Andhakaraka
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Andhakaraka (अंधकारक) is an ancient historical region, part of Kroncha Dvipa.
Origin
Variants
Andhakarak (अंधकारक) (AS, p.5)
History
अंधकारक
विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...अंधकारक (AS, p.5) एक पौराणिक स्थान है। विष्णुपुराण (2,4,48) के अनुसार क्रोंचद्वीप का एक भाग या वर्ष जो इस द्वीप के राजा द्युतिमान् के पुत्र के नाम पर है। क्रौंच-द्वीप के एक पर्वत का नाम भी अंधकारक कहा गया है- 'क्रौंचश्चवामनश्चैव तृतीयश्चांधकारक:' (विष्णुपुराण 2,4,50 )।
कौंच द्वीप
ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है कि आर्यों का कौन-सा समूह कहां बसा? इस प्रश्न को हल करने के लिए पुराणोक्त इतिहास हमें बहुत सहायता देता है। पृथ्वी को पुराणों ने सात द्वीपों में विभाजित किया है और प्रत्येक द्वीप को सात वर्षों (देशों) में। यह बटवारा स्वायम्भू मनु के पुत्र प्रियव्रत ने अपने पुत्रों में किया है। प्रियव्रत के दस पुत्र थे जिनमें से तीन तपस्वी हो गये। सात को उन्होंने कुल पृथ्वी बांट दी। प्रत्येक के बट में जो हिस्सा आया, वह द्वीप कहलाया। आगे चलकर इन सात पुत्रों के जो सन्तानें हुई उनके बटवारे में जो भूमि-भाग आया, वह वर्ष या आवर्त (देश) कहलाया। निम्न विवरण से यह बात भली भांति समझ में आ जाती है -
द्वीप - 1. जम्बू, 2. शाल्मली, 3. कुश, 4. क्रौंच, 5. शाक, 6. पुष्कर, 7. प्लखण ।
अधिकारी - 1. अग्निध्र, 2. वपुष्मान, 3. ज्योतिष्मान, 4. द्युतिमान, 5. भव्य, 6. सवन, 7. मेधातिथि।
कौंच द्वीप जो द्युतिमान को मिला था, वह भू-भाग हो सकता है जिसमें श्याम, चीन, कम्बोडिया, मलाया आदि प्रदेश अब स्थित हैं। यहां रूद्र की पूजा पुराण में होना बताई गई है। यहां रूद्र को तिग्मी कहा जाता था। [3]