Bhai Maharaj Singh Tiwana

Bhai Maharaj Singh Tiwana was a freedom fighter from village Rabon in Payal Ludhiana tahsil of Ludhiana district in Punjab, India.
भाई महाराज सिंह टिवाणा
भाई महाराज सिंह पंजाब के पहले राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी और सेवा के पुंज के तौर पर जाने जाते हैं। उन्होंने ब्रितानी शासन के खिलाफ बगावत की चिंगारी पंजाब से सुलगाई थी। इनका जन्म टिवाणा जाट परिवार में हुआ था. लुधियाना जिले में जन्मे भाई महाराज सिंह अन्तिम लाहौर शासक महाराजा दलीप सिंह की रिहाई कराना चाहते थे, लिहाजा फिरंगी फौज कैद करके उन्हें सिंगापुर ले गई थी। बदलते दौर में धुंधले पड़े इस सुनहरे इतिहास को सामने लाने की कवायद लुधियाना से ही शुरू हुई है। लुधियाना के मलौद क्षेत्र में स्थित गांव रब्बो में जन्मे भाई महाराज सिंह को माता-पिता ने 'निहाल सिंह' नाम दिया था। बागी तेवरों वाले निहाल सिंह बड़े होकर भाई महाराज सिंह के नाम से प्रसिद्ध हुए। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बगावत के लिए चंब घाटी में उन्होंने संगठन बनाया। फिर महाराज दलीप सिंह को लाहौर के किले से रिहा कराने की योजना बनाई। तमाम क्रांतिकारी गुटों को संगठित कर उन्होंने अंग्रेजों के खजाने और छावनियों को लूटने की योजना तैयार की। व सफलताभी हासिल की, इसके अंग्रेज धबराए व कई कोशिशों के बाद भी पकड़ नहीं पाए व अंत में जिससे घबराई अंग्रेज सरकार 1850 में उनको बंदी बना सिंगापुर ले गई। व उनकों काले-पानी की सजा मिली व महान क्रांतिकारी शहीद हुए.
Source - Jat Kshatriya Culture
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References
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