Bheraram Bhakhar

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Bheraram Bhakhar

Bheraram Bhakhar is an Environmentalist from village Indroi in Barmer district of Rajasthan. He is teacher and loves of tree plantation.

Early life

Achievements in Brief

पौधों वाले माड़सा.....

पर्यावरण व वन्यजीव प्रेमी शिक्षक भैराराम भाखर को लोग अब इसी नाम से जानते हैं. माथे पर रंग-बिरंगी राजस्थान पगड़ी, हल्की मूंछे, सिर पर छोटे बाल और चेहरे पर मंद-मंद मुस्कान लिए जब वो पेड़-पौधों से लदी अपनी मोटरसाइकिल लेकर निकलते हैं तो लोग कह उठते हैं – वो देखो पौधों वाले माड़सा जा रहे हैं. पर्यावरण के प्रति भैराराम भाखर जितना प्रेम और समर्पण शायद ही किसी ओर में होगा. दिनभर स्कूल में बच्चों को पढ़ाते हैं और छुट्टी होते ही गांवों में पौधे बांटने निकल जाते हैं. पिछले 23 साल से यही सिलसिला चल रहा है. इस दौरान एक भी दिन ऐसा नहीं रहा होगा जब छुट्टी के दिन भाखर अपने घर में रूके हों. सूखा पेड़ और भूखा पशु-पक्षी देखकर उनकी आत्मा रो उठती है.

गांव-गांव, ढाणी-ढाणी और शहर-शहर घूमकर पर्यावरण चेतना और संरक्षण की अलख जगाते हैं. अब तक 2 लाख 71 हजार पौधे लगा चुके हैं और हर दिन पांच-सात नए पौधे लगाने निकल पड़ते हैं. सर्दी, गर्मी, लू, बरसात कभी उनका रास्ता नहीं रोक पाई. पौधे खरीदने से लेकर इन्हें गंतव्य तक पहुंचाने और जमीन में रोपने तक की जिम्मेदारी खुद निभाते हैं. न किसी से कोई मदद मांगी न कोई सहारा. साल में अपना एक माह का वेतन पर्यावरण संरक्षण पर खर्च करते हैं और मोटरसाइकिल पर रोज सैकड़ों किलोमीटर सफर तय करते हैं. पर्यावरण चेतना के लिए राजस्थान ही नहीं अन्य राज्यों में भी पहुंच जाते हैं. पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ अरसे पहले ही उन्होंने मोटरसाइकिल पर 5 राज्यों में 22 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी की. इस यात्रा के दौरान करीब एक लाख लोगों को अपने ‘पौधे लगाओ-जीवन बचाओ अभियान’ से जोड़ा. अब राजस्थान के 8 जिलों में 5 लाख मरुस्थली पौधे जाळ लगाने की मुहिम शुरू करने वाले हैं. मेरी भैराराम भाखर से कभी साक्षात मुलाकात तो नहीं हुई लेकिन सोशल मीडिया पर उनसे परिचय काफी पुराना है. जब भी उनसे बातचीत होती है तो नमस्कार या गुड मॉर्निंग जगह ‘हरित प्रणाम’ से अभिवादन करते हैं. पर्यावरण के ऐसे चितेरे और वन्यजीवों के सच्चे मीत भैराराम भाखर के इस जज्बे, जिद, मेहनत, समर्पण और हौसले को सलाम.

Source - Facebook Post of Anand Chaudhary, 23.5.2022

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