Bangali Babu
थोङे ही दिन के अन्दर चीर कर पहाङ समुन्द्र
चन्द्र बोष आजा आजा बंगाली बाबू आजा
मिशन यहाँ पर आता है जाता है नाच कर
क्या लेता है क्या देता है इसकी जाँच कर
क्रिप्स वाले खेल को गांधी ओर पटेल को
कोई रास्ता बताजा आजा बंगाली बाबू आजा
भारत में आये थे कह कर रंगून से
तेरा गुलशन सींचेंगे हम अपने खून से
आजाद हिन्द फ़ौज तेरी करती खोज रोज तेरी
दर्शन दिखलाजा आजा बंगाली बाबू आजा
अम्बेडकर की लीग को कुछ तमीज ना रही
सम्प्रदाय का मुँह पीटे वह चीज ना रही
स्वर्ग बीच चला गया सर छोटूराम निकाल गया
दुष्टों का जनाजा आजा बंगाली बाबू आजा
क्या सचमुच तुम रुठ गये हिन्दुस्तान पर
यह तो है दवाई यहाँ भारत के जवान पर
लहू दिखाकर मना लेंगे पृथ्वीसिंह तुझे बना देंगे
दिल्ली का राजा आजा बंगाली बाबू आजा
Digital text (Wiki version) of the printed book prepared by - Vijay Singh विजय सिंह |
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