाग 12 किलोमीटर दूर स्थिति है जटाशंकर मंदिर शिव जी का मंदिर है जो की राठीपुर ग्राम से पास में ही है यहाँ के लोगों का मनना है की जहाँ जो शिवलिंग है बहुत स्वयंबु है मतलब खुद अपने आप निकली हुई है किसी ने बनाई नहीं है यहां पर हर  महाशिवरात्रि पर मेले का आयोजन होता है विशाल भंडारे का भी योजना होता है यह एक टूरिस्ट प्लेस और पिकनिक स्पॉट है.  
जटाशंकर धाम बैतूल से लगभाग 12 किलोमीटर दूर स्थिति है. जटाशंकर मंदिर शिव जी का मंदिर है जो की [[Rathipur|राठीपुर]] ग्राम से पास में ही है. यहाँ के लोगों का मनना है कि यहाँ जो शिवलिंग है बहुत स्वयंभू है, मतलब खुद अपने आप निकली हुई है, किसी ने बनाई नहीं है. यहां पर हर  महाशिवरात्रि पर मेले का आयोजन होता है. यहां  विशाल भंडारे का भी आयोजन होता है. यह एक टूरिस्ट प्लेस और पिकनिक स्पॉट है.
 
जिला मुख्यालय बैतूल से जटाशंकर पहुंचने पर पूरे सफर के दौरान प्रकृति का अनुपम सौंदर्य एक अलग ही सुकून प्रदान करता है. जंगल में स्थित जटाशंकर धाम में आने के बाद भक्तों को बड़ी शांति मिलती है. श्रद्धालु अपने साथ यहां भोजन सामग्री लेकर आते हैं और यहीं पर भोग बनाकर प्रसाद के रूप में उसे ग्रहण करते हैं. शिवलिंग के दर्शन करने के लिए पर्यटकों को लगभग 500 मीटर नीचे उतरना पड़ता है, जो सफर को रोमांचक बनाती है. यहां पर स्थित पहाड़ी पर कई गुणकारी और औषधीय पौधे भी पाए जाने की जानकारी सामने आई है.
 
जिला मुख्यालय से जटाशंकर धाम पहुंचने के लिए दो मार्ग हैं: '''हमलापुर''' से '''[[Khedla Fort|खेड़ला]]''' होते हुए या '''उमरी''' के पास के रास्ते से पहुंचना होता है. यहीं से करीब चार-पांच किलोमीटर की सीमेंट सड़क फिर जंगली व पथरिला रास्ता है. यहां बारिश के दिनों में आवागमन  प्रभावित रहता है. मंदिर तक पहुंचने के लिए इस कच्चे रस्ते को पैदल पूरा करना पड़ता है.
 
प्राचीन समय से अद्भुत और रहस्यमई यात्रा के लिए प्रसिद्ध जटाशंकर महादेव के धाम को लेकर यहां के भक्तों में गहरी आस्था है. प्रकृति की वादियों, पहाड़ों से घिरे इस धाम में अनेकों चमत्कार के दावे भी किए जाते हैं. इस धाम को आस्था और पर्यटन के लिहाज से खास माना जाता है. भक्तों की माने तो जटाशंकर महादेव सिद्ध धाम में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है. पहाड़ी से कल-कल ध्वनि से बहता पानी इस स्थान को देश दुनिया के प्रख्यात टूरिज्म और धार्मिक स्थलों की श्रेणी में खड़ा करता है. जटाशंकर महादेव धाम एक प्राचीन प्राकृतिक ऐतिहासिक स्थल है. इस स्थान को अब तक सरकरी  स्तर पर ट्रैक नहीं किया गया है. जटाशंकर धाम में एक कुआं है जिसका जल कभी खत्म नहीं होता/ विशेष बात यह है कि कुएं के पानी का तापमान हमेशा मौसम के विपरीत होता है. ग्रामीण  लोग बताते हैं कि यहां के पानी में भी कई औषधीय गुण हैं. यही कारण है कि जो भी श्रद्धालु यहां आता है वह इस कुएं का पानी पीता है.
 
Source - [https://www.snewstimes.com/2023/08/07/betul-news-here-nature-itself-consecrates-shivling-jatashankar-mahadev-beauty-shines-in-the-monsoon-lord-bholenath-sits-amidst-nature/ Betul News, Ankit Suryavanshi, 7.8.2023]


== External links ==
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Latest revision as of 06:33, 14 February 2025

Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Multai on Map of Betul District‎
Khedla Fort-Chikhlar-Rathipur-Jatashankar in Betul, MP

Jatashankar (जटाशंकर) is a Shiva temple situated in the dense forests near Rathipur village in Betul tahsil of Betul district in Madhya Pradesh.

Origin

Location

जटाशंकर धाम बैतूल से लगभाग 12 किलोमीटर दूर स्थिति है. जटाशंकर मंदिर शिव जी का मंदिर है जो राठीपुर ग्राम से पास में ही है.

Jat Gotras Namesake

History

जटाशंकर धाम बैतूल

Jatashankar Shiva Temple Betul

जिला मुख्यालय बैतूल से सटे राठीपुर ग्राम में जटाशंकर भगवान भोलेनाथ प्रकृति की अद्भुत छटा के बीच विराजमान हैं. [1]

जटाशंकर धाम बैतूल से लगभाग 12 किलोमीटर दूर स्थिति है. जटाशंकर मंदिर शिव जी का मंदिर है जो की राठीपुर ग्राम से पास में ही है. यहाँ के लोगों का मनना है कि यहाँ जो शिवलिंग है बहुत स्वयंभू है, मतलब खुद अपने आप निकली हुई है, किसी ने बनाई नहीं है. यहां पर हर महाशिवरात्रि पर मेले का आयोजन होता है. यहां विशाल भंडारे का भी आयोजन होता है. यह एक टूरिस्ट प्लेस और पिकनिक स्पॉट है.

जिला मुख्यालय बैतूल से जटाशंकर पहुंचने पर पूरे सफर के दौरान प्रकृति का अनुपम सौंदर्य एक अलग ही सुकून प्रदान करता है. जंगल में स्थित जटाशंकर धाम में आने के बाद भक्तों को बड़ी शांति मिलती है. श्रद्धालु अपने साथ यहां भोजन सामग्री लेकर आते हैं और यहीं पर भोग बनाकर प्रसाद के रूप में उसे ग्रहण करते हैं. शिवलिंग के दर्शन करने के लिए पर्यटकों को लगभग 500 मीटर नीचे उतरना पड़ता है, जो सफर को रोमांचक बनाती है. यहां पर स्थित पहाड़ी पर कई गुणकारी और औषधीय पौधे भी पाए जाने की जानकारी सामने आई है.

जिला मुख्यालय से जटाशंकर धाम पहुंचने के लिए दो मार्ग हैं: हमलापुर से खेड़ला होते हुए या उमरी के पास के रास्ते से पहुंचना होता है. यहीं से करीब चार-पांच किलोमीटर की सीमेंट सड़क फिर जंगली व पथरिला रास्ता है. यहां बारिश के दिनों में आवागमन प्रभावित रहता है. मंदिर तक पहुंचने के लिए इस कच्चे रस्ते को पैदल पूरा करना पड़ता है.

प्राचीन समय से अद्भुत और रहस्यमई यात्रा के लिए प्रसिद्ध जटाशंकर महादेव के धाम को लेकर यहां के भक्तों में गहरी आस्था है. प्रकृति की वादियों, पहाड़ों से घिरे इस धाम में अनेकों चमत्कार के दावे भी किए जाते हैं. इस धाम को आस्था और पर्यटन के लिहाज से खास माना जाता है. भक्तों की माने तो जटाशंकर महादेव सिद्ध धाम में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है. पहाड़ी से कल-कल ध्वनि से बहता पानी इस स्थान को देश दुनिया के प्रख्यात टूरिज्म और धार्मिक स्थलों की श्रेणी में खड़ा करता है. जटाशंकर महादेव धाम एक प्राचीन प्राकृतिक ऐतिहासिक स्थल है. इस स्थान को अब तक सरकरी स्तर पर ट्रैक नहीं किया गया है. जटाशंकर धाम में एक कुआं है जिसका जल कभी खत्म नहीं होता/ विशेष बात यह है कि कुएं के पानी का तापमान हमेशा मौसम के विपरीत होता है. ग्रामीण लोग बताते हैं कि यहां के पानी में भी कई औषधीय गुण हैं. यही कारण है कि जो भी श्रद्धालु यहां आता है वह इस कुएं का पानी पीता है.

Source - Betul News, Ankit Suryavanshi, 7.8.2023

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References