Bhimsen vedalankar
भीमसेन वेदालंकार
महर्षि दयानन्द के अनन्य भक्त एवं स्वामी श्रद्धानन्द के स्वप्न को मूर्तरूप देनेवाले तथा हरयाणा प्रान्त में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली के सूत्रधार चौधरी पीरूसिंह दहिया नें अपनी 300 बीघे पैतृक भूमि को गुरुकुल की स्थापना हेतु देने की प्रेरणा अपने छोटे भाई चौधरी शिवकरण को दी, जिन्होंने तुरन्त अपनी सहमति इस पुनीत कार्य के लिए देकर गुरुकुल मटिंडू की स्थापना में सहभागी बने।
इन्ही चौधरी शिवकरण के घर 14 मार्च 1914 को जिस बालक ने जन्म लिया परिवार ने उसका नामकरण भीमसेन के रूप में किया।