Ayush Saran

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Author:Ram Lal Jani, Barmer
Ayush Saran

Ayush Saran is first Para Commissioned officer from Barmer, Rajasthan.

जीवन परिचय

लेफ्टिनेंट आयुष सारण का जन्म बाड़मेर जिले के नेहरों की ढाणी सिणधरी के राजूराम सारण के घर हीरों देवी की कौख से हुआ.

शैक्षणिक योग्यता

आयुष के पिताजी राजूराम सारण किसान है जिनके पास इतने पैसे नहीं थे कि उसको पढ़ाएं लेकिन उसकी पढ़ाई के प्रति ललक इतनी थी कि वह कम कमठे पर मजदूरी के लिए गया ,उसने बजरी के ट्रक भी खाली किए और अपनी पढाई को निरंतर जारी रखा गांव में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद सीनियर सेकेंडरी स्तर की पढ़ाई बाड़मेर से की.

Ayush Saran

आई एम ए में प्रशिक्षण

जुलाई 2014 से आई एम ए में प्रशिक्षण रत है इस ट्रेनिंग के दौरान आयोजित गतिविधियों और प्रदर्शन के आधार पर अलग-अलग रेजीमेंट के लिए चयन होता है कड़ी मेहनत उत्साह और कार्यकुशलता के कारण आयुष चौधरी को भारत के सबसे मजबूत कही जाने वाली रेजिमेंट टू पैरा स्पेशल फोर्स के लिए चयनित किया गया 9 जून 2018 को इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून में आयोजित पासिंग आउट परेड में 4 वर्ष की ट्रेनिंग के बाद आयुष को लेफ्टिनेंट की रैंक प्रदान की गई.

पैरा कमीशंड ऑफिसर

Ayush Saran

बाड़मेर की मरुस्थली धरती जवानों की बहादूरी और साहस के लिए हमेशा से ही प्रसिद्ध रही है। अब इस धरती से सेना में अधिकारी के रूप में भी दस्तख दे दी है। यह कारनामा कर दिखाया है बाड़मेर जिले के नेहरों की ढाणी सिणधरी के राजूराम सारण और हीरों देवी के बेटे लेफ्टिनेंट आयुष सारण ने।

आयुष जिले के वो प्रथम व्यक्ति है जो पैरा में कमीशंड ऑफिसर बने है। दरअसल इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून में आयोजित पासिंग आउट परेड में चार वर्ष की कड़ी ट्रेनिंग के बाद आयुष को लेफ्टिनेंट की रैंक प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि नेपाल के सेनाध्यक्ष जनरल राजेन्द्र चेती थे। पाइपिंग सेरेमनी के दौरान आयुष सारण की माता हीरों देवी और पिताजी राजूराम सारण बाड़मेर की पारंपरिक वेशभूषा में थे।

पाकिस्तान से लगी सीमा के जिले और निरक्षर किसान के बेटे द्वारा ऑफिसर बनने की खुशी में आईएमए तमाम अधिकारी उत्साहित होकर बधाईयाँ दे रहे थे। इतना ही नहीं आयुष सारण बाड़मेर में पढ़ाई के दौरान स्वयं मजदूरी करके खर्च वहन करता था। कभी कभार ट्रक खाली करता तो कभी कमठे पर जाया करता था। गौरतलब है कि पैरा स्पेशल फोर्स भारतीय सेना की सर्वोच्च लड़ाकू और खतरनाक टास्क को अंजाम देने वाली मानी जाती है। मुम्बई आतंकी हमले, सर्जिकल स्ट्राइक और उड़ी हमले में पैरा ने अद्भुत पराक्रम का परिचय भी दिया था।

लेफ्टिनेंट आयुष का बाड़मेर के युवाओं के लिए संदेश

राष्ट्र सेवा और जज्बे के लिए सर्वोत्तम क्षेत्र सेना है यहाँ हार्ड वर्क बहादुरी साहस उत्साह से उस मुकामको पाया जा सकता है बाड़मेर के युवाओं में बहुत काबिलियत है लेकिन अभी तक विजन छोटा रखकर सिर्फ सेना में जवानों की भर्ती होते हैं उचित तैयारी से उन्हें सैन्य अधिकारी के रूप में आगे आना चाहिए इसके लिए मैंने बहुत सी बाधाओं को तोड़ा है इंग्लिश और लाइक क्वालिटी के लिए बहुत अभ्यास किया मन में एक ही धुन थी कुछ करके दिखाना है.

External links

References