Basant Singh Shyokand
चौधरी बसंत सिंह श्योकंद जाट 99 वर्ष की आयु में अपने परिवार में 11 सदस्य को ऑफिसर बनाकर स्वर्गवास हो गए । गांव डूमरखा, जिला जींद, हरियाणा के रहने वाले थे । खुद सिर्फ चौथी कक्षा पास होने के बावजूद घर में अफसरों की लाइन लगा देने वाले चौ. बसंत सिंह श्योकंद नहीं रहे । 99 वर्षीय बसंत ङ्क्षसह के परिवार में दो आईएएस, एक आईपीएस, दो आईआरएस सहित 11 क्लास वन अफसर हैं । कोरोना काल में लोग इकट्ठे होने से डरते हैं, इसलिए किसी को सूचना नहीं दी कि परिवार के वटवृक्ष उन्हें छोड़कर चले गए हैं । सिर्फ परिजनों ने ही उन्हें एकाकी विदाई दी । जींद जिले के गांव डूमरखां कलां के स्व. बसंत सिंह चार बेटों व तीन बेटियों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं । चारों बेटे क्लास वन अफसर बने तो एक पुत्रवधू आईएएस, पोता भी आईएएस और पोती आईपीएस । तीनों बेटी पोस्ट ग्रेजुएट और एक दोहती आईआरएस। बसंत सिंह कहते थे कि वह बेशक कम पढ़े-लिखे थे, लेकिन दोस्ती हमेशा बड़े लोगों व पढ़े-लिखों से की । जैसे वे अपने बच्चों को पढ़ाते थे, उसी तरह उन्होंने भी अपने बेटे-बेटियों को पढ़ाने पर पूरा जोर लगाया । बच्चों ने मेहनत की तो अफसर बन गए ।[1]