Bharat Ki Deviyo

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बेधङक का हवाई जहाज
लेखक
पृथ्वीसिंह बेधङक



भारत की देवियो


भारत की देवियो भारत को मत बदनाम करो

अपनी कोख से राम लक्ष्मण पैदा घनश्याम करो


जिस वक्र तुम थी हम थे जब सारे भूमण्डल में

सारे खलक में थे सारे फ़लक में जल में थल में


जंगल में सिंहनी की तरह सिंह का प्रोग्राम करो

कुत्तियों की तरह से बच्चों को मतना बदनाम करो


तुमने कभी संसार में अपनी तलवार बजाई थी

उस वक्त यूरोप की सखी भारत मे ब्याही थी


आई थी जीत कर कैकई अब वह ही काम करो

अपनी हुकूमत अमरीका जर्मन ओर श्याम करो


माता किशोरी की तरह दुशमन को मोङ दो

कह्ता है पृथ्वीसिंह इस परदे को तोङ दो


रोङ दो खिचङी सी ऎसा सामान करो

अपने घरों में सूरजमल सर छोटूराम करो



Digital text (Wiki version) of the printed book prepared by - Vijay Singh विजय सिंह



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