Katah
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Katah (कटाह) was a historical place in Malayadvipa.
Origin
Variants
- Kataha (कटाह) = Kadara (कडार) = Kedda (केड्डा) (मलाया) (AS, p.126)
- Kadara/Kadar (कडार) = Kataha (कटाह) (AS, p.127)
- Kedda (केडडा) = Kataha (कटाह) (AS, p.222)
History
Mani Mekhala mentions about the island of Katah.
कटाह
विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ... कटाह (AS, p.126) मलयप्रायद्वीप में स्थित था। सुवर्ण द्वीप के शैलेंद्र राजाओं की राजनीतिक शक्ति का केंद्र ग्यारहवीं शती ई. में इसी स्थान पर था। यहीं से वे श्रीविजय (सुमात्रा) की कई छोटी रियासतों तथा मलय द्वीप पर राज करते थे। 11वीं शती के प्रारंभिक वर्षों (लगभग 1025 ई.) में दक्षिण भारत के प्रतापी राजा राजेंद्र चोल ने शैलेंद्र नरेश पर आक्रमण करके उसके प्राय: समस्त राज्य को हस्तगत कर लिया। इस समय कटाह या कडार पर भी चोलों का आधिपत्य हो गया था। राजेंद्र चोल की मृत्यु के पश्चात् शैलेंद्र राजाओं ने अपने राज्य को पुन: प्राप्त करने के लिए प्रयत्न किया किंतु वीर राजेंद्र चोल (1063-1070 ई.) ने दुबारा कडार को जीत लिया किंतु शैलेंद्रराज के आधिपत्य स्वीकार करने पर इस नगर को उसे ही वापस कर दिया। कटाह प्राचीन हिंदू नाम था; कडार और केड्डा इसके विकृत रूप हैं।
कडार
विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...कडार को कटाह के नाम से भी जाना जाता है।
केड्डा
विजयेन्द्र कुमार माथुर[3] ने लेख किया है ...केड्डा को कटाह के नाम से भी जाना जाता है।