| पंडित अमीचन्द्र शर्मा<ref>[[Jat Varna Mimansa]] (1910), Author: Pandit Amichandra Sharma, Published by Lala Devidayaluji Khajanchi, p.28 </ref>ने लिखा है - तहसील [[Hansi|हांसी]] जिला [[Hisar|हिसार]] में [[Narnaund|नारनौन्द]] एक नामी बड़ा गाँव है। इसमें [[Rapar|रापड़ गोत्र]] का एक घर है। रियासत [[Patiala|पटियाला]] में [[Balu|बालू]] और जिला हिसार में [[Titani|टिटानी]] रापड़ गोत्र के ग्राम हैं। रापड़ गोत्र के बड़े का नाम रापड़ था। उसने कराव किया और [[Toor|तूर संघ]] से अलग होकर [[जाट संघ]] में मिल गया। [[Toor|तूर संघ]] मुख्यत: जाट गोत्रों से ही बना था। रापड़ के नाम पर रापड़ जाट गोत्र चला। रापड़ गोत्र के जाट [[दिल्ली]] से चलकर आए और ग्राम [[Dinod|दीनोद]] जिला हिसार में आकर बसे। अब तक भी रापड़ गोत्र के जाटों की सती [[Dinod|दीनोद]] में ही है। ये लोग सती की पूजा करने के लिए यहाँ आते हैं। यह विवरण [[Narnaund|नारनौन्द]] के रापड़ गोत्र के जाट चौधरी शिवनाथ ने उपलब्ध कराया।
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