Ilavrata
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Ilavrata (इलावृत) was a part of Jambudvipa mentioned in Puranas.
Variants
Origin
History
इलावृत
विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...इलावृत (AS, p.80) पौराणिक भूगोल के अनुसार जंबू द्वीप का एक भाग था। इसकी स्थिति जंबू द्वीप के मध्य में मानी गई है। इलावृत के नाभिस्थान में मेरु पर्वत है तथा इसके उपास्यदेव शंकर हैं- 'पुनश्च परिवृत्याथ मध्यं देशमिलावृतम्।'[2]
'विष्णुपुराण' में इसका उल्लेख इस प्रकार है- 'मेरोश्चचतुर्दिशं तत्तु नव साहस्त्रविस्तृतम्, इलावृतं महाभाग चत्वारश्चात्र पर्वता:।' (विष्णुपुराण 2,2,15) विष्णुपुराण के ही अनुसार इलावृत के चार पर्वत हैं, मंदर, गंधमादन, विमल और सुपार्श्च। इस देश में संभवत: हिमालय के उत्तर में चीन, मंगोलिया और साइबेरिया के कुछ भाग सम्मिलित रहे होंगे। कल्पनारंजित होने के कारण इलावृत का ठीक-ठीक अभिज्ञान सम्भव नहीं जान पड़ता। इलावृत के दक्षिण में हरिवर्ष की स्थिति थी।
External links
References
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.
- ↑ महाभारत सभापर्व 28